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भारत में धार्मिक त्योहारों के साथ कई राष्ट्रीय दिवस भी उत्साहपूर्वक और बड़ी धूमधाम से मनाएं जाते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत में धार्मिक त्योहारों के साथ कई राष्ट्रीय दिवस भी उत्साहपूर्वक और बड़ी धूमधाम से मनाएं जाते हैं. हमारे देश में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्रता दिवस जैसे मौकों पर स्कूलों, कॉलेजों और दफ्तरों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जैसे-जैसे राष्ट्रीय पर्व पास आते हैं स्कूल में टीचर्स और बच्चों की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. स्कूलों में ऐसे कार्यक्रम बच्चों को अपने देश के प्रति जागरूक करने और पढ़ाई के अलावा अन्य क्षेत्रों में उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए आयोजित किया जाते हैं.
इस वर्ष हम 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे हैं जिसके लिए बच्चों की तैयारियां जोरों पर हैं. इसके चलते कई बच्चे पहली बार स्वतंत्रता दिवस पर स्पीच देने के लिए नर्वस हो सकते हैं. अगर आपका बच्चा पहली बार सबके सामने स्पीच देने जा रहा है तो आप उनकी ऐसे मदद कर सकते हैं.
स्पीच लिखने में पैरेंट्स ऐसे करें बच्चे की मदद
स्पीच के टॉपिक का चुनाव
स्पीच लिखने के लिए सबसे पहले एक टॉपिक यानी विषय चुनना जरूरी होता है. बच्चों की टॉपिक चुनने में मदद करें और ध्यान रखें टॉपिक कार्यक्रम के अनुसार हो और सुनने वाले उससे रिलेट कर सके.
स्पीच के टॉपिक को समझे
कोई भी स्पीच या भाषण तैयार करने से पहले उसके टॉपिक और थीम को अच्छे से समझ लें और बच्चे को समझाएं.
रिसर्च है जरूरी
स्पीच लिखने में बच्चे की मदद करने से पहले आप उस टॉपिक के बारे में सारी जानकारी जुटाना और रिसर्च करना जरूरी होता है, ताकि आप बच्चे की स्पीच में कोई भी गलत या अधूरी जानकारी शामिल ना हो.
सही शब्दों का चुनाव
बच्चों के लिए मुश्किल शब्द बोलना और समझना कठिन हो सकता है. इसलिए बच्चों की स्पीच में आसान और सही शब्दों का चुनाव करने में उनकी मदद करें.
घर में करवाएं प्रैक्टिस
पहली बार स्पीच देने के लिए स्पीच लिखने के बाद बोलने की प्रैक्टिस करना बहुत जरूरी है. पूरे परिवार के सामने बच्चे को स्पीच पढ़ने के लिए कहें और स्पीच बोलते हुए सामने देखने की प्रैक्टिस करवाएं ताकि उनका डर निकाल सके.
Tara Tandi
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