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- 7 आसान उपाय, जो मुंह...
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मुंह से बदबू न आए इसकी डोर आपके पानी पीने की आदत से भी जुड़ी है। आप जरूरत भर पानी पीते हैं या बस प्यास बुझाने के लिए...इसका चुनाव आपके मुंह की फ्रेशनेस (Freshness) तय करता है। असल में पानी कम पीने से मुंह सूखने लगता है।
फिर मुंह में लार नहीं बनती है। यही लार बदबू पैदा करने वाले बैड बैक्टीरिया (Bad Bacteria) को कंट्रोल करती है। इसकी वजह से ही मुंह से बदबू नहीं आती है। अब जब पानी ही कम पिया जाएगा तो बैड बैक्टीरिया कैसे कंट्रोल होंगे।
बैड बैक्टीरिया पर कंट्रोल न होने से मुंह से बदबू आएगी ही। इसलिए दिनभर में कम से कम 2 से 4 लीटर पानी तो पिया ही जाना चाहिए।45 डिग्री पर हो ब्रश (Brush should be on 45 degree)
आप दिन में दो बार दांतों को साफ करते हैं, फिर भी बैड ब्रीथ की दिक्कत का सामना कर रहे हैं तो आपके ब्रश करने की तकनीक बदलने की जरूरत है। द अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन (The American Dental Association) ब्रश करने की सही तकनीक अपनाने पर जोर देती है।
एसोसिएशन के मुताबिक ब्रश हमेशा मसूड़ों से 45 डिग्री के एंगल पर किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि दांतों को नुकसान पहुंचाने वाले ज्यादातर बैक्टीरिया इसी एंगल पर इकट्ठा होते हैं। ये वो जगह है जहां मसूड़े और दांत मिलते हैं। पर हां, 45 डिग्री के एंगल पर ब्रश करते हुए समय का भी ध्यान रखने की जरूरत होती है। ब्रश हमेशा 2 मिनट तक किया जाना चाहिए।
दांतों की सफाई के दौरान इसके किनारों को भी न भूलें। इनकी सफाई जरूर करें। इसके साथ सामने के दांतों के लिए ब्रश से वार्टिकल स्ट्रोक (vertical strokes) भी दें। ये सारी बातें, हर बार दांतों की सफाई के दौरान याद रखें। इनसे सिर्फ सांसें ही नहीं बल्कि पूरे मुंह में बीमारियां नहीं लग पाएंगी।
बैक्टीरिया का बैलेंस (Balance of bacteria)
हमारे मुंह में एक तरह का ईकोसिस्टम (Eco System) काम करता है। जहां खराब बैक्टीरिया भी होते हैं और अच्छे वाले भी। अच्छे खान-पान से जहां इसे बैलेंस रखा जा सकता है वहीं खराब खान-पान इस बैलेंस को पूरी तरह से बिगाड़ देता है। फिर यही बिगड़ा हुआ बैलेंस मुंह में बदबू का कारण बनाता है। इस दौरान बदबू के साथ-साथ मुंह में कई सारे दूसरे बदलाव भी होते हैं, जैसे टूथ प्लैक (Tooth plaque)।
गलत खानपान है दुश्मन (Wrong food choices are enemy)
जानकार मानते हैं कि मुंह में खराब बैक्टीरिया पैदा होने का सबसे बड़ा कारण शुगर (Sugar) है। इसे जब जरूरत से ज्यादा खाया जाता है तो कुछ बुरे बैक्टीरिया मुंह में घर कर जाते हैं और बदबू पैदा करते हैं।
बाद में इनकी वजह से प्लैक और कैविटीज (cavities) भी हो जाती हैं। इसके अलावा कुछ और खाने पीने की चीजें भी मुंह का यही हाल करती हैं, जैसे प्याज, लहसुन। इसका एक हल ये है कि ऐसी चीजों को खाने के बाद ब्रश जरूर किया जाए।
जुबान भी हो साफ (Tongue should be clean)
कई दफा डेंटल हाइजीन (dental hygiene) अच्छा होने के बावजूद मुंह से दुर्गंध आती रहती है। इसकी एक वजह जुबान भी हो सकती है। दरअसल कई बार संक्रमण, धूम्रपान और दवाओं के असर के चलते जुबान पर एक परत सी जम जाती है। ये परत डेडसेल्स (dead cells) और बैक्टीरिया की होती है। जो बाद में बैड ब्रीथ की वजह बनती है।
इस स्थिति को कोटेड टंग (coated tongue) कहा जाता है। इसके लिए टंग स्क्रेपर (tongue scraper) की मदद मिल सकती है। ऐसा करने से दिक्कत पूरी तरह से खत्म नहीं होती है लेकिन ऐसा करने से धीरे-धीरे समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
चुनें सही माउथवॉश (Choose the right mouthwash)
माउथवॉश का चुनाव भी आपके मुंह के लिए फ्रेशनेस ला सकता है। आमतौर पर मिलने वाले एल्कोहल बेस्ड माउथवॉश मुंह को कुछ ज्यादा ही सुखा सा देते हैं। जिसकी वजह से बाद में बदबू और भी तेज आती है।
इसका मतलब यह बिलकुल नहीं कि आपको इन वॉश का इस्तेमाल नहीं करना है। बल्कि आप एल्कोहल फ्री माउथवॉश घर ला सकते हैं।
ध्यान दीजिए, इनमें मेंथोल और थायमोल जैसे इंग्रिडिएंट्स जरूर पड़े हों। इन सबके बाद ये भी याद रखें कि माउथवॉश तब सबसे अच्छा प्रभाव डालता है, जब इसे ब्रश के बाद कम से कम 15 मिनट तक इस्तेमाल किया जाए।
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Kajal Dubey
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