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जरूरत से ज्यादा कैलोरी शरीर में फैट के रूप में जमा हो जाती है। अगर यह फैट बहुत अधिक मात्रा में इक्ट्ठा हो जाता है तो इससे आपको डायबिटीज भी हो सकती है। केवल यही नहीं इस फैट के बढ़ने से आपका किडनी डेमेज, स्ट्रोक, हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। लंदन में किंग्स कॉलेज के न्यूट्रिशन साइंस की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। सारा बेरी नेThe Telegraphको दिए अपने एक इंटरव्यू में बताया कि शरीर में जमने वाले कुछ तरह के फैट गंभीर स्थितियों के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। विसरल फैट जमने से शरीर में हानिकारक कैमिकल का उत्पादन बढ़ जाता हैजिससे सूजन, टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियां हो सकती हैं। कई लोग अपने शरीर के हिस्सों में जमे फैट से परेशान रहते हैं। तो चलिए जानते है कि कौन से हिस्से में जमा फैट आपके लिए फायदेमंद और खतरनाक साबित होता है।
हिप्स
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक,हिप्स पर जमा फैट सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन फैट इतना अधिक नहीं बढ़ना चाहिए कि वह मसल्स को दबाने लगे। फ्लोरिडा हॉस्पिटल सैनफोर्ड-बर्नहैम ट्रांसलेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर मेटाबॉलिज्म और डायबिटीज के एक्सपर्ट ने हिप्स फैट की जांच की। मुख्य रिसर्चर्स डॉ स्टीवन स्मिथ के मुताबिक, हिप्स में फैट जमा होने से हार्ट डिसीज और डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। जिन महिलाओं को हार्ट अटैक आता है उनके टमी एरिया में फैट अधिक होता है।
ब्रेस्ट फैट
एक्सपर्ट का कहना है कि महिलाओं में ब्रेस्ट का साइज बड़ा होने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। 2008 में हुई एक रिसर्च में सामने आया कि बड़े ब्रेस्ट वाली 20 साल की लड़कियों में अगले 10 सालों में डायबिटीज का खतरा अधिक बढ़ गया था। 2012 में वैज्ञानिकों ने पाया था कि बड़े ब्रेस्ट से कोई जोखिम नहीं था लेकिन उससे विसरल फैट जमने का जोखिम बढ़ जाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि बड़े ब्रेस्ट वाली महिलाओं में उम्र, गर्भावस्था, ब्रेस्ट फीडिंग और जेनेटिक हिस्ट्री के बिना भी स्तन कैंसर विकसित होने का खतरा बना रहता है। बीएमवी मेडिकल जेनेटिक्स में पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक, ब्रेस्ट बढ़ने का कारण जेनेटिक्स थे।
पेट की चर्बी
हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है विसरल फैट। यह डिप्रेशन, डिमेंशिया और डायबिटीज जैसी बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। विसरल फैट मुख्यत: पेट और लोअर बैक के आसपास के एरिया में अधिक जमता है। इस फैट के कारण पेट का आकार काफी बढ़ जाता है।जिन महिलाओं की कमर का साइज हिप्स से बड़ा होता है, उनमें हार्ट अटैक का अधिक खतरा होता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पाया कि कमर का बड़ा साइज और हिप्स से बड़े कमर के साइज वाली महिलाओं को दिल का दौरा पड़ने का खतरा 10-20 प्रतिशत अधिक होता है।
कमर का साइज कम करने के लिए कार्ब्स की मात्रा कम करने और प्रोटीन वाले फूड की मात्रा बढ़ाने की सलाह दी जाती है। साथ ही स्विमिंग, साइकिलिंग, वेट ट्रेनिंग और रनिंग आदि वर्कआउट करके पेट की चर्बी को बड़े आराम से कम किया जा सकता है।
गर्दन की चर्बी
गर्दन पर जमी चर्बी पर अक्सर हम ध्यान नहीं देते है। ऐसे में कई शोध में यह पाया गया कि गर्दन पर जमा चर्बी शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को दिखाता है। हाल की एक स्टडी के मुताबिक, गर्दन की परिधि बढ़ने से हार्ट समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। गर्दन में फैट जमने से दिल संबंधित समस्याओं के जोखिम और बढ़ जाता है और यह श्वसन तंत्र पर भी बुरा प्रभाव डालता है। इससे स्लीप एपनिया जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, गर्दन में जमे फैट से हार्मोन इम्बैलेंस हो सकते हैं और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का लेवन भी कम कर सकता है।
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Kajal Dubey
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