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आमतौर पर लोग मानते हैं कि फेशियल सिर्फ महिलाओं के लिए ही बेहतर होता है, लेकिन इस तरह की सोच गलत है। इन दिनों स्पा में जाकर फेशियल करवाने का भी चलन बढ़ रहा है, क्योंकि फेशियल असल में चेहरे को होने वाले नुकसान की भरपाई करने का आसान रास्ता है। सोचकर देखें, जैसे हेयरकट के लिए आप प्रोफेशनल पर भरोसा करते हैं वैसे ही चेहरे के लिए भी क्यों नहीं करते हैं?
इसका कारण ये है कि चेहरे की स्किन अस्थायी होती है। क्या कभी आपने चेहरे को आईने में देखकर सोचा है कि, ''ये मेरे चेहरे को क्या हुआ?'' इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप अपने चेहरे को कितना धोते हैं या आप अपने चेहरे पर कितना मॉइश्चराइजर लगाते हैं। मौसम या पर्यावरण में होने वाले परिवर्तन के कारण चेहरे की स्किन तुरंत ही बेजान लग सकती है।
ये सब होने पर आपको पता भी नहीं होता है कि आखिर करना क्या है? जब इस किस्म की समस्याएं होती हैं तब इस्थेटीशियन (esthetician) की एंट्री होती है। ये ट्रेंड प्रोफेशनल होते हैं जिन्हें पता होता है कि आपको बेहतर दिखने के लिए किन चीजों की जरुरत है। क्या है फेशियल? (What Is A Facial?)
अगर बेसिक बातों को समझें तो, फेशियल स्किन पर किया जाने वाला एक ट्रीटमेंट है जिसे लाइसेंस प्राप्त प्रोफेशनल द्वारा करवाया जाता है। फेशियल में मुख्य रूप से क्लींजिंग, डेड स्किन को हटाना, मसाज, ब्लैक हेड्स / व्हाइट हेड्स / इनग्रोन हेयर को हटाना और मास्क लगाना शामिल होता है।
ये सब सुनने में उसी रूटीन के जैसा लगता है जिसे आप घर पर आसानी से फॉलो करते हैं। लेकिन इसमें घर पर कार धोने और प्रोफेशनल द्वारा कार वॉश करने जितना फर्क है।
फेशियल शब्द को इन दिनों बहुत सारे अर्थों में इस्तेमाल किया जा रहा है। स्टाइलिस्ट ज्यादातर एक्ने / पिंपल (Acne / Pimple) की समस्या होने पर फेशियल करते हैं। लेकिन फेशियल का दायरा बहुत विशाल है। इन दिनों मार्केट में बहुत किस्म के फेशियल जैसे, क्रायोथेरेपी (cryotherapy), एक्यूपंचर फेशियल (acupuncture) या लेसर फेशियल (laser facial) भी मौजूद हैं।
ये सब भी फेशियल हैं, लेकिन इनमें विभिन्न रिजल्ट पाने के लिए अलग-अलग किस्म की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। स्पा में इस्थेटीशियन और क्लीनिक में स्किन रोग विशेषज्ञ के द्वारा किए जाने वाले फेशियल में काफी फर्क होता है।
स्पा में इस्थेटीशियन (Spa Esthetician) द्वारा किए जाने वाले ट्रीटमेंट का प्रभाव थोड़े समय तक ही रहता है जबकि स्किन रोग विशेषज्ञ द्वारा किया जाने वाला ट्रीटमेंट भी फेशियल होता है लेकिन ये मेडिकल प्रक्रिया नहीं होती है और इसका असर लंबे वक्त तक रहता है।
इसका ये मतलब बिल्कुल भी निकाला जाना चाहिए कि कोई एक प्रक्रिया दूसरी से बेहतर है। ये सिर्फ अलग-अलग चीजों को सूट करती हैं। इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि एक इस्थेटीशियन का काम रोज दांतों पर ब्रश करने की तरह है जबकि स्किन रोग विशेषज्ञ के पास जाना वैसा ही है जैसे आप डेंटिस्ट के पास जाते हैं।
फेशियल कितनी अवधि में करवाना चाहिए?
