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लाइफ स्टाइल
पेशाब रुक-रुक के आने की समस्या हैं तो करे ये काम
Apurva Srivastav
24 July 2023 5:22 PM GMT
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सांस के जरिए शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, कई बार लोगों को पेशाब में रुकावट की समस्या हो जाती है। शरीर में मूत्र रोग होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन आयुर्वेद में इसका आसान इलाज है, जिसे अपनाकर आप मूत्र से जुड़ी कई समस्याओं से राहत पा सकते हैं। चंपा के फूलों का उपयोग मूत्र संबंधी रोगों में किया जाता है। चंपा के फूल न सिर्फ खुशबू देते हैं बल्कि इनमें कई औषधीय गुण भी होते हैं।
मूत्र रुकावट का इलाज
मूत्र रोग के कारण व्यक्ति को पेशाब में दर्द होना, पेशाब का रुक-रुक कर आना जैसी समस्या होने लगती है। इसके उपचार में चंपा के फूल कारगर साबित होते हैं। मानसून के मौसम में आप सड़क के किनारे या पार्क में चंपा के फूल आसानी से देख सकते हैं। चंपा के फूल सफेद और हल्के पीले रंग के होते हैं और इनमें सुगंध भी होती है। चंपा के फूलों का उपयोग मूत्र से संबंधित रोगों के इलाज में किया जाता है। इसके लिए चंपा के 5-10 फूलों को पीसकर ठंडाई की तरह पी लें। यह पेशाब से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ किडनी की बीमारियों को भी ठीक करता है।
चंपा के फायदे
चंपा के फूलों के साथ-साथ इसकी पत्तियां, लकड़ी और जड़ का भी औषधीय उपयोग किया जाता है। पथरी की समस्या में 500 मिलीग्राम चंपा की जड़ और फूल को बकरी के दूध के साथ पीसकर पीने से छोटी-छोटी पथरी मूत्र मार्ग से निकल जाती है।
पेट के कीड़ों की समस्या में चंपा की ताजी पत्तियों को पीसकर 5-10 मिलीलीटर रस निकाल लें, फिर इसमें शहद मिलाकर पीने से पेट के कीड़े दूर हो जाते हैं।
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