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लाइफ स्टाइल
अगर आप रखेंगे इन बातों का ख्याल, तो बच्चे अपने लिए आसानी से ले सकेंगे डिसीजन
Ritisha Jaiswal
8 Aug 2022 12:46 PM GMT
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बचपन में लगभग सभी बच्चे काफी मासूम और दुनियादारी से पूरी तरह अंजान होते हैं.
बचपन में लगभग सभी बच्चे काफी मासूम और दुनियादारी से पूरी तरह अंजान होते हैं. ऐसे में बच्चों से जुड़े सारे फैसले उनके पैरेंट्स ही करते हैं. मगर वहीं सभी पैरेंट्स की चाहत होती है कि उनका बच्चा होशियार और समझदार (Smart and intelligent) बनने के साथ-साथ अपनी जिंदगी के फैसले खुद करना सीखे. हालांकि, अगर आप चाहें तो कुछ बातों का खास ख्याल रखकर बच्चों को आसानी से अपने डिसीजन खुद लेना सिखा सकते हैं.
कई बार बचपन में माता-पिता प्यार दुलार में बच्चों को डिसीजन मेकिंग टिप्स देना अवॉयड कर देते हैं. जिसके चलते बच्चे हर छोटी-बड़ी चीजों के लिए माता-पिता के फैसले पर निर्भर रहते हैं. मगर लाइफ में बच्चों को कॉन्फीडेंट पर्सनालिटी वाला बनाने के लिए उन्हें बचपन से ही ट्रेंन करना जरूरी होता है. तो आज हम आपसे शेयर करने जा रहे हैं बच्चों को सही फैसले लेने की ट्रेनिंग देने के टिप्स.
कॉन्फीडेंस बढ़ाएं
बच्चों के अंदर डिसीजन लेने की क्षमता का विकास करने के लिए सबसे पहले उनके आत्म विश्वास को मजबूत करने की जरूरत होती है. ऐसे में घर के हर नए कामों में बच्चों की राय लेने की कोशिश करें. साथ ही बच्चों की इच्छाओं को महत्व दें. जिससे बच्चे का कॉन्फीडेंस बढ़ने लगेगा.
बच्चों से करें दोस्ती
कुछ पैरेंट्स बच्चों के साथ काफी सख्त व्यवहार करते हैं. जिसके चलते बच्चे पैरेंट्स के आगे खुलकर बात करने से कतराने लगते हैं. इसलिए बच्चों के साथ दोस्तों जैसा व्यवहार रखने की कोशिश करें. जिससे बच्चे आपसे खुलकर बातें कर सकेंगे और आपको भी उन्हें सही-गलत की पहचान कराने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी.
प्यार से समझाएं
बच्चों को आत्म निर्भर बनाने के लिए उन्हें बचपन से ही अपने छोटे-छोटे फैसले खुद करने दें. जिससे बच्चे की डिसीजन मेकिंग स्किल्स डेवलप होंगी. वहीं बच्चों के गलत फैसले पर उन्हें डांटने और फटकराने के बजाए प्यार से समझाने की कोशिश करें. जिससे बच्चे भविष्य में उस गलती को फिर नहीं दोहराएंगे.
बच्चों को करें प्रोत्साहित
बेशक बच्चों को सही फैसले लेने और हर काम बेस्ट करने की सीख देना जरूरी होता है. मगर जरूरी नहीं है कि बच्चा हर काम परफेक्शन के साथ ही करें. बच्चों से भी गलतियां होना स्वभाविक होता है. ऐसे में बच्चों को उनकी गलतियां गिनाने के बजाए उन्हें उनकी हार स्वीकार करके जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें
Ritisha Jaiswal
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