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आमतौर पर हम सभी के अंदर तेजी से वजन बढ़ने की समस्या देखी जाती है. अक्सर होता है कि हमारे वजन अचानक बढ़ता और घटना है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आमतौर पर हम सभी के अंदर तेजी से वजन बढ़ने की समस्या देखी जाती है. अक्सर होता है कि हमारे वजन अचानक बढ़ता और घटना है, ऐसे में हमको लगता है, ये डाइट के कारण से होता है. हालांकि कई बार हॉर्मोन्स (Weight Gain Hormones)भी आपके वजन बढ़ने का कारण हो सकते हैं. आज के वक्त में हर कोई अलग अलग तरीके से वजन कम करने की कोशिश में लगा हुआ है. लेकिन सच ये भी है कि शरीर से चर्बी का छटना इतना आसान भी नहीं होता है.इसके लिए जितना जरूरी सही वेट लॉस प्लान (weight loss plan), संतुलित भोजन करना उतना ही जरूरी हॉर्मोन्स (Hormones change) के बीच संतुलन बनाए रखना.
हम बात महिलाओं की करें तो उन्हें अपने जीवन में कई ऐसी स्टेज से गुजरना पड़ता है जिसमें पीएमएस, मेनोपॉज, तनाव और प्रेगनेंसी जैसी वजहें शामिल हैं.वजन को कम करने के लिए आप कितना भी डाइटिंग और एक्सरसाइज कर लें लेकिन जब तक शरीर के हॉर्मोन्स को सही तरीके से संतुलित नहीं होंगे आपको कोई फायदा नहीं होगा. तो उ जानते हैं कि हॉर्मोन्स का बढ़े वजन से कनेक्शन-
लेप्टिन हॉर्मोन
जब आपका शरीर पूरी तरह से हेल्दी होता है तो लेप्टिन का काम यह बताना होता है कि आपका पेट भर चुका है और आपको कुछ भी अब नहीं खाना है. जब हम अक्सर बाहर का खाना शुरू कर देते हैं इससे फैट आपके लीवर, बेली के आस पास जमा हो जाता है इसलिए इसके कारण भी आपका वजन बढ़ सकता है.
इंसुलिन हॉर्मोन
इंसुलिन पैंक्रियाज द्वारा बाहर निकाला जाता है और ग्लूकोज को एनर्जी के रूप में प्रयोग करने के लिए जरूरी होता है. अगर आप अनहेल्दी चीजों का सेवन कर रहे हैं तो आपके शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ने लगती है जिसमें आप की सेल्स इंसुलिन को ब्लॉक कर देती हैं. इससे ना केवल वजन बढ़ता है बल्कि बीमारियां भी जन्म लेती हैं.
एस्ट्रोजन हॉर्मोन
एस्ट्रोजन लेवल जो अधिक या कम हो जाते हैं तो आपका वजन बढ़ना शुरू हो जाता है. एस्ट्रोजन के हाई लेवल उन सेल्स को इफेक्ट करते हैं जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ सकती है और आपका ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ सकता है जिस कारण आपका वजन बढ़ना शुरू हो सकता है.
कॉर्टिसोल हॉर्मोन
यह एक स्टीरॉयड हार्मोन होता है जो एड्रिनल ग्लैंड द्वारा सिक्रेट किया जाता है. यह हार्मोन तब और अधिक बढ़ता है जब हम स्ट्रेस लेते हैं, गुस्सा होते हैं या अधिक डिप्रेशन में रहते हैं. ये हॉर्मोन आज के वक्त में युवाओं में काफी पाया जा रहा है.
प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन
अगर आप चाहते हैं कि आपका शरीर अच्छे से काम करे तो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन बैलेंस होने चाहिए.इसके प्रभावित होने से ना केवल वजन बढ़ता है बल्कि डिप्रेशन की समस्या से भी इंसान जूझता है. इस हार्मोन में आम तौर पर तब बदलाव आते हैं जब आप कोई एंटीबायोटिक का सेवन कर रही हों या फिर आप हार्मोनल बर्थ कंट्रोल पिल का सेवन कर रही हों.
टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन
इस हार्मोन का काम फैट बर्न करना और मसल्स को मजबूत करना होता है लेकिन स्ट्रेस आदि के कारण इसके लेवल कम होने लगते हैं जिससे वजन बढ़ सकता है.
Teja
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