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इतिहास के पन्नों में कई ऐसी डायट का ज़िक्र है, जो बहुत ही अजीब हैं. हम आपको ऐसी ही पांच डायट के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें ट्राय करने बारे में सोचना भी नहीं चाहिए.
अधिकांश लोकप्रिय डायट थोड़ी सेंसिबल होती हैं और उन्हें फ़ॉलो करने की वजह भी होती है-जैसे एटकिंस, कीटो और इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग. लेकिन कुछ ऐसी भी डायट हैं, जिन्हें हम जानते तक नहीं फिर भी वे लोकप्रिय हो गईं और डायट बनने के योग्य समझी गईं! आपको हम पर विश्वास नहीं हो रहा है, तो आप इस तरफ़ नज़र डालें.
विनेगर डायट
यह जितना अजीब सुनने में है, उससे कहीं ज़्यादा ख़राब फ़ॉलो करने में है. 200 साल पहले लॉर्ड बायरॉन ने इस डायट को ईज़ाद किया और इसे उन लोगों ने फ़ॉलो किया, जो अपनी सेहत की परवाह किए बिना शरीर को पतला रखना चाहते थे. इस डायट में पानी के साथ काफ़ी मात्रा में विनेगर लिया जाता है, जिससे उल्दी, दस्त होती है और वज़न कम होता है.
द स्लीपिंग ब्यूटी डाइट
इस अजीब डायट को लोकप्रिय बनाने के लिए एक सेलिब्रिटी की ज़रूरतथी! एल्विस ने इसकी मार्केटिंग की और उनके हज़ारों प्रशंसकों ने इसे फ़ॉलो किया. उनका मानना था कि जब आप सोते रहते हैं, तो आप कम खाते हैं और इसलिए आप थोड़ा पतले होते जाते हैं. लंबे समय तक नींद में बने रहने के लिए सेडेटिव का भी उपयोग किया गया था और यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि यह डायट सफल नहीं हुई थी.
स्लिमिंग सोप डायट
वीअगर आप कड़ाई से खानपान पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं, तो एक साबुन का इस्तेमाल करके पतले हो सकते हैं! 1920 और 30 के दशक में कुछ कंपनियों ने यह दावा किया था कि स्लिमिंग और रिड्यूसिंग सोप से शरीर को अच्छी तरह से रगड़ने से स्टमक और डबल चिन पर जमा एक्स्ट्रा फ़ैट निकल जाता है. हालांकि यह नॉर्मल साबुन थे, जिनसे किसी का वज़न तो कम नहीं हुआ, बल्कि तेज़ गति से रगड़ने से त्वचा ज़रूर छिल गई थी.
द विज़न डायट
अगर कोई आपसे कहे कि किसी चीज़ को लगातार देखते रहने से आपका वज़न कम हो जाएगा तो आप यक़ीन करेंगे? खैर, जापान के कुछ शोधकर्ता के अनुसार कुछ रंग भूख को बढ़ाने का काम करते हैं (इसीलिए फ़ास्ट-फ़ूड चेन के लोगो के रंग लाल होते हैं), जबकि इसके विपरीत कुछ रंग भूख को दबाने का काम करते हैं. इसके लिए नीला रंग सबसे सही माना जाता है और यह सलाह दी गई कि आप नीले रंग के लेंस वाले डायट ग्लासेस पहनें.
दलदल से दूर रहनेवाली डायट
हम बिल्कुल भी मज़ाक नहीं कर रहे हैं. यह वास्तव में एक तरह की डायट है. लगभग 300 साल पहले इंग्लैंड के शेफ़िल्ड के एक चिकित्सक थॉमस शॉर्ट ने अपनी मोटापे और डायट की थीयरी पेश करते हुए कहा कि मोटे लोग स्वैम्प्स (दलदल) के नज़दीक रहते हैं, जबकि पतले लोग नहीं. हो सकता है कि यह कोई संयोग हो और दुनिया का वही हिस्सा उनके हिस्से आया हो, लेकिन शॉर्ट ने यह मान लिया कि दलदल वज़न बढ़ाने का काम करता है, इसलिए उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे स्वैम्प्स से दूर चले जाएं.
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Kajal Dubey
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