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माता-पिता बनना दुनिया का जितना अच्छा सपना होता है, उतना ही यह सफर जिम्मेदारियों से भी भरा रहता है।
माता-पिता बनना दुनिया का जितना अच्छा सपना होता है, उतना ही यह सफर जिम्मेदारियों से भी भरा रहता है। बच्चे की परवरिश करना माता-पिता के लिए बहुत ही कठिन काम होता है। खासकर आजकल के बिजी लाइफस्टाइल के कारण बच्चे और बाहरी कामों में संतुलन बनाए रखना भी बहुत मुश्किल हो गया है। यदि माता-पिता बच्चों को समय न दे पाएं तो वो और भी ज्यादा शैतान होने लगते हैं। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं, माता-पिता से दूर जाने लगते हैं। यदि आपका बच्चा भी 10 साल का हो गया है तो उसे यह बातें जरुर सिखाएं। इस उम्र में सिखे हुए अच्छे संस्कार, सही परवरिश और अच्छी शिक्षा सारी जिंदगी काम आती है। तो चलिए आपको बताते हैं कि कौन सी बातें आपको बच्चों को इस उम्र के बाद सिखानी चाहिए...
बच्चे को पॉजिटिव रहना सिखाएं
आजकल के बदलते समय और टैक्नोलोजी के विकास के कारण यह काम आसान तो हो गया है, लेकिन बच्चों में भी कई तरह से नेगेटिविटी बढ़ रही है। बच्चों को नेगेटिविटी से बचाने के लिए आप 10 साल के बाद उन्हें पॉजिटिव चीजों के बारे में बताना शुरु कर दें। यदि बच्चे पॉजिटिव रहेंगे तो उनके दिमाग में पाई जाने वाली कोशिकाएं और न्यूरॉन्स भी पॉजिटिव्टी से कार्य करेंगे। इसलिए माता-पिता को शुरुआत से ही बच्चों को पॉजिटिव गुणों से अवगत करवा देना चाहिए।
बच्चों की बॉडी पार्ट्स के बारे में बताएं
भले ही समय बदल रहा है लेकिन आज भी कई लोग समाज के कुछ अहम मुद्दों पर बात करने से बचते हैं। कुछ अहम मुद्दों को अक्सर इग्नोर कर देतचे हैं। लेकिन आपको आज के जमाने के अनुसार, बच्चे को तैयार करना चाहिए। यदि आपका बच्चा 10 साल से बड़ा हो गया है तो उसे गुड और बेड टच के बारे में जरुर बताएं। शरीर के अंगों के बारे में भी जरुर बताएं।
बच्चे को हर किसी का सम्मान करना सिखाएं
बच्चों को बड़े होने के साथ-साथ यह भी जरुर बताएं कि हर कोई इंसान एक जैसा है। कभी भी वह किसी में भेद न करें। यदि बच्चे हर किसी व्यक्ति का सम्मान करेंगे तो यह गुण उनके अंदर पॉजिटिव पर्सेनेलिटी का विकास करेंगे। इससे बच्चों को आगे चलकर हमेशा व्यक्तितत्व अच्छा रहेगा।
बच्चों को साफ-सफाई के बारे में बताएं
बच्चों को इस उम्र के बाद अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी खुद बताएं। उन्हें बताएं कि शरीर को स्वस्थ और हैल्दी रखने के लिए साफ-साई कितनी जरुरी है। बच्चों को शारीरिक और मानसिक रुप से मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए उनके पर्सनल हाइजीन के बारे में भी जरुर बताएं।
माता-पिता खुद बनें बच्चों के रोल मॉडल
बच्चे अक्सर अपने माता-पिता को देखकर ही चीजें सिखते हैं। इसलिए माता-पिता को ही बच्चों का रोल मॉडल बनना चाहिए। माता-पिता के व्यवहार को देखकर ही बच्चे सबकुछ सीखते हैं। इसलिए हमेशा अपना व्यवहार ऐसा रखें कि बच्चे आपको देखकर अच्छी चीजें ही सीखें।
Ritisha Jaiswal
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