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बड़ी कमाल की चीज है आमलेट. आमलेट कहां से आया और गया, सब बेकार की बात है. आमलेट एक ऐसी डिश है जो दिन में कभी भी खाई जा सकती है. सुबह नाश्ते में खा सकते है. शाम में मीठी चाय के आप आमलेट गपक सकते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बड़ी कमाल की चीज है आमलेट. आमलेट कहां से आया और गया, सब बेकार की बात है. आमलेट एक ऐसी डिश है जो दिन में कभी भी खाई जा सकती है. सुबह नाश्ते में खा सकते है. शाम में मीठी चाय के आप आमलेट गपक सकते हैं. दोपहर में आमलेट परांठे के साथ खाया जा सकता है और देर रात ड्रिंक्स के साथ साथ चखने में भी आप इसका सेवन कर सकते हैं. रात को खाना न मिले तो रेलवे स्टेशन के पास जाकर आमलेट परांठा और आमलेट ब्रेड पेल के खा सकते हैं.
देश और विदेश में आमलेट के कई अवतार हैं, क्योंकि आमलेट भी दुनिया का सबसे ज़्यादा खाये जाने वाला नाश्ता है. आमलेट की सबसे ख़ास बात ये है कि इसको बनाने के लिए केवल एक मसाले की ज़रुरत होती है और वो है नमक. वैसे तो इसमें दुनिया भर का ताम झाम डाला जा सकता है, लेकिन केवल नमक के साथ बना अच्छा आमलेट बिरयानी पर भारी पड़ सकता है. आमलेट के लिए केवल दो अंडे चाहिए और पकाने के लिए तवा और थोड़ी सी चिकनाई. इस मामले में भी आमलेट मीन मेक नहीं करता. तेल, मक्खन, या लार्ड , आप किसी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
यूरोप से आया आमलेट
अगर आमलेट के इतिहास की बात की जाए तो इसके पदचिन्ह यूरोप में मिलते हैं. आमलेट के जन्म से दो किवदंतियां जुडी हुई हैं. पहली किवदंती जुडी है फ्रांस के शहंशाह नैपोलियन बोनापार्ट से. नैपोलियन की फ़ौज यूरोप में फ्रांस के एक शहर से निकल रही थी और नैपोलियन को कस कर भूक लग रही थी. वो एक सराय गए और वहां कुछ खाने को मांगा. उसने आमलेट बना कर खिलाया. नैपोलियन इतना खुश हुआ कि उसने पूरी शहर के अंडे जमा करवा दूसरे दिन अपनी फ़ौज के लिए सबसे बड़ा आमलेट बनवा कर बटवा दिया. आज भी ईस्टर के दिन फ्रांस में बिसे शहर में नैपोलियन की याद में बहुत बड़ा आमलेट बनाया जाता है.
दूसरी कहानी रोमन साम्राज्य से जुडी हुई है. किताबों में इस बात का ज़िक्र है की रोम में लोग अण्डों में शहद मिलाकर खाते थे जिसे ओवमीले कहा जाता था. लेकिन आमलेट शब्द फ्रेंच है. यानी बुनियादी भाषा में इसका मतलब है एक छोटा सा ब्लेड. यानी जो तलवार की ब्लेड जैसे दिखता हो.
हर देश में अलग तरह का आमलेट
आमलेट भी तरह तरह के होते हैं. अगर आप जापान जाएं तो आमलेट मीठा होता है और खाने के साथ खाया जाता है. इसको पकाने का तरीक़ा भी अलग है. इसकी कई परते जाती हैं. वहीं फ्रेंच आमलेट अपने आप में अनूठा है. उसमें नमक के अलावा किसी भी चीज़ का इस्तेमाल नहीं होता. हिन्दुस्तान की तरह आमलेट में नमक और मसाला नहीं मिलाया जाता है. इसको सादा बनाया जाता है. बनने के बाद ऊपर से नमक डाला जाता है.
अगर आप अच्छा आमलेट नहीं बना सकते तो आपको रद्दी कुक माना जाता है. ये ऐसा है कि अगर आप दाल ठीक से नहीं बना सकते तो हिन्दुस्तान में माना जायेगा कि आप अच्छा खाना नहीं पका सकते हैं. लेकिन फ्रेंच आमलेट की एक और ख़ास बात है कि ये ऊपर से पूरा पका हुआ होता है और अंदर आधा पका हुआ होता है. इसको बनाना किसी तस्वीर बनाने से कम नहीं होता है क्योंकि केवल दिखता आसान है. वहीं टर्की में टमाटर की परत पर अंडों को डाल कर आमलेट बनाया जाता है. स्पेन में आलू के साथ आमलेट को बनाया जाता है और पश्चिम अमेरिका में आमलेट के अंदर मीट डाला जाता है.
भारत में कई तरह के आमलेट
हिन्दुस्तान में भी हज़ारों तरीके के आमलेट बनाये जाते है. पहाड़ों पर जाइये तो चीज़ और मैगी आमलेट मिलेगा. दक्षिण भारत में कड़ीपत्ता आमलेट मिलेगा. गरम मसाला आमलेट, मशरुम आमलेट, प्याज और टमाटर वाला आमलेट, बेक किया ऑमलेट, आमलेट को अनगिनत तरीके से बनाया जा सकता है.
आप एग वाइट का भी आमलेट बना सकते हैं अगर आपको कोलेस्ट्रॉल के समस्या है. इसलिए हर हिसाब से आमलेट बेमिसाल है. आधी सी ज़्यादा दुनिया में आमलेट के बिना सुबह के नाश्ते की कल्पना नहीं हो सकती. चाहे होटल में कुछ मिले न मिले लेकिन आमलेट ब्रेड ज़रूर मिलना चाहिए. इसके अलावा आमलेट में प्रोटीन होता है और एमिनो एसिड भी होते हैं जिसकी ज़रुरत शरीर को होती है. यानी आमलेट पौष्टिक भी होता है. इसलिए जब मौका मिले तो मॉकटेरियन हो जाएं और आमलेट अवश्य खाएं.
Shiddhant Shriwas
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