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चीनी और शक्कर को लोग आमतौर पर एक ही चीज समझते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | चीनी और शक्कर को लोग आमतौर पर एक ही चीज समझते हैं, लेकिन वास्तव में इनमें काफी फर्क होता है. चीनी को मिल में तैयार किया जाता है, जबकि शक्कर गुड़ से तैयार किया जाता है. तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञ जो चीनी और शक्कर के फर्क को अच्छे से समझते हैं, वे चीनी की जगह पर शक्कर का प्रयोग करने की सलाह देते हैं क्योंकि चीनी शक्कर की तुलना में कहीं ज्यादा नुकसानदायक होती है. जानिए कैसे तैयार होती है चीनी और शक्कर.
चीनी को तैयार करने के लिए मिल में उसका क्रिस्टलीकरण किया जाता है. बताया जाता है कि क्रिस्टलीकरण करने के लिए चूना, कार्बनडाई ऑक्साइड, कैल्शियम, फॉस्फेट, फॉस्फोरिक एसिड, अल्ट्रा मरीन ब्लू और कई बार पशुओं की हड्डियों के चूरे का भी इस्तेमाल किया जाता है. चीनी को चमकदार बनाने की इस प्रक्रिया के दौरान तमाम रसायनों के तत्व उसमें शेष रह जाते हैं, साथ ही इसके पौष्टिक तत्व समाप्त हो जाते हैं. इसलिए इसे सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है.
ये भी कहा जाता है कि चीनी बनाने के लिए जितना गन्ने का रस इस्तेमाल किया जाता है, उसका 10 प्रतिशत भाग ही चीनी के रूप में प्राप्त हो पाता है. बाकी 90 फीसदी को शीरा कहा जाता है. इसे शराब बनाने वाली फैक्ट्री में बेच दिया जाता है.
100 फीसदी ऑर्गेनिक होती है शक्कर
शक्कर को 100 फीसदी ऑर्गेनिक माना जाता है. इसे बनाने के लिए गन्ने का रस निकालकर उसे गाढ़ा किया जाता है, इसे गन्ने का गुड़ कहते हैं. फिर इसे किसी बर्तन में ठंडा होने के लिए रख देते हैं. ठंडा होने पर इसकी पेड़ी न काटकर हथौड़े से कूटकर बारीक चूरा बना दिया जाता है. इसे ही शक्कर कहा जाता है. चूंकि शक्कर को पारंपरिक तरीके से बनाया जाता है, इसलिए इसे बनाने में इसके पोषक तत्व नष्ट नहीं होते.
चीन के लोगों ने बनाई थी चीनी
कहा जाता है कि गन्ने के रस को मिल में ले जाकर सफेद दानेदार मीठा उत्पाद बनाने की प्रक्रिया चीन के लोगों ने शुरू की थी. उन्होंने भारत में गन्ने के रस से मीठे उत्पाद बनाने की की विधि भारत से सीखी. फिर उसे अपनी तरीके से अपग्रेड किया. उन्होंने इसका क्रिस्टलीकरण करके इसका रंग काफी हल्का और सफेद सा बना दिया. शक्कर के इस नए परिष्कृत रूप को हिन्दी भाषा में लोग चीनी कहने लगे.
Mahima Marko
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