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हिचकी को दूर करने के घरेलू उपाय (Hichki ko dur karne ke gharelu upay in hindi)
हिचकी आने पर थोड़ा-थोड़ा देर में पानी पीते रहने से, हिचकी को रोका जा सकता है। क्योंकि पानी निगलने की प्रक्रिया को आसान बनाता है, जिससे डायफ्राम की मांसपेशियों को आराम मिलता है। जिस कारण हिचकी आना रुक जाती है।
अदरक के छोटे टुकड़े को दांतों के बीच दबा लें और धीरे-धीरे इसके रस का सेवन करें, ऐसा करने से हिचकी को रोका जा सकता है। यह हिचकी को रोकने का आयुर्वेदिक उपचार माना जाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ध्यान भटकाने से भी हिचकी को रोका जा सकता है। इसके लिए आप उल्टी गिनती भी गिन सकते हैं।
हिचकी रोकने के लिए अपनी नाक बंद करें, इसके बाद पानी का एक बड़ा घूंट अपने मुंह में भरें और फिर पी लें। ऐसा करने से हिचकी आना बंद हो जाएगी।
हिचकी से ग्रस्त व्यक्ति को अचानक से चौंकाने की कोशिश करें। ऐसा करने से हिचकी को रोका जा सकता है।
शराब पीने के कारण आने वाली हिचकी को रोकने के लिए, नींबू का एक टुकड़ा काटकर, मुंह में डालें और इसे चबाएं। हिचकी आना बंद हो जाएंगी।
एक गिलास ठण्डे पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से हिचकी को रोका जा सकता है। इसके अलावा एक चम्मच चीनी को मुंह में रख कर चूसें और उसके बाद पानी पी लें। ऐसा करने से भी हिचकी को रोका जा सकता है।
हिचकी को रोकने के लिए विनेगर यानी सिरका का इस्तेमाल किया जा सकता है। विनेगर गले के हिस्से, कैविटी और मुंह के पीछे हिस्से को उत्तेजित करता है, जिससे हिचकी की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
हिचकी आने पर आप तुरंत बैठ जाएं और अपने घुटनों को सीने तक ले आएं। ऐसा करने से फेफड़ों पर दबाव पड़ता है और मांसपेशियों की सिकुड़न दूर हो जाती हैं। जिस कारण हिचकी आना बंद हो जाता है।
बच्चों को हिचकी आने पर एक चम्मच शहद या पीनट बटर खिलाएं।
सोंठ और बड़ी हरड़ को बराबर-बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को पानी के साथ सेवन करें। इससे हिचकी को रोका जा सकता है।
हिचकी को रोकने के लिए काली मिर्च के दानों को चीनी के साथ मुंह में रखकर चबाएं और धीरे-धीरे रस को चूसते रहें। काली मिर्च गले के रक्त संचार में सुधार करने का कार्य करती है, जिस कारण हिचकी को रोका जा सकता है।
बर्फ का सेवन कर, हिचकी को शांत किया जा सकता है। बर्फ का ठंडा प्रभाव गले को शांत करने का कार्य करता है। जो हिचकी को रोकने में मदद कर सकता है।
हिचकी न रुक रही हो तो गहरी सांस लें, फिर सांस को कुछ सेकंड के लिए रोक लें। ऐसा करने से फेफड़ों में कार्बन डाइऑक्साइड भर जाती है। तब इससे डायफ्राम बाहर निकालता है और हिचकी आना बंद हो जाती है।
एक गिलास पानी में 2-3 इलायची उबालकर पीने से, हिचकी को रोका जा सकता है। क्योंकि इलायची में एंटीऑक्सीडेंट गुणों पाए जाते हैं, जो डायफ्राम को राहत देने का कार्य करते है। जिस कारण हिचकी आना बंद हो जाता है।
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