लाइफ स्टाइल

एसी वाला जिम या नॉन एसी वाला?

Kajal Dubey
7 May 2023 2:43 PM GMT
एसी वाला जिम या नॉन एसी वाला?
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जिम जानेवाले लोग दो तरह के होते हैं, पहले-जो एयर कंडीशनिंग यानी एसी के बिना एक्सरसाइज़ कर ही नहीं सकते और दूसरे-जो मानते हैं कि एसी में एक्सरसाइज़ करना भी क्या एक्सरसाइज़ है. अब यह फ़ैसला करना बड़ा मुश्क़िल हो गया है कि एसी में एक्सरसाइज़ करना सही है या एसी के बिना. दुविधा की इस स्थिति में हमने बात की दो सेलेब्रिटी ट्रेनर्स रणवीर अलाहबादिया और अल्खास जोसेफ़ से. दोनों से हमारा सवाल यही था, जो इस लेख के शुरू में हमारे सामने खड़ा था. अधिकतम फ़ायदा पाने के लिए एक्सरसाइज़ एसी में करें या बिना एसी के?
रणवीर कहते हैं,‘‘एक्सरसाइज़ कहां और कैसे करना है यह एक्सरसाइज़ करनेवाले की निजी पसंद का मसला है. सबसे अहम् है कि आप नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करें. फिर चाहे आप एसी जिम में जा रहे हों या नॉन एसी उससे बहुत ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ता.’’ उनका मानना है कि ‘एसी में व्यायाम करने से उतना पसीना नहीं आता और सही नतीजा नहीं मिलता’ यह कुछ ज़्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर कहा गया कथन है. ‘‘मेरे ख़्याल से एसी में व्यायाम करने से उतना फ़ायदा नहीं होता कहना ग़लत है. मेरा निजी अनुभव है कि एक नि‌श्चित समय तक व्यायाम करने (चाहे आप एसी में करें या नॉन एसी में) से लगभग उतना ही नतीजा मिलता है. एसी या नॉन एसी के कारण बहुत ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ता.’’
वहीं अल्खास एसी बंद रखकर एक्सरसाइज़ करने के हिमायती हैं. वे कहते हैं,‘‘एसी के चलते ताज़ी हवा का फ़्लो बंद हो जाता है. मैं जब भी एसी ऑन करके एक्सरसाइज़ करता हूं तो लगता है जैसे दूषित हवा अंदर ले रहा हूं.’’ वैसे अल्खास कहते हैं कि यदि वेंटिलेशन का ठीक तरह से ध्यान रखा जाए तो मुझे एसी ऑन करके वर्कआउट करने में भी कोई परेशानी नहीं है.
रणवीर कहते हैं कि वे अक्सर एसी ऑन करके ही वर्कआउट करते हैं. इसका कारण गिनाते हुए वे बताते हैं,‘‘भारत जैसे गर्म देश में एसी के बिना वर्कआउट करना बड़ा कठिन काम है. यदि सेहत की दृष्टि से भी देखें तो उच्च तापमान पर एसी के बिना एक्सरसाइज़ करने का आपके शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.’’ उनका मानना है कि एसी ऑफ़ करके एक्सरसाइज़ करते हुए आप अपने शरीर के तापमान को कुछ ज़्यादा ही बढ़ा देते हैं. इससे आपको थकान और सांस लेने में दिक़्क़त महसूस होने लगती है. शरीर भले ही गर्म हो जाता है, पर जितनी कैलोरीज़ लॉस होनी चाहिए, उतनी हो नहीं पाती. रणवीर के इस तर्क के बावजूद अल्खास का अब भी यही मानना है कि फ़र्क़ तापमान से नहीं पड़ता, बल्कि ताज़ी हवा ही सबसे अधिक मायने रखती है.
कुछ लोग यह भी कहते हैं कि व्यायाम का सही फ़ायदा तभी मिलता है, जब शरीर से पसीना निकले, पर रणवीर इससे क़तई सहमत नहीं हैं. वे कहते हैं,‘‘ज़्यादा पसीना या कम पसीना निकलने का फ़िटनेस या कैलोरी बर्न से कोई लेना-देना नहीं है. ज़्यादा या कम पसीना आना आनुवांशिक कारणों के चलते होता है. यह इसपर निर्भर करता है कि आपके शरीर पर स्वेट पोर्स कितने हैं.’’
तो दोनों फ़िटनेस एक्स्पर्ट्स से हुई बातचीत का सार तो यही है कि आप नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करें. एसी ऑन करना हो तो आपकी मर्ज़ी और बंद करके पसीना बहाना हो तो आपकी सहूलियत. कैसे भी करें, पर एक्सरसाइज़ ज़रूर करें.
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