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जी नहीं, हमारा इरादा आपको किसी जगह जाने से रोकना नहीं है, हम तो बस सैलानियों के बीच मशहूर और भीड़ से भरी जगहों के उतने ही शानदार विकल्प बता रहे हैं, जहां अब तक घुमक्कड़ों की फ़ौज नहीं पहुंची है. अगली बार छुट्टियों में उन जगहों का रुख़ करें, जो धीरे-धीरे पर्यटन के नक्शे पर अपनी जगह बना रही हैं और सुखद आश्चर्य के लिए तैयार रहेंप्रकृति द्वारा बेपनाह ख़ूबसूरती से नवाज़े गए ये द्वीप सूरज, रेत और समंदर के दीवानों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं. आप यहां अपनी पसंदीदा किताब पढ़ते हुए पूरे दिन सन बेदिंग का आनंद ले सकते हैं या किसी अनजाने से द्वीप पर आराम से कॉकटेल के सिप ले सकते हैं. पानी के अंदर की रंगबिरंगी दुनिया का नज़ारा देखने के लिए समंदर में गोते लगाएं. वहां मूंगों की अद्भुत छटा आपको मंत्रमुग्ध कर देगी. यदि आपकी रुचि इतिहास में है तो मिनीकोय द्वीप के लाइटहाउस को देखने चले जाएं. इसका निर्माण वर्ष 1885 में किया गया था. कल्पेनी द्वीप में दूर-दूर तक बिखरे हुए मूंगे सागर किनारे पैदल भ्रमण को यादगार बना देते हैं.
अगत्ती और कदमत द्वीप उन सैलानियों के लिए जन्नत से कम नहीं हैं, जो यात्रा के दौरान रोमांच की तलाश में रहते हैं. जहां अगत्ती द्वीप रंगीन मछलियों और कछुओं से भरे अपने ख़ूबसूरत लगून्स के लिए जाना जाता है, वहीं कदमत द्वीप अपने सफ़ेद रेत वाले बीचेज़ और नारियल के पेड़ों की घनी क़तारों के लिए मशहूर है. इस द्वीप पर मूंगे की चट्टानों से जगमग लगून भी है, जहां आप स्विमिंग, स्नॉर्कलिंग और स्कूबा डायविंग का लुत्फ़ उठा सकते हैं.
जब बात लक्षद्वीप में आराम करने की आती है तो आपके सामने इतने विकल्प होंगे कि चुनाव करना सिददर्द लगने लगेगा. आप बंगाराम में सनबाथ ले सकते हैं. यह छोटा-सा द्वीप अपने सफ़ेद रेतीले किनारे और आसमानी रंगतवाले पानी की वजह से जाना जाता है. आप जालीदार झूले में अलसाते हुए समंदर की ख़ूबसूरती देख सकते हैं. बस यूं ही समंदर किनारे टहलने जाएं या कहीं छाया में लेटकर नमकीन हवाओं को अपने शरीर का स्पर्श करने दें.यदि आप मनाली में नवविवाहित जोड़ों की रोमैंटिक भीड़ से बचना चाहते हों तो भारत की हनीमून राजधानी से एक घंटा पहले ही बस से उतर जाएं और वहां से कसोल का रास्ता नापें.
यह छोटी-सी ख़ूबसूरत जगह पार्वती घाटी में स्थित है. यहां इज़राइली सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है. यहां तक कि कसोल में साइनबोर्ड्स भी आपको हिब्रू में दिखेंगे. बैक्पैकर्स की अनाधिकारिक राजधानी के नाम से ख्याति पाने की सबसे अहम् वजह यह है कि कसोल में आपको बड़ी आसानी से चरस मिल जाता है. यहां से मलाना गांव (इसी के नाम पर दुनिया की सबसे बढ़िया क्वॉलिटी वाले चरस का नामकरण मलाना क्रीम किया गया है) महज़ एक दिन की पैदल यात्रा से पहुंचा जा सकता है.
पगडंडियों पर पैदल चलते हुए आसपास के ख़ूबसूरत गांवों तक पहुंचा जा सकता है. ऐसा ही एक गांव है रसोल. यहां प्रकृतिप्रेमियों की भीड़ जमा रहती है. कसोल से 5 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद आप पहुंचते हैं मनिकरण, जो अपने गर्म पानी के झरनों के लिए जाना जाता है. यहां एक गुरुद्वारा भी है, जहां हर वर्ष हज़ारों सिख धर्मावलंबी आते हैं. मनिकरण से आप गाड़ी किराए पर लें और घुमावदार रास्तों से होते हुए तोश की ओर जाएं. रास्ते में इतने ख़तरनाक मोड़ हैं कि हर घुमाव के बाद कलेजा मुंह में आ जाता है. तोश हिमाचल प्रदेश के सबसे ख़ूबसूरत गांवों में एक है. मशहूर खीर गंगा ट्रेक पर जाने का बेस कैंप तोश ही है. यहां से दिनभर के तरोताज़ा कर देनेवाले ट्रेक के दौरान राह में आप गर्म पानी के कई झरने देखेंगे.
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Kajal Dubey
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