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मथुरा-मुंबई की इन जगहों पर मनाया जा रहा है दही हांडी कार्यक्रम, आप भी ले सकते हैं हिस्सा

SANTOSI TANDI
6 Sep 2023 7:04 AM GMT
मथुरा-मुंबई की इन जगहों पर मनाया जा रहा है दही हांडी कार्यक्रम, आप भी ले सकते हैं हिस्सा
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आप भी ले सकते हैं हिस्सा
कृष्ण जन्माष्टमी पर दही हांडी का उत्सव बड़े ही खास तरीके से मनाया जाता है। यह पर्व हर साल जन्माष्टमी के अगले दिन मनाया जाता है। अगर देखा जाए तो मुख्य तौर पर मुंबई और गुजरात में इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता रहा है, लेकिन अब इसे पूरे भारत में जोर-शोर से मनाया जा रहा है।
जगह-जगह जन्माष्टमी के खास अवसर पर दही हांडी प्रतियोगिता रखी जाने लगी है। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर 2023 को मनाई जा रही है। इसलिए दही हांडी का उत्सव जन्माष्टमी के अगले दिन यानी 7 सितंबर 2023 को मनाया जाएगा। अगर आप भी दही हांडी उत्सव का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो आप इन जगहों पर जाकर कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव का आनंद उठा सकते हैं।
मथुरा-वृंदावन
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित मथुरा-वृंदावन एक महत्वपूर्ण धार्मिक व ऐतिहासिक नगर है। यह शहर इसलिए खास है क्योंकि यहां श्री कृष्णा जी का जन्म हुआ था। मथुरा-वृंदावन में आपको श्री कृष्ण के एक से बढ़कर एक मंदिर देखने को मिलेंगे। यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान के दर्शन के लिए आते हैं।
अगर आप एक बार यहां दही हांडी का उत्सव देखने पहुंच गए, तो हर साल आप यहीं जाने का प्लान बनाएंगे। यहां हर गली-मोहल्ले में लोग दही हांडी प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं। (मथुरा में घूमने की जगह)
मथुरा-वृंदावन में दही हांडी प्रतियोगिता
मथुरा-वृंदावन में 10 दिन पहले ही श्री कृष्णा उत्सव की तैयारियां शुरू हो जाती है। आप यहां बांके बिहारी मंदिर, निधिवन मंदिर, इस्कॉन वृंदावन मंदिर और प्रेम मंदिर में जाकर दही हांडी प्रतियोगिता का मजा उठा सकते हैं। (Delhi-NCR में कृष्णा मंदिर)
मुंबई में दही हांडी प्रतियोगिता
श्री कृष्ण जन्माष्टमी में मुंबई की भी दही हांडी प्रतियोगिता देखने वाली होती है। भारी संख्या में लोग इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं। इस साल मुंबई और ठाणे से चौदह गोविंदा टीमें हिस्सा लेंगी। इसके सिवा वर्ली के जंबोरी मैदान में भी आप दही हांडी कार्यक्रम देखने जा सकते हैं। यह शहर ज्यादा चर्चित दही हांडी स्थलों में से एक है।
यहां जीतने वाली टीम को 33 लाख 33 हजार रुपये देने का पुरस्कार रखा गया हैं। साथ ही, स्थानीय सरकार की तरफ से गोविंदा लीग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले 75 हजार गोविंदाओं को बीमा कवर दिया जाएगा।
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