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जरूरत से ज्यादा पानी पीना शरीर को करता है बीमार, पेय व खाद्य पदार्थों को लेकर रहें सचेत

Kajal Dubey
2 Jun 2023 11:12 AM GMT
जरूरत से ज्यादा पानी पीना शरीर को करता है बीमार, पेय व खाद्य पदार्थों को लेकर रहें सचेत
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गर्मी में हम सबसे ज्यादा पेय पदार्थ और पानी युक्त फलों का सेवन करते हैं। शरीर के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना अच्छी बात है लेकिन यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि किस प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन कब करना है। पानी पीने से शरीर का जल संतुलन बना रहता है और टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद मिलती है। बहुत ज्यादा पानी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से इलेक्ट्रोलाइट का असंतुलन, सूजन और बेचैनी हो सकती है। जरूरत से ज्यादा पानी पीने से खून की मात्रा बढ़ जाती है और किड़नी पर ज्यादा पानी को फ़िल्टर करने का दबाव भी बढ़ जाता है। इससे दिल पर अधिक बोझ पड़ सकता है और पेट में जलन बढ़ सकती है। जरूरत से ज्यादा पानी पीने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बिगड़ सकता है और खून में सोडियम के लेवल को कम कर सकता है, जिससे हाइपोनेट्रेमिया नाम की स्थिति पैदा हो सकती है। हाइपोनेट्रेमिया के लक्षणों में- जी मिचलाना, सिरदर्द होना, दुर्बलता, चिड़चिड़ापन, मांसपेशियों में ऐंठन आदि शामिल हैं।
एक दिन में कितना पानी पीना काफी है?
इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन ने पानी पीने से जुड़े दिशानिर्देश स्थापित किए हैं। एक हेल्दी व्यक्ति को रोजाना लगभग 9 से 13 कप पानी पीना चाहिए।
ऐसे में सही तरह से इनका सेवन करना अति आवश्यक है। कुछ सावधानियां बरतकर न सिर्फ़ आप हाइड्रेटेड रह सकते हैं बल्कि पूरी गर्मियों में अपनी सेहत को बेहतर भी बनाए रख सकते हैं।
हाइड्रेशन या बीमारी
किसी भी चीज़ की अति नुक़सानदेह होती है इसलिए बहुत ज़्यादा पानी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना भी हमारे शरीर को नुक़सान पहुंचा सकता है। बहुत ज़्यादा पानी का सेवन करने से इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित हो सकते हैं, जिससे गंभीर मामलों में मांसपेशियों में ऐंठन, कमज़ोरी और दौरे भी पड़ सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मांसपेशियों और तंत्रिका कार्यों को ठीक से नियंत्रित करने के लिए हमारे शरीर को सोडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन की आवश्यकता होती है। पर ज़्यादा पानी का सेवन करने से इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित होने की संभावना बढ़ जाती है।
जल का ज़्यादा सेवन करने से बेचैनी हो सकती है क्योंकि पानी के अधिक सेवन से पाचन तंत्र पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे गैस और सूजन हो सकती है। बार-बार लघुशंका आ सकती है, जो नींद को भी बाधित कर सकती है। इससे डीहाइड्रेशन भी हो सकता है। पानी की अधिकता से शरीर ओवरहाइड्रेटेड हो जाता है जिसके कारण किडनी पर दबाव पड़ने लगता है।
सेवन कब और कैसे
अब जब हमने बहुत ज़्यादा पानी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन के संभावित नुक़सान के बारे में जान लिया है, तो आइए इनको खाने के सही समय के बारे में जानें।
खीरा
इसमें कम कैलोरी होती है और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। हालांकि सोने से पहले खीरा खाने से नींद में बाधा आ सकती है क्योंकि इसे खाने से रात में बार-बार लघुशंका आ सकती है। दोपहर के खाने में दिन के दौरान इसे नाश्ते के रूप में या सलाद के रूप में खाना सबसे बेहतर है।
नारियल पानी
इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं। भोजन के साथ नारियल पानी का सेवन करने से सूजन और बेचैनी हो सकती है, क्योंकि यह पाचन में बाधा पैदा कर सकता है। नारियल पानी को खाली पेट पीना सबसे अच्छा माना जाता है।
तरबूज़
यह गर्मियों में खाया जाने वाला एक लोकप्रिय फल है। यह विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है। इसमें पानी की मात्रा भी ज़्यादा होती है। इसे खाने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है। हालांकि, खाना खाने के बाद तरबूज़ का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, क्योंकि यह अन्य खाद्य पदार्थों के साथ मिलने पर आंत में किण्वन पैदा कर सकता है। तरबूज़ का सेवन खाली पेट या स्नैक के रूप में करना सबसे अच्छा होता है। रात में इसे कतई न खाएं।
ज्यादा पानी पीने के 4 साइड इफेक्ट्स
हाइपोनेट्रेमिया
ज्यादा पानी पीने की वजह से बॉडी में सोडियम का लेवल कम हो सकता है। इस स्थिति को ही हाइपोनेट्रेमिया कहा जाता है। दिल और किडनी से जुड़ी परेशानी वाले लोगों को हाइपोनेट्रेमिया का खतरा ज्यादा होता है।
मांसपेशियों में ऐंठन
बीएमजे में पब्लिश एक स्टडी में कहा गया है कि ज्यादा पानी पीने से खून में सोडियम और बाकी इलेक्ट्रोलाइट्स पतला हो जाता है, जिसकी वजह से शरीर में सोडियम का लेवल कम हो जाता है। शरीर में सोडियम का लेवल कम होने के कारण मांसपेशियों में ऐंठन जैसी शारीरिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
बार-बार पेशाब आना
ज्यादा पानी पीने से ज्यादा पेशाब आता है, क्योंकि जब आप ज्यादा पानी पीते हैं तो किडनी को लगातार काम करना पड़ता है। इसके अलावा, अध्ययनों से मालूम चलता है कि बार-बार पेशाब आना किडनी पर ज्यादा दबाव का कारण बनता है।
दस्त
ओवरहाइड्रेशन से हाइपोकैलिमिया या बॉडी में पोटेशियम के लेवल में कमी आती है। इसकी वजह से दस्त और काफी लंबे समय तक पसीना आता है। क्लीवलैंड क्लिनिक की वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाइपोकैलिमिया अक्सर सीधे डाइजेशन सिस्टम को प्रभावित करता है। यही वजह है कि उल्टी और दस्त जैसी पेरशानियां पैदा होती हैं।
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