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खट्टी-मीठी, रसीली नाशपाती में विटामिन्स और मिनरल्स खूब होते हैं. इसके यही गुण मानव शरीर के रक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं
खट्टी-मीठी, रसीली नाशपाती में विटामिन्स और मिनरल्स खूब होते हैं. इसके यही गुण मानव शरीर के रक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं. इसमें पाए जाने वाले रेशे पाचन तंत्र को भी मजबूत करते हैं, जो मनुष्य को स्वस्थ रखते हैं. हजारों सालों से खाया जाने वाला यह फल शरीर में रक्त की कम को भी पूरा करता है. देवताओं का फल भी कहा गया है नाशपाती को.
पश्चिमी देशों में नाशपाती को 'बटर फ्रूट' भी कहा जाता है. उसका कारण यह है कि पकने पर खाते वक्त यह इतनी मुलायम लगती है, जैसे मक्खन हो. पूरे विश्व में नाशपाती की लगभग 3000 किस्में पाई जाती हैं. भारत में नाशपाती, नाग और बब्बूगोशे तीनों एक ही (Pear) हैं. भारत (एशिया) में मिलने वाली नाशपाती खस्ता और कम नर्म होती है और इसका कुछ दिनों तक भंडारण भी किया जा सकता है, जबकि यूरोपीय नाशपाती नर्म व खासी रसीली होती है. यह पेड़ पर ही पकती है और इसे अधिक समय तक स्टोर नहीं किया जा सकता. भारत में इसी को बब्बूगोशा कहा जाता है.
इस फल के कई उत्पत्ति केंद्र हैं
रिसर्च की मानें तो नाशपाती का उत्पत्ति केंद्र दुनिया के अलग-अलग भूभाग रहे हैं. मोटे तौर इस फल के चार उत्पत्ति केंद्र माने जाते हैं, जिनमें पहला उर्वर अर्धचंद्राकार क्षेत्र (Fertile crescent) है, जिनमें इजरायइल से लेकर ईरान-इराक और तुर्कमेनिस्तान शामिल है. दूसरा केंद्र मिडिल ईस्ट कहलाता है, जिसमें अंदरूनी एशिया का क्षेत्र शामिल है. तीसरा सेंटर सेंट्रल एशियाटिक माना जाता है, जिसमें भारत, अफगानिस्तान उज्बेकिस्तान आदि शामिल हैं. चौथा सेंटर चीन व दक्षिण पूर्व एशिया माना जाता है, जिसमें चीन, ताइवान, थाईलैंड, मलेशिया, कोरिया, वियतनाम शामिल है. ये ऐसे भूभाग हैं, जहां हजारों वर्ष पूर्व सब्जियों व फलों को उगाया जा रहा था और जानवरों को भी पालतू बनाया जा रहा था.
होमर ने कहा था- 'देवताओं का फल' है नाशपाती
एक रिपोर्ट यह भी कहती है कि नाशपाती का उत्पत्ति केंद्र पश्चिमी यूरोप व उत्तरी अफ्रीका भी है. इन उत्पत्ति केंद्रों से यह बात जाहिर हो जाती है कि दुनिया में नाशपाती हजारों साल पूर्व एक साथ या अलग-अलग उपजी और उसने अपना स्वाद पूरी दुनिया में बिखेरा. अगर इसका उपज काल देखें, तो चीन में 2000 ईसा पूर्व इसकी खेती की जा रही थी. दूसरी ओर यूनान में 1000 ईसा पूर्व पैदा हुए प्रख्यात कवि होमर ने अपने महाकाव्य Odyssey में नाशपाती को 'देवताओं का फल' कहा है. कहते हैं कि भारत में नाशपाती यूरोप और ईरान के रास्ते आई. वैसे, जाने-माने लेखक युक्तेश्वर कुमार ने अपनी पुस्तक 'A History Of Sino-Indian Relations' में लिखा है कि आड़ू और नाशपाती पूर्वी हान काल (25 से 220 ईस्वी) के दौरान भारत में आए थे.
Ritisha Jaiswal
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