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विश्व स्तनपान सप्ताह का इतिहास, जानें क्या है और महत्व
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| स्तनपान एक नवजात शिशु के बड़े होने की यात्रा का सबसे आवश्यक हिस्सा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, शिशुओं को उनके जन्म के बाद से छह महीने तक विशेष रूप से स्तनपान कराना चाहिए और बाद में छह महीने के बाद उन्हें अलग-अलग और उपयुक्त फूड्स से परिचित कराना चाहिए.
विश्व स्तनपान सप्ताह हर साल 1 अगस्त से एक सप्ताह के लिए मनाया जाता है, इस सप्ताह का मकसद नए माता-पिता के बीच जागरूकता पैदा करना और दुनिया भर में शिशु स्वास्थ्य में सुधार करना है. ये पहल अगस्त 1990 में सरकारी नीति निर्माताओं, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और दूसरे संगठनों के जरिए स्तनपान की रक्षा, प्रचार और समर्थन करने के लिए शुरू की गई थी.
विश्व स्तनपान सप्ताह का इतिहास
991 में, द वर्ल्ड एलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन (WABA) का गठन 1990 में स्तनपान की रक्षा, समर्थन और बढ़ावा देने की घोषणा पर कार्य करने के लिए किया गया था. इस कार्य योजना के हिस्से के रूप में, WABA ने प्रचार के लिए विश्व स्तर पर एकीकृत स्तनपान रणनीति की अवधारणा पेश की. हालांकि, ये विचार केवल एक दिन के लिए मनाया जाना था जो बाद में एक सप्ताह में बदल गया. इस सप्ताह को विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में जाना जाता है और ये 1-7 अगस्त तक मनाया जाता है. ये सप्ताह 100 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है. पहला विश्व स्तनपान सप्ताह 19 में मनाया गया था.
स्तनपान का महत्व
मां के दूध में एंटीबॉडी होते हैं जो बच्चे को वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं. दूसरी ओर, जिन शिशुओं को पहले छह महीनों तक बिना फॉर्मूला दूध पिलाया गया है, उनमें कान में संक्रमण, सांस की बीमारी और दस्त के कोई लक्षण विकसित नहीं होंगे. स्तनपान से शिशुओं में अस्थमा या एलर्जी का खतरा भी कम हो जाता है.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, स्तनपान न केवल शिशुओं को लाभ पहुंचाता है, बल्कि स्तन कैंसर, डिम्बग्रंथि के कैंसर, टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग के विकास के जोखिम को भी कम करता है. इसलिए, हर साल तकरीबन 20,000 स्तन कैंसर की वजह से होने वाली मातृ मृत्यु को स्तनपान से रोका जा सकता है.
विश्व स्तनपान सप्ताह की थीम
2021 विश्व स्तनपान सप्ताह का विषय है 'स्तनपान की रक्षा करें : एक साझा जिम्मेदारी. इस थीम के पीछे की वजह लोगों को स्तनपान के फायदे और इसके महत्व के बारे में जागरूक करना है.