लाइफ स्टाइल

5 आसान और प्रभावी प्लांट केयर टिप्स

Kajal Dubey
29 April 2023 11:26 AM GMT
5 आसान और प्रभावी प्लांट केयर टिप्स
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पौधे हमारे घर में नई ताज़गी भर देते हैं, ख़ासकर अगर आपका ज़्यादातर समय इनडोर यानी घर के अंदर बीतता हो. ऐसे में इनडोर प्लांट्स सही मायने में हमारे दोस्त की भूमिका निभाते हैं. अगर आपके घर में भी ऐसे ही हरे-भरे दोस्त हों तो यहां बताए जा रहे तरीक़े इन दोस्तों की खातिरदारी के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं.
हिसाब से पानी डालें
हम सभी की यह सोच होती है कि ज़्यादा है तो बेहतर है. पर पौधों को पानी देने के लिहाज से यह धारणा सही नहीं होती. पौधों को उतना ही पानी दें, जितने की उनको ज़रूरत हो. तो कैसे पता चलेगा कि किस पौधे को कितने पानी की ज़रूरत है? यह निर्भर करता है पौधे के प्रकार पर. हर पौधे की पानी की ज़रूरत अलग-अलग होती है. तो नया पौधा ख़रीदते समय यह पता करें कि वह पौधा मूल रूप से किस जगह और जलवायु का है. यह जानकारी आपको यह समझने में मदद करेगी कि आपके पौधे को पानी की कितनी ज़रूरत है. आमतौर पर पौधों को अच्छी तरह पानी देना चाहिए और वह भी नियमित रूप से, बजाय इसके कि बीच-बीच इनपर पानी का छिड़काव भर करने का. हां, एक बात यह याद रखें, भले ही आपके पौधे को ज़्यादा पानी चाहिए हो, पर ज़रूरत से ज़्यादा पानी देना इसे कमज़ोर कर सकता है.
पौधों की कटाई छंटाई करते रहें
पौधों की वृद्धि के लिए समय-समय पर उनकी कटाई-छंटाई करते रहने से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं है. जिस तरह हम अपने बालों की ग्रोथ के लिए उन्हें समय-समय पर ट्रिम कराते रहते हैं. यही सिद्धांत पौधों पर भी लागू होता है. जब हम पौधों को हल्का कर देते हैं तो वे अच्छी तरह बढ़ते हैं. दो तरह की कटाई-छंटाई प्रचलित है-हेडिंग और थिनिंग. जहां हेडिंग से पौधों की रीग्रोथ होती हैं, वहीं थिनिंग की टेक्नीक वुडी प्लांट्स के लिए कारगर साबित होती है.
पौधों के मूल स्थान की पहचान करें
अगर आप सही मायने में अपने पौधों से प्यार करते हैं तो आपको उनके नेटिव यानी मूल स्थान की पहचान ज़रूर करनी चाहिए. ऐसा करने से उनकी देखभाल में आसानी होती है. किस तरह की मिट्टी उन्हीं चाहिए, नमी कितनी ज़रूरी है, तापमान क्या होना चाहिए, पानी कितना चाहिए या किन पोषक तत्वों की उन्हें आवश्यकता होती है, जैसी बातें पता होनी चाहिए.
कभी-कभी अपनी अतिव्यस्तता के चलते हम पौधों से जुड़ी छोटी-छोटी बातों को नज़रअंदाज़ कर जाते हैं, जैसे घर के जिस कोने में वे रखे हैं, क्या वहां लाइट पहुंच रही है? जब आप पौधों की छोटी-छोटी डीटेल से परिचित होंगे तो उनकी ज़रूरत के अनुसार उनका ख़्याल रखेंगे, तब कमरे में प्लेसिंग भी उनकी ज़रूरत के हिसाब से होगी. यानी जिन पौधों को ज़्यादा धूप चाहिए उन्हें धूपवाली जगह पर रखेंगे, जिन्हें कम चाहिए उन्हें छांव वाली जगह. ऐसा करने से पौधों को रोज़ धूप दिखाने के लिए जगह चेंज कराने की ज़रूरत नहीं होगी.
खाद डालें या नहीं?
हम सभी का मानना होता है कि पौधों की ग्रोथ के लिए खाद बहुत ज़रूरी हैं. पर कभी-कभी खाद का इस्तेमाल बहुत ही पेचीदा हो जाता है. आमतौर पर इंडोर प्लांट्स को आउटडोर प्लांट्स की तुलना में बहुत ही कम खाद की ज़रूरत होती है. ख़ासकर यदि आपने हाल ही में मिट्टी चेंज की हो तो अगर आप खाद नहीं डालना चाहें तो भी कुछ ख़ास फ़र्क़ नहीं पड़ता.
खाद का चुनाव भी बड़ी समझदारी से करें. नर्सरी वाले की सलाह पर खाद न ख़रीदें. आपको पता होना चाहिए कि आपके पौधे के लिए किस तरह की खाद ज़रूरी है. जहां तक हो सके केमिकल फ़र्टिलाइज़र यानी खाद से बचें. जैविक खाद देने से पौधों की सही व सुरक्षित वृद्धि होती है.
डीआईवाई प्लांटर
आप कहीं बाहर जानेवाले हैं? घर में पौधों की देखभाल के लिए कोई नहीं है? अगर आप पौधा प्रेमी हैं तो यह आपके लिए दुनिया की सबसे बड़ी दुविधाओं में एक होगी. आपके पास इतना बजट भी नहीं है कि एक प्लांट सिटर ख़रीद सकें तो यहां बताया जा रहा डीआईवाई प्लांटर आपके काम आएगा. इसकी मदद से आप पौधों को बेफ़िक्र होकर छोड़कर जा सकती हैं. आपको चाहिए एक सॉसर (तश्तरी) और ड्रैनेज पॉट. यह ध्यान रखें कि सॉसर की साइज़ पॉट से बड़ी हो. अब सॉसर में पानी भरें और प्लांट को ड्रैनेज पॉट में. ऐसा करने से प्लांट अपनी ज़रूरत का पानी सॉसर से ले लेगा. यह तरीक़ा उन प्लांट्स के लिए कारगर साबित होगा, जिन्हें बहुत ज़्यादा पानी की ज़रूरत नहीं होती. याद रखें, पौधों की देखभाल का यह डीआईवाई तरीक़ा केवल 2 से 3 दिन तक के लिए कारगर साबित हो सकता है. जिन पौधों को ज़्यादा पानी चाहिए होता है, उनपर यह तरीक़ा काम नहीं करता.
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