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पालक के जूस के नुकसान (Loss of Spinach juice in Hindi)
पालक के जूस का नुकसान है की पालक के जूस में काफी अधिक मात्रा में आयरन, मिनरल्स और फाइबर होते हैं जिसकी मात्रा अगर शरीर में अधिक हो जाये तो पेट से जुडी बहुत सारी समस्याएं जैसे अपच, कब्ज आदि पैदा हो सकती हैं। क्योंकि पालक की तासीर ठंडी होती है इसलिए पालक वायु कारक होता है जिस कारण पालक पचने में भारी होती है।
पालक के जूस में मौज़ूद तत्वों के अवशोषण में शरीर थोड़ा वक़्त लेता है इसीलिए पालक के जूस को रोज ज्यादा मात्रा में पीने से बचना चाहिए नहीं तो पेट फूलने और दस्त जैसी समस्या हो सकती है।
पालक के जूस में फाइबर अधिक मात्रा में होता है बहुत ज्यादा फाइबर पाचन तंत्र पर बुरा असर डालता है जिससे आगे जाकर ये परेशानी का कारण बन सकता है।
पालक के जूस में ऑक्जेलिक एसिड (Oxalic acid) भरपूर मात्रा में होता है जबकि पोटेशियम और कैल्शियम लवण के रूप में पालक में पाया जाता है। शरीर का पाचन तंत्र पालक को यूरिक एसिड के रूप में भी ग्रहण करता है जिसका एक सीमा से अधिक हो जाना किडनी के लिए ठीक नहीं है। यूरिक एसिड किडनी में कैल्शियम की मात्रा और किडनी में पथरी होने के ख़तरे को बढ़ाने का कारण बन सकता है।
पालक के जूस का बहुत अधिक मात्रा में उपभोग करने से शरीर में अनीमिया की शिकायत हो सकती है ऐसा इसीलिए कि पालक के अधिक सेवन से शरीर खाये हुए दूसरे खानों से उचित मात्रा में आयरन अवशोषित नहीं कर पाता जिसकी वजह शरीर में अनीमिया की समस्या बढ़ सकती है।
पालक के पत्तों के जूस का सेवन शरीर को विषाक्त कर नुकसान पहुँचा सकता है। सिंचाई के समय प्रयोग में लिए गए हानिकारक केमिकल वाले खाद पालक के पत्तों को विषाक्त बना देते हैं जिसके सेवन से शरीर में बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं इसीलिए पालक के पत्तों का जूस बनाते समय उनकी पत्तियों को अच्छे से साफ़ करना चाहिये।
पालक के जूस में प्यूरीन अधिक मात्रा में पायी जाती है जो शरीर में मेटाबोलिज्म को बढ़ा देती हैं जिससे गठिया के रोगियों की परेशानी बढ़ सकती हैं और उनके जोड़ों में दर्द और सूजन को बढ़ा सकतीं हैं। प्यूरिन एक ऐसा पदार्थ है जिसको खाने से हमारे शरीर में एमिनो एसिड बनता है।
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