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लैवेंडर तेल के फायदे
लैवेंडर के तेल में बहुत से प्राकृतिक गुण पाए जाते हैं। इसमें लगभग 150 से अधिक सक्रिय घटक पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें फंगस रोधी, सूजनरोधी, सूक्ष्मजीवी रोधी, अवसादरोधी, रोगाणुरोधी, जीवाणुरोधी आदि गुण पाए जाते हैं। इसमें मौजूद इन सभी गुणों के कारण ही इसका इस्तेमाल व्यापक रूप में किया जाता है। इसका सर्वाधिक इस्तेमाल सौंदर्य निखारने के लिए भी किया जाता है।
लैवेंडर के तेल का इस्तेमाल अच्छी नींद के लिए बहुत फायदेमंद होता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि लैवेंडर के तेल के इस्तेमाल से एक बेहतर नींद का अनुभव किया जा सकता है। इसके अलावा लैवेंडर के तेल मनोदशा को स्थिर करने और हमारी भावनाओं को संतुलित करने में भी सहायक होता है।
लैवेंडर के तेल के इस्तेमाल से माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। इसमें ऐसे प्राकृतिक गुण पाए जाते हैं जो सिर के दर्द से राहत पहुंचाने में एक अहम भूमिका निभाते हैं। इसके इस्तेमाल से हमारे मस्तिष्क के मांसपेशियों के तनाव में राहत मिलती है जिसके कारण अक्सर सिर दर्द हो जाता है। एक अध्ययन से पता चला है की लैवेंडर के तेल की खुशबू लेने से तनाव कम होता जिससे सिरदर्द में आराम मिलता है। तेज सिर के दर्द में एक साफ रुमाल पर लैवेंडर के तेल को डालकर उसकी सुगंध को सांस के माध्यम से अंदर लेने पर सिरदर्द में जल्द आराम मिलता है।
लैवेंडर के तेल से जल्दी घावों को भरने में मदद मिलती है। इसमें कोलेजन बढ़ाने वाले तत्व पाए जाते हैं जो घावों को जल्दी भरने में बेहद सहायक होते हैं। इसके अलावा ये त्वचा में सूजन एवं दर्द को भी कम करने में मदद करता है। ताजे घाव पर लैवेंडर के तेल की कुछ बूंदें लगाने से हमें तुरंत फायदा मिल सकता है।
बालों के लिए लैवेंडर के तेल का इस्तेमाल करना बेहद लाभकारी होता है। इस तेल के इस्तेमाल से बाल झड़ने जैसी समस्या नहीं होती। ये एलोपेशिया एरेटा जैसी बीमारी के लक्षणों को कम करने में बेहद सहायक माना है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम खुद अपने ही शरीर पर अटैक करने लगता है जिसके प्रभाव से हमारे बाल झड़ने लगते हैं। एक अध्ययन के अनुसार यदि लैवेंडर के तेल का इस्तेमाल अन्य तेलों जैसे थाइम, देवदार या रोजमेरी के साथ किया जाए तो एलोपेशिया एरेटा जैसी बीमारी में जल्द फायदा होता है।
लैवेंडर के तेल के इस्तेमाल से मच्छर, झींगुर, पतंगे और मक्खियों को दूर किया जा सकता है। इसे त्वचा पर लगाने से मच्छर हमसे दूर रहते हैं। लैवेंडर के तेल को सूरजमुखी के तेल के साथ मिलाकर लगाना चाहिए क्योंकि इसे सीधे त्वचा लगाने पर जलन भी हो सकती है। लैवेंडर के तेल बेहद मुलायम होता है जिसके कारण ये हमारी त्वचा पर सीधे इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
लैवेंडर के तेल के नियमित इस्तेमाल से हमारी शरीर से आ रही गंध को रोका किया जा सकता है। लैवेंडर के तेल अपने प्राकृतिक गुणों के अलावा अपनी भीनी मीठी खुशबू के लिए भी जाना जाता है। ये हमारे शरीर की गंध के साथ-साथ हमारी रसोई, बाथरूम एवं बेडरूम के कोनों को भी सुगंधित कर देता है। शरीर की गंध को दूर करने के लिए इसकी कुछ बूंदों को अपने नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने से शरीर की गंध दूर की जा सकती है।
लैवेंडर के तेल का उपयोग अस्थमा जैसी घातक बीमारी के लक्षणों को कम करने के लिए किया जा सकता है। इसमें मौजूद सूजन विरोधी गुण श्वास संबंधी समस्याओं में राहत दिलाने में सहयोग करते हैं। एक अध्ययन के अनुसार लैवेंडर के तेल की सुगंध को सांस के मार्ग द्वारा लेने से एलर्जी के कारण हुई सूजन को कम करने के साथ-साथ अस्थमा के उपचार में भी मदद मिलती है।
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