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देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लोगों की लापरवाही और मास्क ना पहनने की वजह से देश में ओमिक्रोन के 32 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, बच्चों पर भी इन नए वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बच्चों में इसके अजीब और अलग लक्षण दिखाई दे रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका में बच्चों में भी इस नए वेरिएंट का असर देखने को मिल रहा है और उनके लक्षण भी बड़ों से अलग नजर आ रहे हैं।
बच्चों में दिखा ओमिक्रोन का अजीब लक्षण
नॉर्थ लंदन के डॉक्टर डेविड लॉयड ने बताया कि बच्चों को भी ओमिक्रोन वेरिएंट काफी प्रभावित कर रहा है। इसकी वजह से बच्चों में असामान्य रैशेज की समस्या देखने को मिल रही है। उन्होंने बताया कि करीब 15% संक्रमित बच्चों में रैशेज देखने को मिले। इसके साथ इससे बच्चों में थकान, सिरदर्द और भूख में कमी जैसे लक्षण भी सामने आ रहे हैं। ऐसे में पेरेंट्स इसे लेकर काफी चिंता में आए हुए हैं।
दिखे ये लक्षण तो हो जाए सतर्क
नेशनल हेल्थ सर्विस ने वयस्कों और बच्चों में कोरोना के कुछ प्रमुख लक्षणों को ही लिस्ट में रखा है। हालांकि, लिस्ट में और लक्षण शामिल करने की भी बात चल रही है क्योंकि इस वायरस के अब तक कई लक्षण सामने आ चुके हैं।
. तेज बुखार
. लगातार सूखी खांसी
. अचानक भूख ना लगना
. बेवजह थकावट महसूस होना
. अचानक तेज सिर में दर्द
. गले में खराश
. सूंघने या स्वाद की क्षमता खत्म या कम होना
क्या है WHO की राय?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, फिलहाल ऐसी कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई, जिसके अधार पर कहा जा सके कि ओमिक्रोन के लक्षण कोरोना से अलग है। हालांकि इसका बच्चों पर ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। डाटा से पता चलता है कि नया स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक है लेकिन यह डेल्टा वेरिएंट से हल्का है।
बच्चों पर भारी है ओमिक्रोन
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के 1511 मरीज भर्ती हुए हैं जिनमें से 113 मरीज 9 साल से छोटे हैं। वहीं, अस्पताल में भर्ती हुए बच्चों में गंभीर लक्षण दिख रहे हैं। यही नहीं, बच्चों को सपोर्टिव थेरेपी, ऑक्सीजन और लंबे समय तक अस्पताल में रूकने की भी जरूरत पड़ी।
ऐसे रखें बच्चों का ओमिक्रोन से बचाव
. बच्चों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रखें।
. उन्हें मास्क लगाकर ही बाहर भेजें। हो सके तो जरूरत पड़ने पर ही बाहर भेजें।
. स्कूल जाने वाले बच्चों को कोरोना प्रोटकोल सिखाएं।
. बार-बार हाथ धोने की आदत डालें। स्कूल से आने के बाद उनकी सभी चीजों को सैनेटाइज करें।
. लक्षण दिखने पर कोरोना टेस्ट करवाएं और रिजल्ट पॉजिटिव हो तो होम क्वारंटीन करें।
Ritisha Jaiswal
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