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शहद खाने के नुकसान (Disadvantages of eating Honey)
चाय या कॉफी में शहद का इस्तेमाल जहर के समान माना जाता है क्योंकि चाय या कॉफी में शहद मिलाकर सेवन करने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है और तनाव की स्थिति पैदा होती है।
शहद का जरूरत से ज्यादा सेवन हमारे दांतों और हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि शहद में एसिड पाया जाता है जिसका अत्यधिक सेवन दांतों और हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकता है।शहद की तासीर गर्म होती है। शहद का ज्यादा सेवन करने से पेट में ऐंठन, सूजन और दस्त जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं खिलाना चाहिए, इससे बच्चों में बोटुलिज़्म (Botulism) का खतरा हो सकता है। बोटुलिज़्म खाने के पदार्थ, दूषित मिटटी या किसी खुले हुए घाव के माध्यम से फैलने वाली गंभीर बीमारी है। इससे मिर्गी या सांस की बीमारियां भी हो सकती है।
शहद को एकदम खौलते हुए पानी में मिलाकर नहीं पीना चाहिए और न ही पानी के साथ उबालना चाहिए क्योंकि ये विरुद्ध आहार की श्रेणी में आता है। इसलिए शहद को गुनगुने पानी में ही मिलाकर पीना चाहिए।
शहद में पराग कण होते हैं, ये शर्करा युक्त तरल पदार्थ होता है और कई लोगों को पराग कणों से एलर्जी होती है अतः ऐसे लोगों को शहद नहीं खाना चाहिए।
मधुमेह के मरीज को शहद का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। अगर व्यक्ति का शुगर लेवल अनियंत्रित रहता है तो ऐसे व्यक्ति को शहद के सेवन से परहेज करना चाहिए।
आयुर्वेद में शहद और घी की समान मात्रा के एक साथ सेवन को नुकसान देह बताया गया है। आयुर्वेद में इसे विरुद्ध आहार की श्रेणी में रखा गया है।
मांस-मछली या मसालेदार भोजन के साथ शहद का प्रयोग करने से शरीर में विषाक्त पदार्थों का निर्माण होता है। तेल या तेल से बने भोजन के साथ शहद ना लें इससे भी शरीर में विषाक्त पदार्थों का निर्माण होता है।
शहद का अत्यधिक प्रयोग आपकी छोटी आंत को प्रभावित कर सकता है। छोटी आंत भोजन के पोषक तत्वों को अवशोषित करने में अपनी मुख्य भूमिका निभाती है।
Apurva Srivastav
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