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अंडरआर्म्स के लिए टोनर का इस्तेमाल, धीरे-धीरे ट्रेंड बन रहा है
अंडरआर्म्स स्किन भले ही बिल्कुल सामने नहीं दिखती है या नहीं देखी जा सकती है, लेकिन हम सब इस एरिया की हाइजीन इम्पोर्टेंस के बारे में बहुत अच्छी तरह से जानते हैं. चेहरे और शरीर के बाक़ी हिस्सों की तरह ही अंडरआर्म्स एरिया की देखभाल भी बहुत ज़रूरत होती है. अंडरआर्म्स की स्किन हमेशा ढकी रहती है और यह तभी दिखाई देती है जब हम अपने हाथों को हिलाते-डुलाते हैं. इसका मतलब बिल्कुल साफ़ है कि इस एरिया में पसीना और रगड़ लगातार जारी रहती है.
अंडरआर्म्स का डार्क होना बहुत ही सामान्य है, ख़ासकर महिलाओं के अंडरआर्म्स का और इसमें कोई शर्म वाली बात नहीं है! आमतौर पर डार्क अंडरआर्म्स के कारण इन्ग्रोन हेयर्स, शेविंग, कपड़ों से होनेवाली रगड़, हार्श डियो या परफ़्यूम का इस्तेमाल, डेड स्किन सेल का जमा होना, अधिक पसीना और यहां तक जेनेटिक्स होते हैं. कई बार किसी डार्क अंडरआर्म्स कई दूसरी बीमारियों का संकेत भी देते हैं.
इन सारे कारणों के बावजूद बदबूदार अंडरआर्म्स परेशानी का विषय हैं, जिसका सामना ज़्यादातर महिलाएं करती हैं. कभी-कभार तो ऐसा भी होता कि डियोड्रेंट्स के इस्तेमाल के बाद, जितना हम सोचते हैं उसे जल्दी बदबू आना शुरू हो जाती है.
वैसे इस परेशानी से उबरने के लिए टोनर का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो सच में काम करता है!
अंडरआर्म्स के लिए टोनर का इस्तेमाल, धीरे-धीरे ट्रेंड बन रहा है, लेकिन वास्तव में यह बेहद कारगर नुस्ख़ा है और इसलिए लोकप्रियता हासिल कर रहा है. आपको बता दें कि अंडरआर्म्स से आनेवाली बदबू, पसीने से नहीं आती है, क्योंकि पसीने की अपनी कोई गंध नहीं होती है. होता यह कि जब अंडरआर्म्स में पसीना होता है, तो वह वहां पर पहले से मौजूद बैक्टीरिया के साथ मिल जाता है और फिर उस गंध आना शुरू हो जाती है, जो बर्दाश्त करना मुश्क़िल हो जाता है. यदि आप बैक्टीरिया और डेड सेल्स को उस एरिया से अच्छी तरह से साफ़ कर देते हैं, तो बदबू के साथ ही डार्क अंडरआर्म्स को बेहतर बनाया जा सकता है.
फ़ेशियल टोनर का मुख्य काम, पोर्स के अंदर छिपे बैक्टीरियाज़ को मारना, डेड स्किन सेल्स को धीरे-धीरे हटाना और त्वचा के पीएच लेवल को कंट्रोल करना होता है.
जब आप इसका इस्तेमाल अंडरआर्म्स के लिए करती हैं, तो यह बैक्टीरिया को मारकर गंध को दूर करने में मदद करता है. अंडरआर्म्स को पूरे दिन फ्रेश और एक सौम्य ख़ूशबू देने के लिए यह एक बहुत ही बढ़िया तरीक़ा है. टोनर से ना सिर्फ़ बैक्टीरिया का सफ़ाया होगा, बल्कि यह आपके अंडरआर्म्स स्किन के पीएच लेवल को संतुलित बनाए रखेगा, जिससे अतिरिक्त पसीने को नियंत्रित किया जा सकता है और ताज़गी को बढ़ावा मिलता है. एक बार जब वह एरिया टोंड हो जाएगी, उसके बाद आप एक्स्ट्रा प्रोटेक्शन के लिए डियोड्रेंट भी लगा सकती हैं.
यदि आप एक ऐसे टोनर का इस्तेमाल करती हैं, जिसमें अल्फ़ा हाइड्रॉक्सी एसिड (एएचए) या बीटा हाइड्रॉक्सी एसिड (बीएचए) जैसे ऐक्टिव घटक मौजूद हैं, तो आपको ना सिर्फ़ बदबूदार अंडरआर्म्स से छुटकारा मिलेगा, बल्कि डार्कनेस में भी कमी आएगी. एएचए युक्त टोनर डेड सेल्स को हटाने में मदद करते हैं और बीएचए में ऐंटी-इन्फ़्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. इन दोनों का कॉम्बिनेशन डार्क अंडरआर्म्स को ठीक करने के लिए एकदम सही हैं. इसलिए टोनर को अपने रोज़ाना की अंडरआर्म्स केयर रूटीन का हिस्सा बनाएं, जिससे आपके अंडरआर्म्स बहुत ही हेल्दी दिखेंगे. ग्लाइकोलिक एसिड या सैलिसिलिक एसिड युक्त टोनर भी डार्क अंडरआर्म्स से छुटकारा पाने के लिए बढ़िया विकल्प हैं.
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Apurva Srivastav
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