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डायबिटीज को कंट्रोल के लिए करे ये 5 योगासन, जल्द दिखेगा आराम

Teja
6 Jun 2022 11:56 AM GMT
डायबिटीज को कंट्रोल के लिए करे ये 5 योगासन, जल्द दिखेगा आराम
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खान-पान की गलत आदतों और वर्कआउट की कमी के चलते आज ज्यादातर लोग मधुमेह के शिकार बन रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | खान-पान की गलत आदतों और वर्कआउट की कमी के चलते आज ज्यादातर लोग मधुमेह के शिकार बन रहे हैं। डायबिटीज होने के बाद कई अन्य रोगों का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर्स के अनुसार ब्लड शुगर अनियंत्रित होने का असर शरीर के कई अंगों पर पड़ता है। ये हृदय, गुर्दे, आंख, रक्त वाहिकाओं और तंत्रिकाओं जैसे आंतरिक अंगों को प्रभावित कर सकता है। लंबे समय तक डायबिटीज रहने पर अंधापन, हृदय रोग से लेकर किडनी फेल तक का खतरा बना रहता है। हालांकि जीवन शैली में बदलाव करके इस रोग पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। भारत में ये रोग तेजी से बढ़ रहा है ऐसे में मधुमेह को लेकर सतर्क होना बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ डायबिटीज रोगियों को दवा के साथ जीवनशैली में भी बदलाव करके इस रोग को नियंत्रित करने की सलाह देते हैं। आइए जानते हैं आखिर कौन से हैं वो 5 योगासन हैं, जिन्हें रोजाना करने से मधुमेह को कंट्रोल किया जा सकता है।

मंडूकासन-
मंडूकासन करते समय शरीर मेढक के जैसा प्रतीत होता है। इसलिए इसे मंडूकासन कहते हैं। इसे अंग्रेजी में फ्रॉग पोज के नाम से जाना जाता है। यह आसन डायबिटीज और पेट के रोगों के लिए रामबाण है। यह आसन पेनक्रियाज के लिए फायदेमंद होने के साथ पेट पर भी दबाव डालता है। मधुमेह पीडित रोगियों को नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करना चाहिए।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन-
अर्धमत्स्येन्द्रासन आसन (Ardhamatsyendrasana) को 'हाफ स्पाइनल ट्विस्ट पोस' भी कहा जाता है। वैसे देखा जाए तो 'अर्ध मत्स्येन्द्रासन' तीन शब्दों के मेल से बना है: अर्ध, मत्स्य, और इंद्र। अर्ध मतलब आधा, मत्स्य यानी मछली, और इंद्र मतलब भगवान। 'अर्धमत्स्येन्द्र' का अर्थ है शरीर को आधा मोड़ना या घुमाना। मधुमेह रोगियों को अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Yoga to control Diabetes) का भी अभ्यास करना चाहिए। डायबिटीज, कब्ज, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, मासिक धर्म की परेशानियों, और अपच के लिए फायदेमंद है अर्ध मत्स्येन्द्रासन।
बालासन-
बालासन योग को आप कहीं भी कभी भी कर सकते हैं। इस आसन को चाइल्ड पोज के नाम से भी जाना जाता है। बालासन का अभ्यास करने से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है। यूं तो बालासन को आमतौर पर तनाव दूर करने के लिए जाना जाता है, लेकिन वास्तव में यह मधुमेह रोगियों को भी बेहद लाभ पहुंचाता है।
कपालभाति-
कपालभाति प्राणायाम मधुमेह रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह आपके शरीर की तंत्र-तंत्रिकाओं और दिमाग की नसों को मजबूती देने के साथ शरीर में ऊर्जा भी बनाए रखता है।
अनुलोम विलोम-
आजकल लगभग ज्यादातर घरों में लोग उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित हैं। ऐसे में उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह के रोगियों के लिए कपालभाति और अनुलोम विलोम बहुत ही फायदेमंद माने गए हैं। रोजाना 15 से 20 मिनट कपालभाति और अनुलोम विलोम करने से उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों में राहत मिलती है। इसके अलावा यह हार्मोनल असंतुलन को बैलेंस करने में भी मदद करता है।


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