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फाइजर ने शुरू किया टीके का तुलनात्मक अध्ययन

Bhumika Sahu
26 Jan 2022 3:17 AM GMT
फाइजर ने शुरू किया टीके का तुलनात्मक अध्ययन
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दवा निर्माता कंपनी फाइजर ने कोविड-19 से मुकाबले के लिए तैयार मूल टीके और अत्यधिक संक्रामक ओमीक्रोन स्वरूप के लिए बदलाव कर तैयार किए गए टीके का तुलनात्मक अध्ययन शुरू किया है। फाइजर और उसके साझेदार बायोएनटेक ने मंगलवार को इस अध्ययन की घोषणा की।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दवा निर्माता कंपनी फाइजर ने कोविड-19 से मुकाबले के लिए तैयार मूल टीके और अत्यधिक संक्रामक ओमीक्रोन स्वरूप के लिए बदलाव कर तैयार किए गए टीके का तुलनात्मक अध्ययन शुरू किया है। फाइजर और उसके साझेदार बायोएनटेक ने मंगलवार को इस अध्ययन की घोषणा की।

मूल टीका अच्छा सुरक्षा प्रदान कर रहा : उल्लेखनीय है कि कोविड-19 टीका निर्माता ओमीक्रोन से मुकाबला करने के लिए अपने टीके में बदलाव कर रहे हैं ताकि वैश्विक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा आवश्यक बदलाव का फैसला करने की स्थिति में तैयार रहा जा सके। ओमीक्रोन से वायरस के पिछले स्वरूप की तुलना में उन लोगों में भी संक्रमण की अधिक संभावना है, जिन्हें टीका लगाया गया है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि क्या टीका में बदलाव की आवश्यकता है। अमेरिका में हुए अध्ययन में सामने आया है कि मूल टीका गंभीर लक्षण और मौत से अब भी अच्छा सुरक्षा प्रदान कर रहा है। साथ अमेरिका और अन्य जगहों पर हुए अध्ययन यह स्पष्ट करते हैं कि बूस्टर खुराक से सुरक्षा कवच मजबूत होती है और संक्रमण के हल्के लक्षण से बचने की संभावना बढ़ती है। अध्ययन के दौरान पहले समूह में करीब 600 प्रतिभागियों, जिन्हें तीन से छह महीने पहले फाइजर के मूल टीके की दो खुराक दी गई थी, उन्हें एक या दो ओमीक्रोन आधारित बूस्टर खुराक दी जाएगी, जबकि दूसरे समूह में ऐसे 600 लोग जिन्हें पहले ही तीन नियमित खुराक दी जा चुकी है, उन्हें चौथी खुराक के तहत नियमित टीके या ओमीक्रोन आधारित टीके की खुराक दी जाएगी।
18 से 55 साल उम्र के 1,420 वयस्क पंजीकृत
फाइजर की टीका अनुसंधान प्रमुख कैथरीन जैनसन ने कहा, हम समय के साथ इस सुरक्षा के कम होने और भविष्य में ओमीक्रोन और नए स्वरूप से निपटने में मदद करने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता को पहचानते हैं। नए अमेरिकी अध्ययन के लिए 18 से 55 साल उम्र के 1,420 स्वस्थ वयस्कों को पंजीकृत कर रहे हैं ताकि अद्यतन किए गए टीके का बूस्टर के तौर पर या प्राथमिक टीकाकरण के तौर पर परीक्षण किया जा सके।


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