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बारिश में तेजी से फैल रहे कंजंक्टिवाइटिस बचने के तरीके जानें

Manish Sahu
26 July 2023 5:03 PM GMT
बारिश में तेजी से फैल रहे कंजंक्टिवाइटिस बचने के तरीके जानें
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लाइफस्टाइल: आजकल 'पिंक आई' का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है। नहीं, नहीं, हम यहां फिल्म 'बार्बी' के खुमार में पिंक आई का जिक्र नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह आंख आने की समस्या है। इसे कंजंक्टिवाइटिस और अंजनि भी कहा जाता है। बारिश में वायरल इंफेक्शन के चलते इसकी समस्या उत्पन्न होती है।
कंजंक्टिवाइटिस में आपकी एक आंख में जलन और चुभन होती है। आप सुबह आंख खोलने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह खुल नहीं पाती। आंखों में लगातार खुजली होती है और लाल रहती है। वायरल और बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस संक्रामक हैं। ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। इन दिनों दिल्ली एनसीआर में इसके कई मामले में देखे जा रहे हैं, ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप इससे बचाव कर सकते हैं।
क्या होता है कंजक्टिवाइटिस?
आपकी आंखों के सफेद भाग को कवर करने वाले कंजंक्टिवा में जब इंफेक्शन होता है और जलन और सूजन की समस्या बढ़ती है, तो पिंक आई होता है। यह एलर्जी, बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन के कारण हो सकता है। यह संक्रामक होता है और संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले स्राव के संपर्क में आने से फैलता है।
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कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण क्या हैं?
जैसा कि हमने बताया कि यह आंखों में होने वाला एक इंफेक्शन है और इससे पहले दिखने वाले लक्षणों को ऐसे पहचानें-
आंखों में खुजली और जलन होने लगती है।
आंखों का सफेद भाग हल्का गुलाबी होने लगता है।
कंजंक्टिवा में सूजन नजर आने लगती है और आंखें हमेशा नम रहती हैं।
कई मामलों में आंख में मवाद बनने लगता है और स्राव होता है
सुबह के समय पलकों में पपड़ी जमने लगती है और आंख खोलने में परेशानी होती है।
वायरल कंजंक्टिवाइटिस कोल्ड, फ्लू और अन्य रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के कारण हो सकता है। इसमें इंफेक्शन पहले एक आंख में होता है और फिर दोनों में फैलता है। आंखों से निकलने वाला स्राव गाढ़ा होता है।
बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस में आंखों में पस बनने लगता है और यह पलकों पर चिपका रहता है। कई बार इसके कारण कान में भी इंफेक्शन हो जाता है। वहीं, एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस दोनों आंखों में होता है और इससे तेज खुजली, पानी बहना और आंखों में स्वेलिंग रहती है। इसके कारण नाक में भी खुजली होती है। गले में खराश रहती है और छींक आने की समस्या बढ़ जाती है।
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अगर आपको कंजंक्टिवाइटिस है तो क्या करें?
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल और प्रिवेंशन ने कंजंक्टिवाइटिस के लक्षणों के साथ-साथ इसके बचाव भी बताएं। यदि आपको इंफेक्शन हो गया है, तो इन बातों का ध्यान रखें-
अपने हाथों को साबुन और गर्म पानी से अच्छी तरह धोएं। अपनी आंखों को साफ करने से पहले या कोई ऑइंटमेंट डालने से पहले 20 सेकंड तक हाथों को धोएं। इसके अलावा, अपने पास सैनिटाइजर हमेशा रखें।
अपनी आंखों को बार-बार छूने से बचें। इंफेक्शन के दौरान आंखों में बहुत खुजली होती है, ऐसे में आंखें मले नहीं।
आंखों के पास जमे हुए पस को हाथ धोकर ही साफ करें। आंखों को साफ करने के लिए साफ कॉटन का ही इस्तेमाल करें।
अपने तकिए के कवर, बेडशीट्स और तौलिए को अच्छी तरह गर्म पानी में धोएं।
कुछ समय के लिए कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल न करें। अपने डॉक्टर से सलाह लें और अगर वह कहें, तभी उनका इस्तेमाल करें।
अपनी पर्सनल आइटम्स को शेयर करने से बचें। किसी भी तरह का मेकअप प्रोडक्ट (जरूरी मेकअप प्रोडक्ट्स) या अन्य चीजों का आदान-प्रदान बिल्कुल न करें।
अगर आपके आसपास वाले किसी व्यक्ति को कंजंक्टिवाइटिस है, तो आपको अपनी हेल्थ का ध्यान देना चाहिए। इंफेक्टेड व्यक्ति से यदि कॉन्टैक्ट हुआ है, तो तुरंत अपने हाथों को साबुन से धोएं। उसकी किसी भी पर्सनल चीज को बिल्कुल न छुएं। अपनी आंखों को छूने से बचें। इन बातों का ध्यान रखें और इंफेक्शन के जोखिम से बचें।
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