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नहाने से जुड़ी एक पॉपुलर आदत, जो बनती है हेल्दी लोगों में दिल के दौरे का कारण
दिल की बीमारियां लंबे समय से दुनियाभर में मौतों का सबसे बड़ा कारण बनी हुई हैं। फिर भी यह देख कर हैरानी होती है कि जवान और स्वस्थ लोगों में हार्ट अटैक के मामले पिछले कुछ सालों में किस तरह बढ़े हैं। खासतौर पर कोरोना वायरस महामारी के बाद से। कई सिलेब्ज़, एक्टर्स, गायक और क्रिकेटर्स दिल की जुड़ी बीमारी से अपने जान खो बैठे।
हालांकि, दिल के रोग अक्सर उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, और धूम्रपान जैसे खराब जीवनशैली विकल्पों से जुड़ा होता है, लेकिन एक पॉपुलर नहाने की आदत भी है, जो इस घातक स्थिति के जोखिम को बढ़ा सकती है।
नहाने की एक आदत हार्ट अटैक के जोखिम को कैसे बढ़ाती है?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ठंडे पानी से नहाने की आदत दिल के मरीज़ों को नुकसान पहुंचा सकती है, क्योंकि इससे दिल का दौरा पड़ सकता है या दिल की लय की अनियमितता हो सकती है।
ठंडा पानी त्वचा की रक्त वाहिकाओं को एकदम से झटका दे सकता है, जिससे वे सिकुड़ जाती हैं और शरीर में रक्त प्रवाह सुचारू रूप से बाधित हो जाता है। इससे दिल की धड़ने बढ़ जाती हैं और दिल के लिए रक्त पम्प कर पूरे शरीर में पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। नतीजतन, शरीर में दबाव बढ़ जाता है जिससे स्वस्थ लोगों में भी दिल का दौरा पड़ता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन भी फिजियोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध का हवाला देता है, जिसमें कहा गया है कि गर्म मौसम में ठंडे पानी से नहाने से युवा, फिट और स्वस्थ लोगों में दिल का दौरा पड़ सकता है। यह असामान्य हृदय ताल को ट्रिगर कर सकता है और गंभीर मामलों में अचानक मृत्यु का कारण बन सकता है।
क्या ठंडे पानी से नहाना हमेशा नुकसानदायक होता है?
अगर ठंडे पानी का इस्तेमाल समझदारी से किया जाए, तो इससे नुकसान की जगह फायदे ज़्यादा होंगे। ठंडे पानी से नहाने पर किए गए एक शोध में खुलासा यह हुआ कि जो लोग ठंडे पानी से 30 से 90 सेकंड के लिए ही नहाते हैं, उनमें बीमार पड़ने की संभावना 29 फीसदी कम हो जाती है, क्योंकि यह आदत उनके इम्यून सिस्टम को मज़बूती देती है।