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जानें अपनी उम्र और बॉडी के हिसाब से किस तरह का वर्कआउट करना रहेगा बेस्ट

Subhi
10 Aug 2022 4:59 AM GMT
जानें अपनी उम्र और बॉडी के हिसाब से किस तरह का वर्कआउट करना रहेगा बेस्ट
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हर एक्सरसाइज आपकी उम्र या आपकी बॉडी के लिए नहीं बनी है। इसमें भी सेहत को ध्यान में रखते हुए एक्सपर्ट्स सही वर्कआउट करने की सलाह देते हैं। जिस पर ध्यान देकर आप कम उम्र से लेकर बढ़ती उम्र में भी एकदम फिट एंड फाइन रह सकते हैं।

हर एक्सरसाइज आपकी उम्र या आपकी बॉडी के लिए नहीं बनी है। इसमें भी सेहत को ध्यान में रखते हुए एक्सपर्ट्स सही वर्कआउट करने की सलाह देते हैं। जिस पर ध्यान देकर आप कम उम्र से लेकर बढ़ती उम्र में भी एकदम फिट एंड फाइन रह सकते हैं। तो अपनी उम्र के हिसाब से किस तरह की वर्कआउट पर करना चाहिए खासतौर से फोकस, आइए जानते हैं यहां।

फोकस- मांसपेशियों की स्ट्रेंथ/स्पीड/लचीलापन बढ़ाना

एक्सरसाइज शुरू करने के लिए कोई भी उम्र कम नहीं होती, लेकिन बचपन में स्पोटर्स से फिटनेस प्लैन शुरू करना एक अच्छा आइडिया है। इस उम्र में भागदौड़, टेनिस, बैडमिंटन, क्रिकेट और कबड्डी जैसे आउटडोर गेम्स में दिलचस्पी लेनी चाहिए। इस उम्र में ट्रेनर का पूरा फोकस मसल्स की मजबूती, लचीलापन और स्पीड पर होना चाहिए। जिम में मशीन का ज्यादा प्रयोग करके शरीर को तनाव न दें। स्ट्रेचिंग, लंजिंग और क्रॉलिंग जैसी गतिविधियों में बच्चों को शामिल करें। फुल बॉडी स्ट्रेच पर भी विचार करें। कई न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक, किशोरों में अपनी बॉडी इमेज को लेकर काफी जागरुकता होता है। ऐसे में संतुलित डाइट ही अपनाएं।

फोकस- बोन डेंसिटी और मजबूत मांसपेशियां

अगर आपकी शुरुआत अच्छी रही है, तो इस उम्र में आप काफी फिट रहेंगे, लेकिन साथ ही आपको बढ़ती उम्र के प्रभावों का भी सामना करना पड़ेगा। इसके लिए कार्डियो वर्कआउट के साथ वेट ट्रेनिंग भी जरूरी है। इससे मांसपेशियों को मजबूती और हड्डियों को ताकत मिलती है। इनसे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी में लड़ने में मदद मिलेगी, जो बढ़ती उम्र में अकसर लोगों को परेशान करने लगती है इसलिए मशीन पर वर्कआउट करने के बजाय वेट लिफ्टिंग करें। इस उम्र में कॉलेज लाइफ के साथ वर्किग लाइफ भी शुरू होती है इसलिए शरीर में ऊर्जा बनाए रखने के लिए प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का सही संतुलन रखें। सही मात्रा में कैल्शियम और विटमिंस लें।

फोकस- बैली फैट को नियंत्रित करने पर

इस उम्र में वर्कआउट प्लैन शुरुआती दिनों जैसा ही रहेगा। इस दौरान पेट का फैट नियंत्रित रखें। यह समस्या एंडोक्राइन सिस्टम से जुड़ी होती है। पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन कम होने से मांसपेशियों और हड्डियों के जोड़ पर असर पड़ता है। वहीं महिलाओं में मेनोपॉज का वक्त नजदीक होने से ए्स्ट्रोजन की कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में उन एक्सरसाइज को चुनें, जिसे दो मिनट करने के बाद आपको रुकना पड़े। एक मिनट के आराम के बाद उसे दोहराएं। बॉडी फैट कम करने के लिए यह बेहतरीन वर्कआउट है। इससे नर्वस सिस्टम के साथ शरीर के अन्य अंगों का कार्य बेहतर होता है। इस उम्र में शरीर को एंटीऑक्सीडेंट्स की ज्यादा जरूरत होती है।


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