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जनता से रिश्ता वेबडेस्क।आप अपने मुंह को साफ रखने के लिए या तो ब्रश करते हैं या फिर धागे से अपने दांतो को साफ करते हैं।पर आपने कभी सोचा है कि इन सब तरीकों के अलावा एक और तरीका है जिससे आप अपने मुंह को स्वस्थ रख सकते हैं। ऑयल पुलिंग ऐसा तरीका है जिससे आप अपने मुंह को स्वस्थ रख सकते हैं। इसे आयुर्वेद में भी चिन्हित किया गया है। आयुर्वेद में इसे कवल ग्रह के नाम से जाना जाता है। ऑयल पुलिंग तकनीक से आप दांतों में सड़न, बदबूदार सांस,मसूड़ों से रक़तस्नाव और फटे हुए होंठ आदि जैसी बीमारियों से निजात पा सकते हैं। ऑयल पुलिंग पूर्ण रूप से पारंपरिक भारतीय तकनीक है। इस तकनीक का उल्लेख चरक संहिता में रखरखाव व मौखिक स्वच्छता के लिए किया गया है।
ऑयल पुलिंग का एक और प्रकार भी है जिसे आयुर्वेद में गंडुशा के नाम से जाना जाता है।इस तकनीक का उपयोग भी मुंह की सफाई और रखरखाव के तौर पर किया जाता है।इस तकनीक में मुंह को पूरी तरह से तेल से भर दिया जाता है और थोड़ी देर बाद उसे थूक दिया जाता है। इस तकनीक में और कवल ग्रह तकनीक में बस इतना ही फर्क है कि कवल ग्रह तकनीक में मुंह को तेल से नहीं भरा जाता है।आमतौर पर ऑयल पुलिंग के लिए तिल के तेल का प्रयोग अति उत्तम माना जाता है परंतु आप नारियल तेल में सूरजमुखी तेल जैसे अन्य खाद्य तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि ऑयल पुलिंग हमारे लिए कैसे फायदेमंद है।
आयल पुलिंग कैसे करें:
आयुर्वेद में ऑयल पुलिंग को करने के लिए विशेष रूप से निर्देश दिए गए हैं। उत्तम परिणाम के लिए सुबह जल्दी उठकर खाली पेट एक जगह आराम से बैठ जाएं और अपनी ठोड़ी को ऊपर कर ले।इसके बाद एक चम्मच तिल का तेल ले और उसे अपने मुंह में रख ले। इसके बाद अपने मुंह में रखे हुए तेल को 10 से 15 मिनट तक चारों तरफ हिलाते रहे और जब तेल पतला और रंग में दूधिया हो जाए तो फिर उसे थूक दे।इसमें एक बात का ध्यान अवश्य रखें की तेल मुंह के अंदर ना जाए क्योंकि इसमें विषाक्त पदार्थ होते हैं जो आपके लिए हानिकारक है।अब आप अपने दांतो को ब्रश करके अच्छी तरह से कुल्ला कर ले।अब आप प्रतिदिन इस तकनीक को दिन में तीन बार कर सकते हैं। ध्यान रखें कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों को यह प्रक्रिया नहीं करनी चाहिए।
यदि आप ऑयल पुलिंग या तेल से कुल्ला करते है तो ऐसा करने से आपके चेहरे की खूबसूरती बहुत ही ज्यादा बढ़ जाती है।यदि आप अपने दांतों को सुंदर और मजबूत बनाना चाहते हैं तो फिर शीशम और सूरजमुखी के तेल को मुंह के अंदर करीब 20 मिनट तक रखें और उसे लगातार मुंह के चारों तरफ घुमाए।
ऐसा करने से आपके दांत बिल्कुल साफ हो जाएंगे। अच्छे परिणाम के लिए आप ब्रश इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि ब्रश के इस्तेमाल से मुंह के अंदर से कीटाणु साफ हो जाते हैं।लेकिन ऑयल पुलिंग करते वक़्त आपको कई बातों का ध्यान रखना होगा जैसे कि ब्रश को अधिक स्पीड में न घुमाएं इससे आपको नुकसान हो सकता है।
तेल से कुल्ला करने से मुंह की दुर्गंध भी बहुत ही आसानी से दूर हो जाती है।
जिन लोगों को साथ या तमीज से संबंधित परेशानी है उन्हें यह उपाय जरूर करना चाहिए। उपाय करते हैं तो उनके लिए यह इलाज बहुत ही ज्यादा फायदेमंद साबित होगा।
जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की परेशानी होती है जिनका बीपी हाई होता है उन लोगों के लिए ऑयल पुलिंग बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है।
ऑयल पुलिंग कब्ज,माइग्रेन एवं इन्सोमनीया जैसी अवस्था में भी तेल से कुल्ला बेहत फायदेमंद साबित होता है।
यदि आपको अपने मसूड़ों से संबंधित कोई भी परेशानी है या दांतो में आपके किसी भी तरह का दर्द होता है तो ऑयल पुलिंग करने से आपको इन परेशानियों में बहुत ही जल्दी राहत मिल जाएगी।
तेल से कुल्ला करने के ये हैं नुकसान:
तेल से कुल्ला करते समय आपको कई चीजों का ध्यान रखना होगा। जब भी आप कुल्ला करें तो अपनी गर्दन को पीछे की ओर बिल्कुल भी न झुकाए वरना यह आपके गले के अंदर चला जायेगा। यदि आपको ऐसा लगे कि तेल अंदर जाने वाला है तो इसे तुरंत बाहर निकाल दें।
तेल से कुल्ला करने के फायदे हैं तो साथ में उसके नुकसान भी है। जब हम तेल से कुल्ला करते हैं तो दांतों से जमे मैल तो निकल जाते हैं लेकिन हम मसूड़ों की बीमारी से बच नही सकते।
तेल से कुल्ला करने के लिए आपको हमेशा अच्छी क्वालिटी के तेल का ही इस्तेमाल करना चाहिए। यदि आप सही क्वालिटी का तेल नहीं इस्तेमाल करते हैं तो इसके बदले आप को भारी नुकसान चुकाना पड़ सकता है। बेहतर होगा कि आप कुल्ला करने से पहले अच्छे तेल को ही खरीदें और उसका इस्तेमाल करें।
जब आप तेल से कुल्ला करें तो ध्यान रखें कि कभी भी अपने बच्चों को इसका इस्तेमाल ना कर दे। छोटे बच्चों को तेल से कुल्ला नहीं करना चाहिए क्योंकि तेल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। यदि तेल बच्चे के ट्यूब में चला गया तो उसे लिपोइड निमोनिया हो सकता है। इससे बेहतर होगा कि आप बच्चों के दांत स्वस्थ रखने के लिए उनमें रोजाना ब्रश करने की आदत डालवाएं।