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वजन घटने है तो डाइट में शामिल करें रागी

Tara Tandi
2 July 2021 11:55 AM GMT
वजन घटने है तो डाइट में शामिल करें रागी
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मोटापा आजकल एक बड़ी समस्या बन चुका है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |मोटापा आजकल एक बड़ी समस्या बन चुका है. मोटापे की वजह से ही व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां घेर लेती हैं. हर कोई मोटापे को तेजी से कम करना चाहता है. वहीं जो लोग पहले से फिट हैं, वो ये चाहते हैं कि उन पर जरा सी भी एक्सट्रा चर्बी न चढ़े. वजन घटाने के लिए फिजिकल वर्कआउट तो जरूरी है, लेकिन साथ में अपनी डाइट में भी थोड़े से बदलाव करना जरूरी है.

वजन घटाने के लिए बेहतर विकल्प है रागी. इसे फिंगर मिलेट, नाचनी और नचनी भी कहा जाता है. रागी में कोलेस्ट्रॉल और सोडियम जीरो प्रतिशत होता है, जबकि फैट की मात्रा केवल 7 प्रतिशत होती है, इसके अलावा रागी कैल्शियम, विटामिन्स, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेड का बेहतर स्रोत है. इसे खाने से आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी मिल जाते हैं और आपका वजन भी नियंत्रित होता है. जानिए इसके फायदे और खाने का तरीका.
ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क घटाती
रागी कैल्शियम का बहुत अच्छा सोर्स होती है. अन्य अनाजों के मुकाबले इसमें सबसे ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है. 100 ग्राम रागी में 344 मिलिग्राम कैल्शियम होता है. यदि इसे अपनी डाइट में शामिल किया जाए तो ये हड्डियों को मजबूत करती है, साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क घटाती है.
दिल को रखती दुरुस्त
रागी में कोलेस्ट्रॉल और सोडियम नहीं होता और आयरन, मैग्नीशियम व फाइबर जैसे पोषक तत्व होते हैं. इस वजह से रागी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल और बीपी नियंत्रित रहता है. साथ ही हार्ट अटैक का जोखिम कम होता है.
वजन कंट्रोल रखती
रागी में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है. इसे खाने के बाद पेट लंबे समय तक भरा रहता है और भूख का अहसास नहीं होता. इससे व्यक्ति ओवर ईटिंग से भी बच जाता है और उसके शरीर को पोषक तत्व भी मिल जाते हैं. इसीलिए इसे वेट लॉस के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.
एनीमिया की समस्या दूर करती
शरीर में आयरन की कमी की वजह से ही खून की कमी होने लगती है और एनीमिया की समस्या हो जाती है. रागी में आयरन काफी मात्रा में होता है. इसे डाइट में शामिल करने से जल्द ही खून की कमी दूर हो जाती है.
डायबिटीज के रोगियों के लिए
डायबिटीज के रोगी अगर रागी को सुबह नाश्ते और दोपहर के खाने में शामिल कर लें तो उनका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है. इसकी वजह ये है कि रागी में गेंहू या चावल के आटे की तुलना में पॉलिफेनॉल्स और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है और इसका ग्लाइसिमिक इंडेक्स कम होता है.
इस तरह करें सेवन
सुबह के नाश्ते में रागी को अंकुरित करके खा सकते हैं. इसके अलावा आप रागी का सेवन रोटी के तौर पर कर सकते हैं. इसके लिए आपको इसे 7:3 के अनुपात में गेंहू के आटे के साथ मिलाना होगा. इसके अलावा रागी के आटे की इडली भी बनाई जा सकती है.
इस बात का रहे खयाल
– किडनी स्टोन या किडनी से जुड़ी अन्य समस्या में रागी का सेवन न करें क्योंकि इसमें कैल्शियम काफी होता है.
-थायरॉयड के मरीजों को भी रागी का सेवन विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही करना चाहिए.
-बहुत ज्यादा मात्रा में रागी का सेवन करने से कब्ज, डायरिया, पेट में गैस आदि समस्याएं भी हो सकती हैं.


Tara Tandi

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