आपको ग्लोइंग फेस और बेहतरीन रिजल्ट पाने के लिए बार-बार फेशियल करवाने की जरुरत नहीं है। 4-6 हफ्ते में एक बार फेशियल करवाना भी काफी है। लेकिन इसे तब जरूर करवाना चाहिए जब मौसम बदल रहा हो। इससे हर सीजन की शुरुआत से पहले स्किन मौसम में होने वाले बदलावों के लिए तैयार रहेगी।
फेशियल करवाने के 6 कारण (6 Reasons to Get a Facial)
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कौन सा फेशियल करवाते हैं, स्पा या सैलून में फेशियल करवाने से आपको घर पर किए जाने वाले फेशियल से तो बेहतर ही नतीजे मिलते हैं।
1. चेहरे के लिए पावर वॉश है फेशियल
सदियों और पीढ़ियों से फेशियल को चेहरे को डिटॉक्स करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। और यही इसका सबसे बड़ा फायदा है। हर फेशियल आपकी स्किन की गहराई तक सफाई करता है। कई फेशियल में स्टीम का प्रयोग भी किया जाता है, जिससे रोमछिद्र खुल जाते हैं और स्किन मुलायम हो जाती है। इससे स्किन में जमी धूल-मिट्टी आसानी से निकल जाती है।
बहुत से सैलून इन दिनों स्टीम का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इसके अलावा वे फेशियल मसाज या क्लीजिंग की टेक्निक का भी इस्तेमाल नहीं करते हैं। जो आपकी स्किन को गहराई तक साफ करने में मदद करती है। इसलिए फेशियल करवाने से पहले अपने बंदे से पूरी प्रक्रिया को समझ लेना बेहतर रहता है।
2. फेशियल से दूर होते हैं ब्लैकहेड्स
साफ किया जाता है। चेहरे की स्किन को गहराई तक साफ करना भी इसी का हिस्सा है। इस प्रक्रिया में प्रोफेशनल्स मैनुअली रोमछिद्रों से ब्लैकहेड्स को बाहर निकालते हैं। इसके अलावा मवाद भरे दानों को सुरक्षित तरीके फोड़ना और स्किन में किसी किस्म की फुंसी आदि को भी हटाना इसी प्रकिया में शामिल होता है। ये खुद किसी पिंपल को फोड़ने से बहुत अलग अनुभव होता है।
जैसे, खुद पिंपल को फोड़ने से लंबे वक्त के लिए स्किन पर निशान आने का खतरा बना रहता है। लेकिन प्रोफेशनल के करने पर ये खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। एक बार रोमछिद्र साफ होने के बाद प्रोफेशनल इसे अल्फा हाईड्रॉक्सी एसिड या रेटिनोल से साफ कर देते हैं। जिससे इंफेक्शन का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
3. फेशियल हटाता है डेड स्किन
क्लींजिंग की तरह ही फेशियल से स्किन को गहराई तक साफ किया जा सकता है। चेहरे को घिसकर डेड स्किन निकालने से स्किन टोन सुधरती है और रोम छिद्र भी बेहतर दिखने लगते हैं। इससे स्किन केयर प्रोडक्ट्स भी स्किन में गहराई तक जाकर असर कर पाते हैं।
ये घर पर किए जाने वाले स्क्रब जैसा नहीं है। प्रोफेशनल लेवल के डेड स्किन हटाने वाले प्रोडक्ट्स काफी पावरफुल होते हैं और ये स्किन की परतों में अधिक गहराई तक जाकर ज्यादा डेड स्किन कोशिकाओं को हटाते हैं।
ये प्रोडक्टस ज्यादातर कैमिकल बेस्ड होते हैं। जिनमें एसिड्स और एंजाइम का प्रयोग स्किन कोशिकाओं के बांड को तोड़ने और उन्हें हटाने के लिए होता है। जबकि साधारण स्क्रब सिर्फ स्किन की सतह पर ही काम करते हैं। इस्थेटीशियन इन स्ट्रांग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से करके बेहतर नतीजे दे सकते हैं।
4. फेशियल से जानें अपनी स्किन को
एक प्रोफेशनल इस्थेटीशियन आपकी स्किन को बेहतर तरीके से समझ सकता है। उन बारीकियों को भी जिन्हें आप आईने में चेहरा देखकर नहीं समझ पाते हैं। जैसे, क्या आप चेहरे की स्किन पर सही प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर आपकी स्किन को असल में किस चीज की जरुरत है।
फेशियल असल में अपनी स्किन के बारे में सीखने का एक तरीका है क्योंकि प्रोफेशनल आपको आपकी स्किन की स्थिति और दशा के बारे में समझाता है। वे आपको आपकी स्किन की सही देखभाल के लिए सलाह और सुझाव भी देते हैं, जिन्हें आप घर जाने के बाद फॉलो कर सकते हैं। वे आपको स्किन टाइप के हिसाब से सही स्किन केयर प्रोडक्ट्स का सुझाव भी दे सकते हैं।
5. प्रोफेशनल्स के पास होते हैं बेहतर टूल्स
एस्थेटीशियन्स और स्किन रोग विशेषज्ञ फेशियल के लिए बेहतर प्रोडक्टस और टूल्स का इस्तेमाल करते हैं। ये टूल्स सिर्फ प्रोफेशनल के इस्तेमाल के लिए ही बने होते हैं। जो स्किन में वाकई गहराई से निखार लाने में मदद करते हैं।
प्रोफेशनल्स फेशियल के लिए ढेर सारी एलईडी लाइट्स, रेडियो फ्रीक्वेंसी, बिजली का करंट और अल्ट्रासाउंड तक का इस्तेमाल करते हैं। जबकि कुछ प्रोफेशनल्स लेसर और ज्यादा स्ट्रांग थेरेपी का भी इस्तेमाल करते हैं।
हालांकि हर फेशियल में हाई लेवल की थेरेपी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। लेकिन ये सारी थेरेपी और टूल्स इन दिनों स्टैंडर्ड थेरेपी का हिस्सा बन चले हैं और बेहतर रिजल्ट देने का वायदा करते हैं।
6. फेशियल से मिलता है सुकून
आप भी मार्केट में कोई बिना झंझट के फटाफट होने वाला फेशियल आजमा सकते हैं। लेकिन क्या ये काफी है? तो जवाब है कई बार हां तो, कई बार नहीं भी। लेकिन फेशियल वाकई आपको फ्रेश फील कराने में मदद करते हैं।
फेशियल में आपकी स्किन को बेहतर बनाने के लिए कई चरणों में मेहनत की जाती है। इससे न सिर्फ आपकी स्किन खुलकर सांस ले पाती है बल्कि इस पूरी कवायद के दौरान आप आंखें बंद करके सिर्फ प्रोफेशनल्स को काम करते हुए महसूस कर पाते हैं।
यकीन मानिए, फेशियल पूरा होने के बाद आपको निखरी हुई बल्कि स्वस्थ त्वचा भी मिलती है। फेशियल के दौरान स्किन पर होने वाली मसाज से भी आपको फ्रेश फील करने में मदद मिलती है।
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Kajal Dubey
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