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लाइफ स्टाइल
महंगे घर में रहने वाली नीता अम्बानी का साड़ियों का कलेक्शन कितना महंगा है
Tara Tandi
17 Aug 2023 7:27 AM GMT
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बोकारो जिले के गोमिया से एक दिल दहला देने वाला घटना सामने आई है. जहां सरकारी सिस्टम से हार कर एक दिव्यांग युवती ने दम तोड़ दिया. विडबना ये है कि कल्याण मंत्री के आदेश के बाद भी उसको कोई सहायत नहीं मिली. दरअसल, खुशबू को पहले पेंशन का लाभ मिलता था. जिससे उसका इलाज हो जाता था, लेकिन कुछ सालों से उसकी पेंशन आना बंद हो गई. उसके पिता ने सरकारी दफ्तरों के काफी चक्कर काटे, लेकिन उसका आधार कार्ड नहीं बन पाया. आधार ना बनने की वजह से खूशबू की पेंशन आना बंद हो गई और इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई.
आधार ना बनने की वजह से खुशबू की पेंशन हुई बंद
मिली जानकारी के अनुसार दिव्यांग खुशबू गोमिया प्रखंड अंतर्गत खखण्डा गांव की रहने वाली थी. वह 65 फीसदी विकलांगता से पीड़ित थी. सरकार की तरफ से उसे पेंशन योजना का लाभ मिलता था, लेकिन आधार कार्ड नहीं होने के कारण पिछले कुछ वर्षों से पेंशन मिलना बंद हो गई थी. मृतका के पिता गिरधारी महतो ने बताया कि वह खेती करते हैं और किसी तरह से अपनी लाचार पुत्री खुशबू कुमारी का इलाज करा रहे थे. बचपन से ही दिव्यांगता के कारण वह चलने-फिरने में लाचार थी. 24 घंटे बिस्तर में रहने को विवश थी. उन्होंने बताया कि इलाज करवाने के बावजूद खुशबू की स्थिति दिनों दिन बिगड़ती जा रही थी.
पेंशन ना मिलने से नहीं हो पाया इलाज
पेंशन की राशि के लिए उसके पिता सरकारी दफ्तर के चक्कर काट रहे थे. फुसरो निवासी सुसेन दत्ता के द्वारा 20 जुलाई को सूबे के परिवहन एवं कल्याण मंत्री चंपई सोरेन को ट्वीटर के माध्यम से खुशबू की गंभीर हालत के बारे में जानकारी दी गई थी. मंत्री सोरेन ने मामले की गंभीरता देखते हुए बोकारो के उपायुक्त को निर्देश देते हुए खुशबू कुमारी को समाजिक सुरक्षा एवं समाज कल्याण की अधिकतम योजनाओं से जोड़ने का आदेश दिया. मंत्री के आदेश के बाद प्रशासन हरकत में आया, लेकिन लाचार खुशबू ने बुधवार की सुबह दम तोड़ दिया.
मंत्री के आदेश के बाद भी नहीं बना आधार कार्ड
इस संबंध में गोमिया के बीडीओ कपिल कुमार ने कहा कि जिला से आदेश मिलने के बाद तीन-चार दिन पहले ही प्रखंड से आधार कार्ड बनवाने की मशीन लेकर ऑपरेटर के द्वारा खुशबू के यहां जाकर आधारकार्ड बनवाने की प्रक्रिया शुरू कर दिया गया था. संभवतः 12 से 15 दिनों में खुशबू का आधार कार्ड बन जाता और सभी तरह के सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने लगता, लेकिन वह नहीं रही
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