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डायबिटीज के मरीज करे इस चाय का सेवन

Kajal Dubey
21 Jun 2023 11:03 AM GMT
डायबिटीज के मरीज करे इस चाय का सेवन
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डायबिटीज यानी मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है और देश में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिसका मुख्य कारण बदलती लाइफस्टाइल और खराब खानपान है। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि मधुमेह जिंदगीभर चलने वाली एक क्रोनिक कंडीशन है। इसके दो प्रकार टाइप 1 और टाइप 2 हैं। अगर इस बीमारी को सही तरीके से मैनेज न किया जाए, तो कई अन्य शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है। मधुमेह से पीड़ित मरीजों को मीठी चीजों से भी दूर रहने की सलाह दी जाती है ऐसे में अगर आप भी मधुमेह के मरीज हैं और चाय पीने के शौकीन भी तो ऐसे में गुड़हल की चाय का सेवन कर सकते है। इसके सेवन से न सिर्फ ब्लड शुगर कंट्रोल में रहेगा, बल्कि सेहत को और भी कई फायदे होंगे। आइए जानते डायबिटीज के मरीज किस तरह गुड़हल की चाय का सेवन करें।
क्या है गुड़हल?
गुड़हल एक तरह का फूल होता है जो देखने में काफी सुंदर होते हैं। गुुड़हल के फूल को अड़हुल का फूल भी बोलते हैं। अधिकांशतः गुड़हल के फूल का इस्तेमाल पूजा-पाठ आदि कामों के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गुड़हल के फूलों की चाय का भी सेवन किया जाता है? जी हां, इसकी चाय सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है। ये फूल जितने दिखने में सुंदर होते हैं सेहत के लिए उतने ही गुणकारी भी होते हैं। इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट गुण होते हैं। आयुर्वेद में गुड़हल के फूल (gudhal ke phool) को एक बहुत ही उत्तम औषधि बताया गया है।
गुड़हल में पाए जाने वाले गुण
गुड़हल के फूलों और पत्तियों में बीटा-कैरोटीन, विटामिन-सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। ये सभी आपके सेहतमंद बनाए रखने में मदद करते हैं। अगर आप डायबिटीज, कैंसर और दिल से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित हैं तो गुड़हल के फूल आपके काम का साबित हो सकता है।
गुड़हल की चाय बनाने की विधि
- गुड़हल की चाय बनाने के लिए सबसे पहले गुड़हल का फूलों धोकर उसकी पंखुड़ियां अलग कर दें।
- इसके बाद पैन में पानी बॉयल करें।
- जब पानी बॉयल हो जाए तो इसमें दो गुड़हल के फूल की पंखुड़ियां डाल दें फिर इसे दो मिनट तक पकाएं।
- उसके बाद इसे कप में छान लें।
- अब इसमें नींबू का रस और शहद मिला दें फिर इसका सेवन करें।
- आप चाहें तो इसके फूलों को सुखाकर इसका पाउडर बनाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- आपको बाजार में भी लूज पाउडर और टी बैग्स के रूप में गुड़हल टी मिल जाएगी।
गुड़हल के और फायदे
तनाव कम करने में मददगार
अगर आप तनाव से जूझ रहे हैं, तो गुड़हल की चाय आपके काम का साबित हो सकता है। इसको पीने से थकान और तनाव दूर हो सकता है साथ ही इसके सेवन से अच्छी नींद भी आती है। गुड़हल के पत्तों तथा फूलों को पानी में पीसकर सूजन और दर्द वाले स्थान पर लगाएं। इससे सूजन और दर्द से आराम मिलता है।
बालों को बढ़ाने में मददगार
बालों को पोषण और सिर को ठंडा रखने के लिए गुड़हल के पत्तों को पीसकर लुग्दी बना लें। इसे बालों में लगाएं। दो घंटे बाद बालों को धोकर साफ कर लें। गुड़हल के ताजे फूलों (gudhal ke phool) के रस में बराबर मात्रा में जैतून का तेल मिलाकर आग में पका लें। जब तेल केवल रह जाए तो शीशी में भरकर रख लें। रोजाना बालों में मल कर जड़ों तक लगाने से बाल चमकीले और लम्बे होते हैं।
याददाश्त बढ़ाने के लिए
गुड़हल के फूलों और पत्तों को बराबर मात्रा में लेकर सुखाएं। इसे पीसकर पाउडर बना लें और शीशी में भर लें। एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम पिएं। इसे आपको एक कप मीठे दूध के साथ पीना है। इससे याददाश्त बढ़ती है।
खून की कमी दूर करने के लिए
एक चम्मच गुड़हल के फूल के चूर्ण को एक कप दूध के साथ सुबह शाम नियमित रूप से सेवन करें। इससे कुछ ही माह में खून की कमी दूर होती है। शरीर में शक्ति मिलती है।
सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ाने के लिए
गुड़हल के फूल को छाया में सुखा लें। इसके पत्तों के चूर्ण में बराबर मात्रा में खांड़ मिला लें। इसे 40 दिन तक 6 ग्राम की मात्रा में सेवन करेंं। इससे सेक्सुअल स्टेमना बढ़ता है।
वजन होगा कम
बेहद कम ही लोग जानते होंगे कि गुड़हल वजन घटाने में भी काफी फायदेमंद है। दरअसल, इसमें मौजूद गुण आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद करती है। इसके सेवन से आप अपना वजन कम कर सकते हैं।
वायरल इन्फेक्शन से बचाती है
वायरल इन्फेक्शन से बचने के लिए आप गुड़हल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन से बचाने में मदद करती है। आप 15 मिली गुड़हल की जड़ का रस निकाल लें। इसे दिन में 4 बार सेवन करें। इससे वायरल इन्फेक्शन में लाभ मिलता है।
दस्त रोकने के लिए
दस्त को रोकने के लिए 5-10 मिली गुड़हल के पत्ते के रस का सेवन करें। इससे दस्त पर रोक लगती है।
बवासीर का इलाज
गुड़हल की कलियों को घी में तलें। इसमें मिश्री और नागकेशर मिलाएं। इसका सुबह-शाम सेवन करने से पेचिश और बवासीर में लाभ होता है।
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