लाइफ स्टाइल

ज्यादा पानी पीने से हो सकती है आपकी मौत, 8 ग्लास के बाद महिला की मृत्यु

Manish Sahu
6 Aug 2023 4:02 PM GMT
ज्यादा पानी पीने से हो सकती है आपकी मौत, 8 ग्लास के बाद महिला की मृत्यु
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लाइफस्टाइल: एक स्वस्थ और सेहतमंद व्यक्ति के लिए पानी पीना जरूरी माना जाता है. पानी पीने से शरीर के कई विकार खत्म होते हैं. इससे शरीर में टॉक्सिसटी नहीं होती है. वहीं कम पीनी पीने से शरीर में कई तरह की बिमारियां होने का खतरा होता है. पानी पीने से फेस का ग्लो बना रहता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर की जरुरत के हिसाब से पानी पीना चाहिए, ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए. ज्यादा पानी पीने की वजह से शरीर में कोई समस्याएं और बिमारियां हो सकती है यहां कि किसी की मौत भी हो सकती है.
क्या है मामला
अमेरिका के इंडियाना से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक बच्चों की मां ज्यादा पानी पीने की वजह से मर गई. दरअसल इस महिला ने 20 मिनट के दौरान 64 औंस पानी पी लिया. कहा जा रहा है इस महिला ने सिर्फ 20 मिनट में ही इतना पानी पी लिया जिताना एक स्वस्थ्य व्यक्ति को दिनभर में पीने की जरुरत होती है. हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि जरुरत से ज्यादा पानी पीने से शरीर में वॉटर टॉक्सिटी होती है. इसकी वजह से लोगों के शरीर में गंभीर समस्याएं झलनी पड़ती है. कहा जाता है कि कई बार ये इतना भयानाक होता है कि इसकी वजह से किसी की मौत भी हो सकती है.
क्या होता है वॉटर टॉक्सिटी
जब आप शरीर की जरुरत के हिसाब से अधिक से पानी पी लेते है तो वॉटर टॉक्सिटी का सामना करना पड़ता है. इस परिस्थिति में किडनी के लिए परेशानी होती है और वो काम करना बंद कर देता है. ज्यादा पानी की वजह से खून में पानी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे दिमाग पर गहरा असर होता है वहीं शरीर में सोडियम का लेवल अचानक कम हो जाता है. सोडियम की कमी को हाइपोनेट्रेमिया के नाम से जाना जाता है. सोडियम की कमी से शरीर में सूजन की परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसा आमतौर पर देखा जाता है कि वॉटर टॉक्सिस का सामना गर्मियों में होते हैं क्योंकि गर्मी में लोग प्यास लगने की बाद ज्यादा पानी पीते हैं.
इस बिमारी के लक्ष्ण
वॉटर टॉक्सिटी के लक्ष्ण हैं- उल्टी, सिरदर्द, जी घबराना, थकान, मांसपेंशियों में जकड़न, नींद न आना, हाई ब्लड प्रशेर, सांस लेने में परेशानी जैसे समस्याएं. वॉटर टॉक्सिटी के गंभीर मामलों में सेंट्रल नर्वस डिसफंक्शन, कोमा, हार्ट अटैक, ब्रेन डैमेज तक हो सकता है. कई बार ये परेशानी इतनी हो जाती है कि व्यक्ति की मौत हो जाती है.
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