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जानिए क्या है टाइप 1 डायबिटीज का इलाज?

Ritisha Jaiswal
7 July 2022 1:36 PM GMT
जानिए क्या है टाइप 1 डायबिटीज का इलाज?
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गलत लाइफस्टाइल, खान-पान और आलस्य के कारण बच्चे कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

गलत लाइफस्टाइल, खान-पान और आलस्य के कारण बच्चे कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। टाइप 1 डायबिटीज भी बच्चों को घेर रही है। इस बीमारी से बच्चे तब ग्रस्त होते हैं जब उनके शरीर को इंसुलिन नामक हार्मोन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता। बच्चों के जीवित रहने के लिए इंसुलिन की आवश्यकता होती है। टाइप 1 डायबिटीज होने पर बच्चों के शरीर में यह लक्षण दिखाई देते हैं। समय रहते ही पेरेंट्स को इन लक्षणों पर गौर कर लेना चाहिए। ताकि इस बीमारी का इलाज किया जा सके। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...

टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण
एक्सपर्ट्स के अनुसार, यदि बच्चे को ज्यादा प्यास लगती है तो यह भी टाइप 1 डायबिटीज का लक्षण हो सकता है।

यदि बच्चे को बार-बार बाथरुम जाने की जरुरत महसूस हो रही है। इसके अलावा यदि बच्चा बड़ा है और फिर भी रात में बिस्तर गीला कर रहा है तो भी यह डायबिटीज का लक्षण ही हो सकता है।
.यदि बच्चे को खाने खाने के तुरंत बाद भी भूख लगने लगे तो भी यह डायबिटीज का कारण हो सकता है।
. बिना कारण से बच्चे का वजन कम होना भी डायबिटीज का कारण हो सकता है।
. यदि बच्चा ज्यादा काम किए बिना थक रहा है तो भी यह डायबिटीज के संकेत हो सकते हैं।
. अगर बच्चा काफी इरिटेट हो रहा है और उसका मूड़ भी बिना किसी बात के खराब हो रहा है तो भी उसे डायबिटीज हो सकती है।
. अगर बच्चे के मूंह में से बदबू आ रही है तो भी डायबिटीज हो सकती है।
परंतु यह जरुरी नहीं है कि यह सब डायबिटीज के लक्षण हो। आप लक्षण दिखने पर डॉक्टर्स की सलाह भी जरुर लें।
क्या है टाइप 1 डायबिटीज का इलाज?
बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण दिखने पर ब्लड शुगर लेवल की जांच होती है। इसके बाद बीमारी का इलाज शुरु किया जाता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, 6-12 साल के बच्चों का शुगर लेवल 80-180mg/dl होता है। भोजन के बाद यह स्तर 90-180 mg/dl हो सकता है। समय रहते ही टाइप 1 डायबिटीज के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है। बाद में यह समस्या ज्यादा बढ़ सकती है।
कैसे करें इससे बचाव?
बच्चों को टाइप 1 डायबिटीज से बचाने के लिए माता-पिता को उनकी डाइट और लाइफस्टाइल का खास ध्यान रखना चाहिए। स्वस्थ और पौष्टिक आहारों का सेवन करने से बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज का खतरा कम होता है। इसके अलावा आप बच्चों के नियमित फिजकिल एक्टिविटीज के लिए भी प्रेरित करें। वायरल इंफेक्शन के कारण भी यह बीमारी हो सकती है, इसलिए किसी भी तरह के वायरल इंफेक्शन का शिकार होने से बच्चे को बचाएं। हैल्दी डाइट और अच्छे लाइफस्टाइल के जरिए भी आप बच्चे की इस बीमारी को ठीक कर सकते हैं।


Ritisha Jaiswal

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