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कोरोना से ज्यादा इन वायरस ने मचाई इस साल तबाही

Teja
2 Jan 2022 6:52 AM GMT
कोरोना से ज्यादा इन वायरस ने मचाई इस साल तबाही
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इस साल कोरोना ने ही नहीं बल्कि और खतरनाक वायरस ने भी हमारी जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया जिसके चलते कई लोगों ने अपनी जानें गंवाई।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | इस साल कोरोना ने ही नहीं बल्कि और खतरनाक वायरस ने भी हमारी जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया जिसके चलते कई लोगों ने अपनी जानें गंवाई। इस दर्द को सालों साल लोग भुला नहीं पाएंगे। जानिए ऐसे ही कुछ वायरसों के बारे में, जिन्होने 2021 में भारी तबाही मचाई है।

नोरोवायरस
- इस साल नवंबर में केरल के एक वेटेरीनरी कॉलेज के 13 स्टूडेंट्स में नोरोवायरस संक्रमण के केस सामने आए।
इसके संक्रमण से पेट संबंधित गंभीर परेशानी सामने आती है। डायरिया जैसी हालात हो जाती है। 1968 में यह अमेरिका के नोरवॉक शहर से आया।
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- अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक विश्व में डायरिया और उल्टी से संबंधित जटिलताओं के कारण बीमार हुए पांच मं से एक मरीज नोरोवायरस से संबंधित है।
जीका वायरस
- इस साल भारत में करीब सौ से ज्यादा जीका वायरस से संक्रमण के मामले सामने आए।
- जीका वायरस का प्रकोप भी सबसे ज्यादा केरल में रहा। इस वायरस से संक्रमण का पहला मामला यूगांडा से आया था।
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- हल्का बुखार, स्किन पर दाने, आंखों में खुजली, बदन दर्द जैसे लक्षण इस बीमारी में दिखाई देते हैं।
- हालांकि, आमतौर पर बहुत दिनों तक जीका वायरस के लक्षण नहीं दिखाई देते।
रिफ्ट वैली फीवर
- अफ्रीका के कई देश रिफ्ट वैली फीवर का प्रकोप है। रिफ्ट वैली फीवर नाम के वायरस से यह बीमारी होती है। इस बीमारी में ब्लीडिंग होती है और कंफ्यूजन रहता है।
- जल्द ही संक्रमण लिवर तक पहंच जाता है। यह बीमारी बहुत घातक है। अगर रिफ्ट वैली फीवर संक्रमित व्यक्ति को ब्लीडिंग शुरू हो गई तो उनमें 50 परसेंट की मौत तय है।
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निपाह
- 1999 में मलेशिया से शुरू होकर आज निपाह वायरस का प्रकोप कई देशों में है। यह वायरस सु्अर से इंसानों में आया था। भारत के अलावा बांग्लादेश, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, फिलीपींस और थाईलैंड में भी इस साल इस वायरस का प्रकोप रहा।
- इस साल केरल में निपाह वायरस के कारण एक 12 साल के बच्चे की मौत हो गई थी। 4 सितंबर को निपाह से पीड़ित 5वां केस सामने आया। इस बीमारी में बुखार, कफ, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ और मतिभ्रम जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
दो से तीन दिन के अंदर मरीज कोमा में चला जाता है। इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद 50 से 75 परसेंट लोग मर जाते हैं।


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