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किस धातु के बर्तन में खाया खाना इसका भी पड़ता है आपकी सेहत पर असर,जाने

Kiran
3 Aug 2023 5:01 PM GMT
किस धातु के बर्तन में खाया खाना इसका भी पड़ता है आपकी सेहत पर असर,जाने
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भोजन करने के लिए कई धातु की बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता हैं। सभी अपनी क्षमता के अनुसार चुने गए धातु के बर्तनों को उपयोग में लेते हैं। क्या आप जानते हैं कि किस धातु के बर्तन में खाया जाए, इसका सेहत पर बहुत असर होता हैं। जी हाँ, हर धातु अपने विशेष गुण रखती हैं और इन धातुओं के बने बर्तनों में भोजन करने से सेहत पर अच्छा और बुरा असर भी पड़ता हैं। आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं की किस धातु में भोजन करने से क्या फायदे या नुकसान होते हैं।
* सोना
यह एक गर्म धातु है। सोने से बने पात्र में भोजन बनाने और करने से शरीर के आन्तरिक और बाहरी दोनों हिस्से कठोर, बलवान, ताकतवर और मजबूत बनते है और साथ साथ सोना आंखों की रोशनी बढ़ाता है।
* कांसा
कांसे के बर्तन में खट्टी चीजे नहीं परोसनी चाहिए खट्टी चीजे इस धातु से क्रिया करके विषैली हो जाती है जो नुकसान देती है। तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से व्यक्ति रोग मुक्त बनता है, रक्त शुद्ध होता है, स्मरण-शक्ति अच्छी होती है, लीवर संबंधी समस्या दूर होती है।
* चांदी
यह एक ठंडी धातु है, जो शरीर को आंतरिक ठंडक पहुंचाती है। शरीर को शांत रखती है। इसके पात्र में भोजन बनाने और करने के कई फायदे होते हैं, जैसे दिमाग तेज होता है, आंखों स्वस्थ रहती है, आंखों की रोशनी बढती है और इसके अलावा पित्तदोष, कफ और वायुदोष को नियंत्रित रहता है।
* पीतल
घरों में पीतल के बर्तन का भी उपयोग होता है। यह सामान्य कीमत की धातु है। इसमें भोजन पकाने और करने से कृमि रोग, कफ और वायुदोष की बिमारी नहीं होती।
* लोहा
घर में लोहे के बर्तन का प्रयोग भी होता है। इसमें बने भोजन खाने से शरीर की शक्ति बढती है, इसमें लोह्तत्व शरीर में जरूरी पोषक तत्वों को बढ़ता है। लोहा कई रोग को खत्म करता है, पांडू रोग मिटाता है, शरीर में सूजन और पीलापन नहीं आने देता, कामला रोग को खत्म करता है, और पीलिया रोग को दूर रखता है। लेकिन लोहे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें खाना खाने से बुद्धि कम होती है और दिमाग का नाश होता है। इसके पात्र में दूध पीना अच्छा होता है।
* स्टील
वर्तमान समय में स्टील के बर्तन का उपयोग कुछ ज्यादा होता है। यह बहुत सुरक्षित और किफायती होता है। स्टील के बर्तन नुक्शानदेह नहीं होते क्योंकि ये ना ही गर्म से क्रिया करते है और ना ही अम्ल से। इसलिए नुक्सान नहीं होता है। इसमें खाना बनाने और खाने से शरीर को कोई फायदा नहीं पहुँचता तो नुक्सान भी नहीं पहुंचता।
* एल्यूमिनियम
यह बॉक्साइट का बना होता है। इसमें बने खाने से शरीर को सिर्फ नुकसान होता है। यह आयरन और कैल्शियम को सोखता है इसलिए इससे बने पात्र का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे हड्डियां कमजोर होती है , मानसिक बीमारियां होती है, लिवर और नर्वस सिस्टम को क्षति पहुंचती है।
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