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अक्सर लोग सेहत को मोटापे से जोड़कर देखते हैं. पर क्या ये सही है? इस बात की पड़ताल कर रही है फ़ेमिना.
‘मोटे लोग सेहतमंद हो सकते हैं’
डॉ अभय अग्रवाल, लेपरोस्कोपिक बैरिऐट्रिक सर्जन व मेडिकल डायरेक्टर, सेंटर फ़ॉर ओबीसिटी कंट्रोल, मुंबई
‘‘यह सोचना कि कोई मोटा है तो सेहतमंद नहीं है, बिल्कुल ग़लत है, क्योंकि यदि मोटे होने के बावजूद आप ऊर्जावान महसूस करते हैं, सारे काम आसानी से कर लेते हैं और आपको ब्लडप्रेशर या डायबिटीज़ की समस्या नहीं है तो आप सेहतमंद हैं. पर ये बात भी सही है कि हमें फ़िट रहने के लिए अपने वज़न को नियंत्रित रखना चाहिए. ऊंचाई के अनुसार आपका जितना वज़न होना चाहिए यदि आपका वज़न उससे 10% तक ज़्यादा या कम है तो भी आपको फ़िट माना जाता है. पर यदि वज़न इस सीमा से भी ज़्यादा हो गया है तो हर बढ़े हुए एक किलोग्राम वज़न के साथ ही डायबिटीज़ होने की संभावना 5-10 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. किसी व्यक्ति की फ़िटनेस को आंकने के लिए बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), बॉडी फ़ैट पर्सेंटेज (शरीर में वसा का प्रतिशत) और वेस्ट सरकम्फ्रेंस (कमर की परिधि) का आकलन किया जाता है और इसके लिए अब हम विदेशी मानकों पर निर्भर नहीं हैं. भारतीय मानकों के अनुसार महिलाओं का बॉडी फ़ैट पर्सेंटेज ३५ व पुरुषों का २२ से कम होना चाहिए. वहीं महिलाओं की वेस्ट सरकम्फ्रेंस 80 सेंटी मीटर व पुरुषों की 90 सेंटी मीटर से कम होनी चाहिए. दूसरी ओर आजकल युवाओं को लगता है कि यदि वे पतले हैं, आकर्षक नज़र आ रहे हैं तो स्वस्थ भी हैं. लेकिन यह बात बिल्कुल सही नहीं है. कई लोग अनुवांशिक रूप से पतले होते हैं तो कई लोग ऊंची चयापचय (मेटाबॉलिज़्म) की दर की वजह से, लेकिन कई लोग तनाव, सेहतमंद खाना न खाने, हाइपर थायरॉइड या डायबिटीज़ के चलते भी पतले हो जाते हैं. इन्हें भला कैसे सेहतमंद कहा जा सकता है?’’
‘मोटापा बीमारियों की संभावनाओं को बढ़ा देता है’
ज्योति पाटिल, न्यूट्रीशनिस्ट, अग्रवाल हॉस्पिटल, मुंबई
‘‘स्वास्थ्य से जुड़े कई शोधों से ये बात सामने आई है कि मोटापा कई बीमारियों की संभावनाओं को बढ़ा देता है, जिसे हम नकार नहीं सकते. पर इसका ये मतलब नहीं है सभी पतले लोग सेहतमंद हैं या फिर यदि कोई मोटा है तो वो सेहतमंद नहीं हो सकता. डायबिटीज़, ब्लडप्रेशर जैसी समस्याएं पतले लोगों को भी होती हैं और मोटे लोगों को भी. पर वज़न बढ़ने के साथ या यूं कहा जाए कि मोटापे के साथ-साथ डायबिटीज़ के होने की संभावना भी बढ़ती जाती है. इसी तरह जोड़ों में दर्द की समस्या पतले व मोटे दोनों ही लोगों को हो सकती है, पर यदि आपका वज़न ज़्यादा है तो आपकी हड्डियों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा और ये ज़्यादा दर्द का कारण बन सकता है. अत: सेहतमंद रहने के लिए सही जीवनशैली अपनाना और सेहत से जुड़े हर पहलू पर ध्यान देना ज़रूरी है.
‘‘यदि भारतीय महिलाओं के संबंध में बात करूं तो पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय महिलाओं की ऊंचाई कम होती है और उनकी तुलना में वे हमेशा ही थोड़ी मोटी नज़र आती हैं. सदियों से उनका फ़िगर ऐसा ही रहा है, पर वे हमेशा से ही चुस्ती-फुर्ती से घर-बाहर के काम करती रही हैं. ये बताने का मक़सद ये है कि यदि आप सेहत के मानदंडों से थोड़ी मोटी हैं या फिर आपका वज़न थोड़ा ज़्यादा है, लेकिन फिर भी अपने सभी काम बिना थके मुस्तैदी से कर लेती हैं तो आप सेहतमंद हैं. फिर भी ये ज़रूरी है कि अपने वज़न पर नियंत्रण रखा जाए, क्योंकि जहां मोटापे की वजह से कई बीमारियों के होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं, वहीं बढ़े हुए वज़न के चलते कुछ बीमारियों में आपको ज़्यादा तकलीफ़ उठानी पड़ सकती है.’’
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