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आजकल डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है परन्तु ये स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित नहीं होते। इन खाद्य पदार्थों की प्रोसेसिंग व पैकिंग करते समय ये खुले पड़े रहते हैं जिसके कारण इनमें सोलमोनेला व ई कोली जैसे हानिकारक बैक्टीरिया पनपते हैं। यही नहीं, प्रोसेसिंग के दौरान हुई प्रक्रि याओं में ये अपने पौष्टिक तत्व भी खो देते हैं इसलिए सदैव ताजे खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें।
फल व सब्जियां आंखों के लिए लाभदायक
फलों व सब्जियों के सेवन से हुए लाभों में अब एक नया लाभ और जुड़ गया है। विशेषज्ञों द्वारा किए गए शोध के अनुसार एक्यूट मैक्यूलर डिजनेरेशन (ए एम डी) नामक आंखों की बीमारी जिससे दृृष्टि कम हो जाती है, की संभावना को भी कम करता है। अधिकतर फलों व सब्जियों में ल्यूटिन, जियाएक्सानथिन नामक पिगमेंट पाए जाते जाते हैं। ये पिगमेंट आंखों को नीली रोशनी के प्रभाव से बचाते हैं। वृद्धावस्था में इस पिगमेंट का स्तर कम होता है जिससे दिखाई देना बंद हो जाता है। शोधों से पता चला है कि ल्यूटिन युक्त सब्जियां जैसे पालक, मटर, भुट्टा आदि के सेवन से इस
पिगमेंट का स्तर बढ़ता है और हमारी आंखों की देखने की शक्ति सुरक्षित रहती है।
धूम्रपान अनेक रोगों का कारण
नवीनतम शोधों से पता चला है कि एक पूरे वर्ष में जितने व्यक्तियों को हार्ट अटैक होता है उनमें से एक चौथाई से अधिक लोगों को धूम्रपान के कारण इस बीमारी का शिकार होना पड़ता है। धूम्रपान के कारण स्नायु संबंधी समस्याएं, मानसिक तनाव, फेफड़ों की बीमारियां, कैंसर और न जाने कितने रोग होते हैं। इसलिए एक धूम्रपान छोड़ देने से इतनी सब बीमारियों से बचा जा सकता है तो धूम्रपान न करना ही हितकर है।
हृदयाघात की संभावना को कम करता है नियमित व्यायाम
हार्वर्ड स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ के विशेषज्ञ फ्रेंक हयू द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार प्रतिदिन 30 मिनट का व्यायाम या पैदल चलना महिलाओं में हृदयाघात की संभावना को कम करता है। इस शोध में उन्होंने बहुत से व्यक्तियों पर अध्ययन किया और पाया कि अधिक व्यायाम करने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और एच डी एल (अच्छे कोलेस्ट्रोल) की मात्र बढ़ती है। यही नहीं, इससे वजन भी नियंत्रित रहता है। इसलिए आप भी अभी से कोई भी आसान व्यायाम जैसे पैदल चलना, रस्सी कूदना, जो भी आपको अच्छा लगे, नियमित करें।
खड़ा रहना आपके हृदय के लिए अच्छा
अगर आप चाहते हैं कि आपका हृदय स्वस्थ रहे तो बैठिए नहीं, चलिए। जी हां, अगर आप खड़े रहते हैं तो आपको हृदय रोगों के होने की संभावना कम होती है और अगर आप थोड़ा पैदल चलते हैं तो इस लाभ को और बढ़ा सकते हैं। 'न्यू इंग्लैण्ड जर्नल ऑफ मेडिसिन' में प्रकाशित इस शोध में 50-79 आयु की 74000 महिलाओं पर 5 वर्ष तक अध्ययन के फलस्वरूप यह सामने आया कि जो महिलाएं कम समय बैठी रहती हैं, उन्हें हृदय रोगों की संभावना कम होती है। जो महिलाएं प्रतिदिन आधा घंटा सैर करती हैं या व्यायाम करती हैं उन्हें हृदय रोगों और पक्षाघात होने की संभावना ऐसा न करने वाली महिलाओं की तुलना में 30 प्रतिशत कम होती है। इस शोध के शोधकर्ता डॉ. जॉन ईमेनसन के अनुसार हृदय के स्वास्थ्य के लिए जरूरी नहीं कि आप कठिन व्यायाम करें बल्कि हल्के व्यायाम भी लाभप्रद हैं परन्तु सबसे आवश्यक है कुछ शारीरिक श्रम करना। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियॉलॉजी ने भी प्रतिदिन 30 मिनट पैदल चलने या व्यायाम करने पर जोर दिया है।
