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अध्ययनकर्ताओं की चिंता: साल 2050 तक 80 करोड़ लोग हो सकते हैं इस समस्या के शिकार
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | लाइफस्टाइल में गड़बड़ी, मौजूदा समय की लगभग 60 फीसदी बीमारियों का प्रमुख कारण है। लोगों में बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता, एक जगह पर लंबे समय तक बैठकर काम करते रहने की आदत और व्यायाम की कमी ने कई क्रोनिक स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को काफी बढ़ा दिया है। इसे हृदय रोगों से लेकर डायबिटीज, मोटापे जैसी शारीरिक स्थितियों का कारण माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यदि हम सभी सिर्फ लाइफस्टाइल की दिक्कतों को ही ठीक कर लें तो कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव कर सकते हैं।
एक हालिया रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने खराब लाइफस्टाइल के ही कारण बढ़ती पीठ-कमर दर्द की समस्याओं को लेकर चिंता जताई है। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि वैश्विक स्तर पर 50 करोड़ से अधिक लोग गंभीर कमर दर्द की समस्या के शिकार हैं, साल 2050 तक यह आंकड़ा बढ़कर 80 करोड़ तक पहुंचने की आशंका जताई गई है।
आइए इसके जोखिम कारकों और बचाव के तरीकों के बारे में जानते हैं।जर्नल लैंसेट रुमेटोलॉजी में प्रकाशित एक विश्लेषण के अनुसार, साल 2050 तक दुनियाभर में 800 मिलियन (80 करोड़) से अधिक लोगों में गंभीर पीठ दर्द की समस्या होने का जोखिम हो सकता है। शोधकर्ताओ ने चिंता जताते हुए कहा है जिस तरह से लाइफस्टाइल की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं और इसमें सुधार के लिए कोई खास प्रयास भी नहीं देखा जा रहा है, ऐसे में अगले एक-डेढ़ दशकों में इसका जोखिम, साल 2020 की तुलना में 36 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
'एन एनालिसिस ऑफ द ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2021' अध्ययन से पता चला है कि 2017 के बाद से कमर-पीठ दर्द के मामलों की संख्या आधे अरब से अधिक दर्ज की गई है। इसके अलावा 2020 में पीठ दर्द के लगभग 619 मिलियन (61.9 करोड़) मामले सामने आए।