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कामकाज में इंटरनेट के बढ़ते उपयोग से आज स्थानीय भाषाओं में करियर की संभावनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। आजकल विदेशी बाजारों से संपर्क स्थापित करने और बाजारों में खुद को स्थापित करने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने कंटेट को स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध करा रही है। गूगल, एमेजॉन और नेटफ्लिक्स सहित सभी बड़ी-बड़ी कंपनियों का वैश्विक स्तर पर तेजी से विस्तार हो रहा है। ऐसे में रोजगार के लिहाज से युवाओं के लिए यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है।
ऐसे में इन कंपनियों को भाषा विशेषज्ञों की जरूरत पड़ती है। यही नहीं, वैश्वीकरण के इस दौर में आप किसी दूसरे देश की भाषा सीखकर भी अन्य देशों में जाकर नौकरी कर सकते हैं या भारतीय भाषाओं में पारंगत होकर विदेश जा सकते हैं हालांकि, अधिकतर कंपनियां यह काम किसी एजेंसी के माध्यम से करा रही है और एजेंसी इसके लिए अनुवादकों, प्रूफ रीडिंग करने वालों और रिव्यूयर की भर्ती करती है।
इसी वजह से अंग्रेज़ी के साथ-साथ किसी देशी भाषाओं में पकड़ रखने वाले अनुवादकों की मांग में काफी तेजी आई है और इस क्षेत्र में नौकरी के कई बेहतर विकल्प मौजूद हैं। इस क्षेत्र में बेहतर नौकरी के साथ-साथ सैलरी पैकेज (वेतन) भी काफी अच्छा है। इस रचनात्मक क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए ट्रांसलेटर या रिव्यूयर बनना एक बेहतर करियर विकल्प साबित हो सकता है।
जानकारों का कहना है कि इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए कम से कम दो भाषाओं (सोर्स लैंग्वेज ऐंड टारगेट लैंग्वेज) पर कमांड होना चाहिए। सोर्स लैंग्वेज वह होता है जिसका आपको ट्रांसलेशन करना होता है। वहीं, टारगेट लैंग्वेज का मतलब वह भाषा है जिसमें आप अनुवाद करते हैं।
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि अनुवादक को स्पीड, एक्यूरेसी और क्वालिटी के साथ-साथ टारगेट ऑडिएंस को ध्यान में रखकर अनुवाद करना होता है। उन्होंने कहा कि लोकलाइजेशन के लिए अंग्रेजी-हिंदी का ज्ञान ही नहीं, बल्कि देशी भाषाओं का ज्ञान भी अहम है। मराठी, बांग्ला, पंजाबी, मलयालम, तमिल जैसी कई भाषाओं का ज्ञान भी आपके करियर के लिए बेहतर हो सकता है।
इसमें अनुवाद करते समय शब्दों के विकल्पों में से सटीक शब्दों का चयन करना होता है और यह तभी संभव है जब भाषा और विषय वस्तु पर अच्छी पकड़ हो। इसके लिए व्याकरण और शब्दावली का भी ध्यान रखना होता है। जिस कंपनी के लिए काम कर रहे हों उसके प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल या उसके बारे में रिसर्च करने से काफी मदद मिल सकती है।
अनुवाद करना एक रचनात्मक प्रक्रिया है और इसमें पारंगत होने के लिए अभ्यास की जरूरत होती है। इसके तहत आप सिर्फ शब्द का नहीं, बल्कि भावानुवाद भी करते हैं और ऐसे में तब ज्यादा परेशानों का सामना करना पड़ता है, जब आपको दूसरी भाषा के मुहावरे और टोन का पता नहीं होता है।
आप अगर इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो आपके पास फुल टाइम और पार्ट टाइम नौकरी करने का विकल्प भी होगा। जो इच्छुक लोग इस क्षेत्र में घर बैठे काम करना चाहते हैं उनके लिए फ्रीलांस अनुवाद एक बेहतर विकल्प है और इसमें आप दिन में कुछ घंटे निकालने के साथ अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।
{जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।}
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Rani Sahu
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