अधिक और कम नींद आपको दे सकती है हृदय रोग
विशेषज्ञों के अनुसार पर्याप्त नींद लेना बहुत आवश्यक है और पर्याप्त नींद न लेने से व्यक्ति कई बीमारियों से ग्रस्त हो सकता है। अब विशेषज्ञों ने अपने शोध के फलस्वरूप पाया है कि जिस तरह कम नींद लेना हानिकारक है, उसी प्रकार अधिक नींद लेना भी हानिकारक है। जो महिलाएं कम सोती हैं या बहुत अधिक सोती हैं उन्हें कोरोनरी हार्ट डिसीज होने की संभावना अधिक होती है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रतिदिन आठ घंटे की नींद अनिवार्य है। न तो इससे अधिक नींद लेनी चाहिए और न ही कम। आर्चिव्स ऑफ इन्टरनल मेडिसिन में प्रकाशित इस शोध में 45-65 वर्ष की आयु की 7000 महिलाओं के स्लीपिंग पैटर्न को जाना गया। इनमें से जिन महिलाओं ने केवल 5 घंटे की नींद ली, उन्हें आठ घंटे नींद लेने वाली महिलाओं की तुलना में हृदयाघात होने की संभावना 45 प्रतिशत अधिक पायी गयी। जो महिलाएं 7 घंटे नींद लेती हैं, उन्हें भी आठ घंटे नींद लेने वाली महिलाओं की अपेक्षा हृदयाघात होने की संभावना 9 प्रतिशत अधिक पायी गयी। इसके विपरीत जिन महिलाओं ने 9 घंटे या उससे अधिक नींद ली, उन्हें 38 प्रतिशत अधिक हृदय रोगों के होने की संभावना पायी गयी। विशेषज्ञों के अनुसार अधिक सोने का संबंध 'स्लीप एपनिया' से है जिसमें व्यक्ति को आवश्यक आक्सीजन नहीं मिल पाती। आक्सीजन न मिल पाने से भी हृदय रोगों की संभावना बढ़ जाती है।
हंसिए और स्वस्थ रहिए
अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो सबसे आसान इलाज है हंसना। अगर आप खुश रहते हैं तो बीमारी आपको छू ही नहीं सकती। खुश रहने वाले लोग शारीरिक रूप से अधिक चुस्त रहते है और उन्हें धूम्रपान आदि बुरी लतें भी कम होती हैं जिसके कारण उन्हें हृदय रोग, मधुमेह, डिप्रेशन आदि की संभावना भी कम होती है। विशेषज्ञ भी यह मानते हैं कि जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण व्यक्ति को बीमारियों से दूर रखता है, इसलिए खुल कर हंसिए और हंसने के लिए वजह का इंतजार न करें बल्कि खुद ही वजह ढूंढ लें।
खुश रहना आपके हाथ में
अगर आप खुश रहना चाहते हैं तो अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताएं और नए-नए दोस्त बनाएं। नवीनतम शोधों से पता चला है कि जो लोग अपना समय अपने परिवारजनों और दोस्तों के साथ बिताते हैं, वे ज्यादा खुश रहते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ पेनिसिलवेनिया के विशेषज्ञ मार्टिन ई. पी. सेलिगमेन ने अपनी पुस्तक 'आथेंटिक हेपीनेस' में भी यही बात लिखी है कि खुशनुमा व्यक्ति अपना कम से कम समय अकेले बिताते हैं। वे आशावादी दृष्टिकोण रखते हैं। ऐसे व्यक्ति दूसरों से कम ईर्ष्या करते हैं और अपने 'टेलेंट' से जिंदगी में तरक्की पाते हैं। दूसरों के कार्यों को या उनकी सफलता देखकर नहीं चिढ़ते बल्कि वे अपना सारा ध्यान अपने कार्य की ओर लगाते हैं। अपने परिवार, मित्रों के साथ अधिक समय बिताने से वे अपने सुख दुख उनसे बांटते हैं जबकि अकेले रहने वाले व्यक्ति अपने मन में ही सब बातें रखते हैं जिससे वे डिप्रेशन का भी शिकार हो जाते हैं। इसलिए आप भी खुश रहें और सामाजिक बनें ताकि आपको डिप्रेशन का सामना न करना पड़े।
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