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बच्चे कर देते है रात में बिस्तर गीला,जानिए उपाय और इलाज

Kajal Dubey
11 Feb 2022 3:44 AM GMT
बच्चे कर देते है रात में बिस्तर गीला,जानिए उपाय और इलाज
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अधिकतर छोटे बच्चे रात को सोते समय बिस्तर को गीला कर देते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अधिकतर छोटे बच्चे रात को सोते समय बिस्तर को गीला कर देते हैं यानी बेड पर ही टॉयलेट (Toilet) कर देते हैं. बच्‍चों में होने वाली इस समस्‍या को Bed wetting कहा जाता है. इसमें रात को सोने के बाद बच्‍चे का अपने आप टॉयलेट निकल जाता है. इसे लेकर ज्यादातर पैरेंट्स परेशान रहते हैं लेकिन आपको बता दें कि ये कोई चिंता का विष्य नहीं है. अक्सर छोटी उम्र में बच्चे ऐसा करते हैं. बच्‍चे को टॉयलेट ट्रेनिंग ठीक से न मिलने पर ऐसा हो सकता है. बच्‍चे के विकास का यह एक बहुत ही सामान्‍य हिस्‍सा है. कई बार बच्चे गहरी नींद (Deep Sleep) में भी बिस्तर गीला कर देते हैं. वहीं कई बच्चे डरावने सपने देखते हुए भी बेड पर टॉयलेट कर देते हैं. मायोक्लिनिक की खबर के अनुसार 7 साल की उम्र तक बैड वैटिंग चिंता की बात नहीं है. हो सकता है कि इस उम्र तक आपका बच्‍चा रात को टॉयलेट रोकना सीख रहा हो लेकिन इस उम्र के बाद भी रात को बिस्‍तर गीला करने की परेशानी हो रही है तो आपको इस समस्‍या को समझना होगा और इसका इलाज करना होगा. समस्या के बढ़ने पर डॉक्टर की सलाह लेना भी जरूरी है.

क्यों करते हैं बच्चे बिस्तर गीला
-रात को टॉयलेट रोकने के लिए आपके बच्‍चे का मूत्राशय पर्याप्‍त विकसित नहीं भी हो सकता है.
-अगर मूत्राशय को कंट्रोल करने वाली नसें धीरे मैच्‍योर हो रही हैं तो टॉयलेट आने पर बच्‍चे की नींद नहीं खुलती है. ऐसा गहरी नींद में होता है.
-बचनप में रात के समय टॉयलेट कम आने के लिए कुछ बच्‍चों के शरीर में पर्याप्त मूत्र-रोधी हॉर्मोन नहीं बन पाते हैं.
-मूत्रमार्ग में संक्रमण के कारण टॉयलेट रोकने में बच्‍चे को दिक्‍कत आ सकती है.
-स्‍लीप एप्निया में नींद के दौरान सांस लेने में दिक्‍कत होती है जिसमें कभी-कभी सोते समय टॉयलेट निकल सकता है.
-इसके अलावा डायबिटीज, लंबे समय से कब्‍ज, मूत्र मार्ग या नर्वस सिस्टम की संरचना में दिककत की वजह से बच्‍चा रात में बिस्‍तर गीला कर सकता है.
अगर आपके बच्‍चे की रात को सोते समय बिस्‍तर गीला करने की आदत है तो आप कई तरीकों को अपनाकर इस समस्‍या को ठीक कर सकते हैं.
-कमरे से बाथरूम ज्‍यादा दूर नहीं होना चाहिए.
-वहीं बाथरूम ऐसी जगह भी नहीं होना चाहिए, जहां जाने से बच्‍चे को डर लगता हो.
-अगर बच्‍चे को रात में उठकर टॉयलेट करने जाने से डर लगता है तो उसे बोलें कि वो आपको अपने साथ लेकर जाए.
-आप कमरे में एक हल्‍का बल्‍ब जरूर जलाकर रखें.
-बच्‍चे को पर्याप्‍त मात्रा में पानी और अन्‍य तरल पदार्थ पिलाते रहें. उसे दिन में पानी ज्‍यादा पीने को दें. इससे रात को टॉयलेट कम आएगा.
-बच्‍चे को बाथरूम और टॉयलेट ट्रेनिंग अच्छे से दें.
अधिकतर बच्‍चे उम्र बढ़ने के साथ ही खुद ही इस परेशानी से निकल जाते हैं जबकि कुछ बच्‍चों को थोड़ी मदद की जरूरत पड़ती है. कुछ बच्‍चों को किसी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या के कारण ये दिक्‍कत हो सकती है जिसका तुरंत इलाज करवाने की जरूरत होती है.
क्यों जाएं डॉक्टर के पास
-अगर 7 साल की उम्र के बाद भी बच्‍चा बिस्‍तर गीला करता हो तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं.
-रात को टॉयलेट करने में दर्द, बहुत ज्‍यादा प्‍यास लगना, गुलाबी या लाल रंग का टॉयलेट आना या खर्राटे आने की दिक्‍कत होना.


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