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विश्व योग दिवस पर आपने तमाम जगहों पर योग के फ़ायदों के बारे में पढ़ा होगा. ज़्यादातर आर्टिकल्स को पढ़ने के बाद आप योग करने के लिए प्रोत्साहित होने के बजाय हतोत्साहित से महसूस कर सकते हैं, आख़िरकार अधिकतर लेखों में योग के कठिन प्रकारों के बारे में बताया जाता है. आप सोचने लगते हैं, मैं तो अपने पैर के अंगूठों को छू नहीं पाता, भला मैं योग कैसे कर पाऊंगा? जानेमाने योग एक्स्पर्ट अभिषेक ओटवाल की मानें तो योग का मतलब शरीर की स्ट्रेचिंग या पैरों के अंगूठे को छूना भर नहीं है. यह अपने शरीर, सांस और मन को एक लय में लाने का तरीक़ा है. और इसमें बहुत ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती.
अभिषेक के कहने का मतलब है, अगर आपका शरीर बहुत ज़्यादा फ़्लैक्सिबल या स्ट्रेचेबल नहीं भी है तो चिंता न करें. या अगर आप 40 की उम्र के बाद योग शुरू करने जा रहे हैं तो भी बेफ़िक्र रहिए. आप किसी बात की चिंता किए बिना, केवल योग करना शुरू कर दें. आप शुरुआत इन स्टेप्स के साथ करेंगे तो इस जर्नी को एन्जॉय कर सकेंगे. ्
सबसे पहले करें वॉर्मअप
चाहे योग हो या कोई दूसरी एक्सरसाइज़, शुरुआत सिम्पल वॉर्म अप से करना सही तरीक़ा माना जाता है. इससे आपका शरीर एक्सरसाइज़ के लिए तैयार हो जाता है. अपनी गर्दन को रोटेट करें, कंधों को क्लॉकवाइज़ और ऐंटी क्लॉकवाइज़ घुमाएं. इससे शरीर का स्टिफ़नेस ख़त्म होता है. आप चुस्त-फुर्त और एक्सरसाइज़ के लिए तैयार महसूस करते हैं.
आसान आसनों से करें शुरुआत
आपने कभी योग किया नहीं है तो आपको शुरुआत आसानी से किए जा सकने वाले आसनों के साथ करनी चाहिए. आप अधोमुख श्वानासन (डाउनवर्ड फ़ेसिंग डॉग), वृक्षासन (ट्री पोज़), बालासन (चाइल्ड्स पोज़) और शवासन जैसे आसान से आसनों के साथ शुरुआत कर सकते हैं. हर आसन में अपने हाथों या पैरों को ज़मीन पर दबाने पर फ़ोकस करें. अपने मेरुदंड को सीधा रखें और रिलैक्स मुद्रा में रहें. अगर आप इन सभी बातों पर ध्यान देते हैं, तो आप किसी अनुभवी व्यक्ति की तरह योग कर सकेंगे. कठिन आसनों का रुख़ करने की जल्दबाज़ी बिल्कुल भी न करें.
योगासन में सांसों का बड़ा महत्व होता है, उनका ख़ास ध्यान रखें
योगासन करते समय सिर्फ़ शरीर का पोज़िशन ही महत्व नहीं रखता बल्कि सांसें भी अहम होती हैं. किसी पोज़िशन में कैसे सांस लेना है, इसका पालन करना बहुत ज़रूरी है. कब सांस लेना है, कब सांस छोड़ना है, इसकी सही जानकारी के बिना योग करने का कोई फ़ायदा नहीं होता. शरीर और सांसों के सही समन्वय को ही योग करते हैं. इस बात को आपको ध्यान रखना होगा.
कब करें योगासन
हालांकि योग करने का सबसे सही समय होता है सुबह का, पर अंतत: यह महत्वपूर्ण होता है कि आप अपनी रूटीन में नियमित रूप से इस एक्सरसाइज़ को शामिल कर सकें. और इसके लिए आप वह समय तय करें, जिस समय आप रोज़ाना योग के लिए समय निकाल सकें. हां, एक बात जो आपको ज़रूर ध्यान में रखनी है वह यह है कि योग हमेशा ख़ाली पेट करना चाहिए. योग करने के लिए कम से कम 2-3 घंटे तक अपने पेट को ख़ाली रखना होगा. अगर पेट भरा होगा तो आपको योग करते समय सहजता का अनुभव नहीं होगा. जब आप सहज नहीं होंगे तो योग कैसे करेंगे. योग करने के ठीक पहले कुछ खा लेने से न केवल आपको असहजता महसूस होगी, बल्कि आपको भारीपन लगेगा और आपका पाचनतंत्र भी बिगड़ सकता है.
कुछ और बातें, जो आपको ध्यान में रखनी चाहिए
जब आप योग को अपनी रूटीन का हिस्सा बना रहे हों तो आपको शरीर को ठीक तरह से हाइड्रेटेड रखना होगा. आपको दिन में कम से कम तीन से चार लीटर पानी पीने की आदत डालनी होगी. इससे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलेगी.
शुरुआत में अपने शरीर पर बहुत ज़्यादा दबाव न डालें. प्रैक्टिस करते-करते आपका शरीर फ़्लैक्सिबल बनेगा. योग सेशन होने के बाद समापन योग निद्रा से करें. ऐसा करने से आपका शरीर नैचुरली कूल डाउन होगा.
और एक बात शुरुआत किसी प्रशिक्षित योग टीचर के मार्गदर्शन में ही करें. इससे आपको किसी भी तरह की चोट लगने की संभावना काफ़ी कम हो जाएगी.
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