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नवजात शिशु को खास देखभाल की जरूरत होती है। हालांकि नींद में अचानक नवजात शिशु की मृत्यु के मामले माता पिता के लिए भी गंभीर समस्या हैं। मां बाप जान ही नहीं पाते कि बच्चे के साथ यह हादसा क्यों और कैसे हो गया। नींद में नवजात की मौत को सडन इंफेंट डेथ सिंड्रोम कहा जाता है। नींद में नवजात की अचानक मौत यानी एसआईडीएस को मेडिकल टर्म में क्रिब डेथ भी कह सकते हैं। इस तरह की मौत का सही कारण पता नहीं चल पाया है। लेकिन अध्ययनों और विशेषज्ञों के मुताबिक क्रीब डेथ शिशु के मस्तिष्क के कारण होती है। मस्तिष्क का एक हिस्सा नींद में सांस लेने और उत्तेजना को नियंत्रित करता है, जो नवजात की अचानक नींद में मौत की वजह बन सकता है।
एसआईडीएस के कारणों का पता लगाने के लिए कई शोध किए गए, जिसमें पाया गया कि यह स्थिति नवजात के लिए खतरा है। शोधकर्ताओं ने एसआईडीएस से बचाव के लिए उपायों के बारे में भी जानकारी दी। अगर आपका भी छोटा बच्चा है और उसे सुलाने के लिए आप पालने पर लिटाती हैं तो सडन इंफेंट डेथ सिंड्रोम और इसके बचाव के बारे में जानें।
क्या है एसआईडीएस
विशेषज्ञ मानते हैं कि एसआईडीएस नवजात में एक तरह का मस्तिष्क दोष है, जो पैदा होने के साथ ही हो सकता है। ऐसे में इस कारण से बच्चे की मौत की संभावना अधिक होती है। शिशु के मस्तिष्क का वह हिस्सा जो नींद में सांस लेने या उत्तेजना को नियंत्रित करने का काम करता है, जब ठीक से काम नहीं करता तो एसआईडीएस की स्थिति बनती है।
एसआईडीएस का कारण
मस्तिष्क दोष के अलावा जब बच्चे का प्रीमैच्योर बर्थ होता है, तो नवजात का मस्तिष्क पूरी तरह के परिपक्व नहीं हो पाता। ऐसे में सांस लेने और हृदय गति जैसी स्वचालित प्रक्रिया अनियंत्रित हो जाती हैं और एसआईडीएस की संभावना बढ़ जाती है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एसआईडीएस से मरने वाले शिशुओं को सर्दी हुई थी, जिसके कारण सांस लेने में समस्या पैदा हुई। ऐसे में श्वसन संक्रमण की वजह से भी एसआईडीएस की संभावना हो सकती है।