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बारिश का मौसम खत्म होते ही सुपर मार्केट में अमरूद दिखाई देने लगते हैं। अमरूद के फायदे इतने अधिक हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बारिश का मौसम खत्म होते ही सुपर मार्केट में अमरूद दिखाई देने लगते हैं। अमरूद के फायदे इतने अधिक हैं कि इनके सेवन से डायजेस्टिव सिस्टम, इंटिमेट हेल्थ आदि के प्रॉब्लम भी ठीक हो जाते हैं। मां कहती है कि एसिडिटी, अपच और गैस की प्रॉब्लम को खत्म करने में नियमित रूप से अमरूद का सेवन मददगार (Guava and its leaves benefits digestive system) होता है। आज भी बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तरप्रदेश और बिहार की सीमा से लगे पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या को ठीक करने के लिए अमरूद और अमरूद के पत्तों का सेवन कराया जाता है। रिसर्च भी अमरूद को डायजेस्टिव सिस्टम के लिए जरूरी फल मानते हैं।
रिसर्च बताते हैं अमरूद का एंटीऑक्सीडेंट गुण है कारगर
मोनैश यूनिवर्सिटी ऑफ मलेशिया के लिम याउ यान ने अमरूद पर स्टडी से निष्कर्ष निकाला कि इसमें अन्य फलों की तुलना में एस्कॉर्बिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट अधिक पाया जाता है।
अमरूद में फाइबर भरपूर मात्रा में होती है। इसलिए किसी भी तरह के डायजेस्टिव प्रॉब्लम को यह ठीक कर देता है। स्टडी में यह पाया गया कि गैस की प्रॉब्लम होने पर अमरूद खाने पर यह ठीक हो गया। क्योंकि यह अधिक एसिडिक नहीं होता है। इसका पीएच वैल्यू न्यूट्रल के करीब होता है। इसलिए अमरूद जीआई ट्रैक्ट में किसी भी प्रकार का इन्फ्लेमेशन नहीं होने देता है। यह विटामिन सी भरपूर होता है, जो जीआई सेल्स को हील कर देता है। इसका एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी बैक्टीरिया के ग्रोथ को रोक देता है।
अमरूद के पोषक तत्व
एंटीऑक्सीडेंट गुण के अलावा, अमरूद विटामिन सी, विटामिन ए, डाएटरी फाइबर, पोटैशियम, आयरन और मैग्नीशियम से पोषक तत्वों से भरपूर होता है। अमरूद में मुख्य रूप से फाइबर पाया जाता है।
पत्तियों में डायरिया को ठीक करने का गुण
वर्ष 2015 में अमेरिका की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ पबमेड सेंट्रल द्वारा एक स्टडी की गई। इसके आधार पर डायरिया से संक्रमित चूहों को अमरूद की पत्तियों का सेवन कराया गया। अमरूद की पत्तियों का सेवन नहीं करने वाले चूहों की तुलना में पत्तियों का सेवन करने वाले चूहे का इंफेक्शन जल्दी क्लीयर हुआ। इसके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि अमरूद की पत्तियों में डायरिया को ठीक करने का गुण है।
जिन लोगों को इरिटेबल बाउल सिंड्रोम है, उनकी डाइट में अमरूद को एड करने की सलाह दी जाती है। भारत और चीन में डायरिया होने पर वैकल्पिक चिकित्सा पद्धत के रूप में अमरूद की पत्तियों की चाय दी जाती है। यहां तक कि गांवों में आज भी पीरियड क्रेम्प होने पर अमरूद की पत्तियों की चाय पीने को दी जाती है।
Tara Tandi
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