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कोरोना वैक्‍सीन से जुडे़ साइड्स इफैक्ट्स जाने रिसर्चर्स का कहना

Teja
9 Dec 2021 11:27 AM GMT
कोरोना वैक्‍सीन से जुडे़ साइड्स इफैक्ट्स जाने  रिसर्चर्स का कहना
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कोरोना वैक्‍सीन से जुडे़ साइड्स इफैक्ट्स जाने रिसर्चर्स का कहना

दि आप कोरोना संक्रमण से उबर चुके हैं तो एक नई स्टडी आपके लिए अच्छी खबर हो सकती है.


जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यदि आप कोरोना संक्रमण से उबर चुके हैं तो एक नई स्टडी आपके लिए अच्छी खबर हो सकती है.ये स्टडी कोरोना वैक्‍सीन से जुडे़ साइड्स इफैक्ट्स को लेकर है. इस स्टडी का निष्कर्ष अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) के मेडिकल जर्नल सर्कुलेशन (Circulation) में प्रकाशित किया गया है. रिसर्चर्स का कहना है कि ये स्टडी कोविड-19 वैक्सीन के दुर्लभ प्रतिकूल असर (Rare adverse effects) का सामना कर रहे युवाओं को राहत प्रदान करने वाली है. कोविड-19 वैक्सीन के प्रतिकूल असर के कारण कई बार दिल की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है. इसे मायोकार्डिटिस (Myocarditis) कहा जाता है. इसके हल्के लक्षण वाले 21 साल से कम उम्र के युवाओं को घबराने की जरूरत नहीं है. यह जल्द ही ठीक हो जाती है. वैसे मायोकार्डिटिस एक दुर्लभ व गंभीर बीमारी मानी जाती है, जिसमें दिल कमजोर पड़ जाता है. इसमें दिल की इलेक्ट्रिकल प्रणाली (electric system) भी प्रभावित होती है, जो उसकी नियमित पंपिंग (Pumping) के लिए जिम्मेदार होती है.
स्टडी के दौरान अमेरिका और कनाडा के 26 बाल चिकित्सा केंद्रों (Pediatric Centers) में उपलब्ध 21 साल से कम उम्र के युवाओं से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया गया.
क्या कहते हैं जानकार
बोस्टन चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल (Boston Children's Hospital) की एसोसिएट कार्डियोलॉजिस्ट और इस स्टडी को लीड करने वाली डॉ जेनडब्ल्यू. न्यूबर्गर ने कहा, ' कोविड वैक्सीन के प्रतिकूल असर संबंधी आंकड़ों की सीमित उपलब्धता के बीच हमने ऐसे लक्षणों वाले किशोरों और 21 साल से कम उम्र के युवाओं की फाइलों का अध्ययन किया.कोविड टीकाकरण के बाद मायोकार्डिटिस (Myocarditis) की शिकायतें सबसे ज्यादा किशोरों और युवाओं में आई हैं.'
घरेलू इलाज
डॉ जेन डब्ल्यू. न्यूबर्गर (Jane W. newburger) ने आगे बताया, '139 लोगों की स्टडी के दौरान एमआरएनए (MRNA) वैक्सीन दिए गए थे. वैक्सीन लगने के दो दिन के भीतर उन्हें सीने में दर्द, बुखार और सांस लेने में तकलीफ हुई. इनमें से हर पांचवे व्यक्ति को आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा. लेकिन उन्हें दो से तीन दिनों में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. किसी की भी मौत नहीं हुई.'
ओमिक्रॉन ज्‍यादा खतरनाक या डेल्‍टा?
बता दें कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन के आने के बाद कई देशों में सतर्कता पहले से ज्यादा बढ़ गई है. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के इमरजेंसिज डायरेक्‍टर माइकल रयान (Michael Ryan) ने कहा है कि अभी ऐसी कोई भी जानकारी नहीं मिली है, जिसके आधार पर कहा जा सके कि ओमिक्रॉन अत्‍यधिक संक्रामक है.
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उन्‍होंने कहा कि ओमिक्रॉन को पहले आ चुके डेल्‍टा या अन्‍य वेरिएंट से ज्‍यादा खतरनाक और जानलेवा कहना जल्‍दबाजी होगी. उन्‍होंने कहा कि हमें इस बात पर भी सोचना होगा कि जिस समय दुनियाभर के देशों में कोरोना का डेल्‍टा वेरिएंट फैला था उस वक्‍त किसी भी देश के पास वैक्‍सीन नहीं थी. अब हमारे पास उच्‍च क्षमता की वैक्‍सीन मौजूद है, जिन्‍होंने कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट पर बेहतर काम किया है. अभी से ये कहना कि वैक्‍सीन ओमिक्रॉन वेरिएंट पर काम नहीं करेगी, इसका कोई ठोस आधार दिखाई नहीं पड़ता है.


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