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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में काफी बदलाव आते हैं. चेहरे से लेकर अन्य हिस्सों की स्किन बदल जाती है. कंकाल शरीर को स्ट्रक्चर और सहारा देने में मदद करता है. जबकि जोड़ वो हिस्सा होता है, जहां हड्डियां जुड़ती हैं. ये कंकाल को लचीला होने और कामकाज करने में मदद करते हैं. लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है हड्डियों का मास घटने लगता है. मोनोपॉज के बाद तो महिलाओं के शरीर की हड्डियों में कैल्शियम और बाकी मिनरल्स की कमी होने लगती है. उम्र बढ़ने पर जोड़ सख्त हो जाते हैं और लचीलापन कम हो जाता है. इनमें फ्लूड की कमी हो जाती है.
ऐसा होता है असर
इन सबकी वजह से शरीर की हड्डियां उम्र बढ़ने पर कमजोर हो जाती हैं और वे आसानी से टूट सकती हैं. ये बदलाव बुजुर्गों के जीवन पर असर डालते हैं और ये मामूली सख्ती से लेकर गंभीर गठिया का भी रूप ले सकते हैं. नतीजतन कमर ज्यादा मुड़ सकती है. घुटने और कूल्हे ज्यादा लचीले हो सकते हैं और कंधे संकीर्ण हो सकते हैं.
शरीर को क्या होते हैं नुकसान
इनकी वजह से शरीर की मूवमेंट स्लो हो जाती है. शख्स जल्दी थकने लगता है और एनर्जी भी कम हो जाती है. शरीर की ताकत और सहनशक्ति में भी बदलाव होता है. आपने देखा होगा कि बुजुर्ग लोगों का शरीर कांपना शुरू कर देता है
क्या हैं इलाज?
कसरत: हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों को कमजोर होने से रोकने का सबसे असरदार तरीका है कसरत. इससे शरीर को न सिर्फ ताकत मिलेगी बल्कि संतुलन और लचीलापन भी बना रहेगा. कसरत हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है.
कैल्शियम युक्त खाना: कैल्शियम सिर्फ पुरुषों ही नहीं महिलाओं के लिए भी बेहद जरूरी है. उम्र बढ़ने के साथ कैल्शियम युक्त डाइट और विटामिन डी लेना बेहद जरूरी है. 70 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों और महिलाओं को हर दिन 1200 मिलीग्राम कैल्शियम लेना चाहिए. जबकि 800 इंटरनेशनल यूनिट (आईयू) विटामिन-डी लेना चाहिए.
न्यूज़ क्रेडिट: navyugsandesh
Tara Tandi
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