लाइफ स्टाइल

शिशु का विकास और जरूरी सावधानियां, 4 महीने गर्भावस्था के लक्षण

Manish Sahu
19 July 2023 5:03 PM GMT
शिशु का विकास और जरूरी सावधानियां, 4 महीने गर्भावस्था के लक्षण
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लाइफस्टाइल: अगर आप प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में पहुंच चुकी हैं, जो यह लेख आपके लिए ही है। जब कोई महिला प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में प्रवेश करती है, तो उसकी पहली तिमाही खत्म हो जाती है। इसके बाद, महिला को मॉर्निंग सिकनेस से जुड़ी कुछ समस्याओं से राहत मिल जाती है। लेकिन जैसे ही चौथा महीना लगता है, महिलाओं को अन्य दिक्कतें होनी शुरू हो जाती हैं। इस दौरान महिलाओं के गर्भाशय का आकार थोड़ा बढ़ जाता है। साथ ही, महिलाओं के शरीर में भी कई तरह के बदलाव नजर आने लगते हैं। प्रेग्नेंसी के चौथे महिलाएं में उल्टी और जी मिचलाने की दिक्कत दूर होने लगती है। ऐसे में महिलाएं थोड़ी एनर्जेटिक रहती है। इस दौरान शिशु के शरीर का आकार भी पहले से थोड़ा बढ़ जाता है। तो आइए, इस लेख में फोर्टिस हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बंदना सोढ़ी से जानते हैं प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में नजर आने वाले लक्षणों और बदलावों के बारे में-
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में दिखने वाले लक्षण-
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने तक आते-आते जी मिचलाने और उल्टी आने जैसी समस्याएं कम हो जाती हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इस दौरान आपको कोई लक्षण महसूस न हो। प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में भी आपको इन लक्षणों का अनुभव हो सकता है-
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसकी वजह से सीने में जलन हो सकती है।
इस महीने में भूख बढ़ सकती है। इसकी वजह से वजन भी तेजी से बढ़ सकता है।
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में अपच और कब्ज जैसे लक्षणों का अनुभव भी हो सकता है। यह लक्षण डिलीवरी तक दिख सकता है।
इस दौरान महिलाएं काफी एनर्जेटिक रहती है।
पेट और स्तनों के आसपास की त्वचा पर खुजली का अहसास होना
नाक से जुड़ी समस्याएं होना
वैरिकाज वेंस की दिक्कत होना
त्वचा के रंग में बदलाव नजर आना
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में शरीर में होने वाले बदलाव
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में आपके शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आने लगते हैं। इस दौरान आपके गर्भाशय के आकार में भी बदलाव नजर आने लगेगा।
चौथे महीने में बेबी बंप आना शुरू हो सकता है।
इस दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव शुरू हो जाते हैं। इसकी वजह से त्वचा पर भी बदलाव नजर आने लगता है।
इस महीने में महिलाओं को नाक से जुड़ी समस्याएं होनी शुरू हो सकती हैं। इस दौरान नाक पर सूजन आ सकती है या फिर नाक बंद हो सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भावस्था में कब्ज बनता है। इससे बवासीर की समस्या हो सकती है।
इस दौरान महिलाओं के गर्भाशय का आकार बढ़ा हो सकता है।
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में भ्रूण का विकास-
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में शिशु का विकास तेजी से होता ही है, लेकिन इस दौरान आपको बच्चे की हलचल भी महसूस होने लगेगी। कई महिलाओं को चौथे महीने में पहली बार बच्चे की हलचल महसूस होती है।
इस दौरान गर्भ में पल रहे शिशु की लंबाई करीब 6 इंच हो जाती है। साथ ही, उसका आकार एक बड़े संतरे की तरह नजर आने लगता है।
अगर बात करें, वजन की तो प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में शिशु का वजन 113 ग्राम हो सकता है।
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में शिशु की हड्डियां मजबूत होनी शुरू हो जाती हैं।
इस दौरान शिशु के सिर, भौंह और पलकों पर बाल आने शुरू हो जाते हैं।
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में शिशु के कानों का विकास होना भी शुरू हो जाता है।
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में कौन-से टेस्ट करवाने चाहिए?
प्रेग्नेंसी के दौरान आप और शिशु स्वस्थ रहें, इसके लिए आपको समय-समय पर डॉक्टर से जांच करवाते रहना बहुत जरूरी है। ताकि कोई जटिलता आए, तो उसका इलाज आसानी से करवाया जा सके। प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में इन टेस्ट को करवाना चाहिए-
ब्लड प्रेशर की जांच
गर्भाशय के आकार की जांच करना
शुगर औप प्रोटीन की जांच करवाना
शिशु की दिल की धड़कनों को चेक करना
अल्ट्रासाउंड- प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में इसलिए अल्ट्रासाउंड करवाना चाहिए, क्योंकि इससे शिशु के विकास का पता चलता है। साथ ही, गर्भ में एक बच्चा है या जुड़वा, इसका पता भी अल्ट्रासाउंड से चल जाता है।
अल्फा-फेटोप्रोटीन टेस्ट- इस टेस्ट को तंत्रिका ट्यूब दोष का पता लगाने के लिए किया जाता है।
डाउन सिंड्रोम जैसे डिसऑर्डर का पता लगाने के लिए इंटीग्रेटेड प्रीनेटल स्क्रीनिंग टेस्ट करवाया जाता है।
जब किसी महिला को कोई परेशानी आती है, तो इसका पता लगाने के लिए एम्नियोसेन्टेसिस टेस्ट करवाया जाता है।
पैरों और एड़ियों में सूजन की जांच करने के लिए एडिमा टेस्ट किया जाता है।
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में बरतें ये सावधानियां
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में आपको पेट के बल सोने से बचना चाहिए। दरअसल, पेट के बल सोने से गर्भ में पल रहे शिशु पर दबाव पड़ सकता है।
इस दौरान आपको भारी सामान बिल्कुल नहीं उठाना चाहिए।
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में आपको टाइट कपड़े पहनने से भी बचना चाहिए। इस दौरान ढीले सूती कपड़े पहनें।
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में पाचन क्रिया धीमे काम करती है। इसलिए इस दौरान आपको फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए।
अपच और कब्ज से बचने के लिए फास्ट फूड और जंक फूड से परहेज करें।
कैफीन का सेवन बिल्कुल न करें। इससे शरीर में गर्मी बढ़ सकता है।
अगर आपके घर में पैट डॉग है, तो उससे थोड़ा दूरी बनाकर रखें।
इस दौरान आपको गर्म पानी से नहाने से बचना चाहिए। ज्यादा गर्म पानी समस्याएं पैदा कर सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान आपको एल्कोहल बिल्कुल नहीं लेना चाहिए। इससे मां और शिशु, दोनों को नुकसान पहुंच सकता है।
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में आपको अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। इस दौरान शिशु का विकास भी तेजी से होने लगता है। साथ ही, जटिलताएं भी बढ़ने लगती हैं। इसलिए इस दौरान आपको सभी सावधानियों को बरतना चाहिए।
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