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हीमोफीलिया एक आनुवांशिकी रोग है, जो पीढ़ी-दर पीढ़ी चलती रहती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हीमोफीलिया एक आनुवांशिकी रोग है, जो पीढ़ी-दर पीढ़ी चलती रहती है। इस बीमारी में मामूली चोट अथवा खरोंच लगने पर भी बहुत अधिक रक्त बहता है। चूंकि रक्त का थक्का नहीं जमता है। इस स्थिति में तत्काल उपचार की जरूरत पड़ती है। लापरवाही बरतने पर यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो इस बीमारी से पुरुष अधिक शिकार होते हैं। इस बीमारी के कई कारण हैं, लेकिन प्रमुख कारण रक्त में थ्राम्बोप्लास्टिन की कमी होती है। रक्त के थक्का जमने में थ्राम्बोप्लास्टिक अहम भूमिका निभाता है। अगर आपको हीमोफीलिया के बारे में नहीं पता है, तो आइए जानते हैं कि हीमोफीलिया के लक्षण और बचाव क्या हैं-
हीमोफीलिया के लक्षण
-नाक से खून बहना
-शरीर में नीले निशान बनना
-जोड़ों में सूजन
-कमजोरी
-थकान
हीमोफीलिया के बचाव
हीमोफीलिया के लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। इसके बाद ही कोई दवा लें। साथ ही आप हीमोफीलिया से बचाव के लिए इन बातों को ध्यान में जरूर रखें-
-अक्सर लोग दांतों और मसूढ़ों से निकलने वाले रक्त को इग्नोर कर देते हैं। इसके लिए दंत चिकित्स्क से जरूर सलाह लें। अगर रक्त बहने की समस्या है, तो उपचार कराएं। साथ ही अपने दांतों और मसूढ़ों की सही तरीके से सफाई करें।
-हड्डियों में चोट लगने पर इग्नोर न करें। ऐसी स्थिति में दर्द निवारक दवा लेने से पहले डॉक्टर्स से परामर्श लें। यह आने वाले समय Haemophilia का कारण बन सकती है।
-रक्त संक्रमण से होने वाले रोगों और उनके टीकाकरण के लिए प्राथमिक उपचार पर जाकर जानकारी प्राप्त करें। साथ ही हेपेटाइटिस ए और बी के टीकाकरण जरूर लें।
-साथ ही अपनी डाइट पर विशेष ध्यान दें। अपने खानपान में विटामिन और मिनरल्स युक्त चीजों को जरूर जोडे़ें। रोजाना वर्कआउट जरूर करें। आप योग का भी सहारा ले सकते हैं।
Nilmani Pal
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