लाइफ स्टाइल

आपके अतिरिक्त वज़न को कम करने के लिए 4 विंटर सुपर फ्रूट्स

Kajal Dubey
8 May 2023 1:15 PM GMT
आपके अतिरिक्त वज़न को कम करने के लिए 4 विंटर सुपर फ्रूट्स
x
अपने आहार को संतुलित बनाए रखने के लिए सबसे अच्छा तरीक़ा है कि आप अपने खानपान में कम फ़ैट और कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें.
नियमित व्यायाम: चाहे वह योग हो, जिमिंग हो या नॉर्मल मॉर्निंग वॉक-ये सब स्वस्थ जीवन के ज़रूरी हैं, लेकिन उतनी ही ज़रूरी है डायट, जिसे आप फ़ॉलो करते हैं, जो कि योजनाबद्ध होनी चाहिए. दिनभर का डायट प्लान तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें ऐसे मौसमी फल शामिल हों, जो आपको आवश्यक विटामिन, मिनरल्स और ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स प्रदान करते हों.
फ़ाइबर से भरपूर फल पाचन-स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं. ब्लोटिंग से दूर रहने के लिए नियमित रूप से इनका सेवन करें. आप इन्हें नाश्ते में या मील्स की तरह भी ले सकते हैं.
सेब
सेब में मौजूद ढेर सारे पोषक तत्व, इसे सुपर फ्रूट्स की कैटेगरी में लाते हैं. विटामिन बी से लेकर, जो रेड ब्लड काउंट (आरबीसी) के स्तर को बनाए रखता है और ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स तक, जो हमें बीमारियों से लड़ने में मदद करता है, सेब में ये दोनों तत्व मौजूद होते हैं. सेब कैलोरी काउंट में कम और फ़ाइबर से भरपूर होता है, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है. सेब के नियमित सेवन से डायबिटीज़ को कंट्रोल करने में, कोलेस्टेरॉल कम करने में, दिल संबंधित बीमारियों से लड़ने में, मस्तिष्क को तेज़ रखने और अस्थमा से बचने में मदद मिलती है.
पेर
पेर या नाशपाती न केवल विटामिन सी और के से भरपूर होता है, बल्कि इसमें डायटरी फ़ाइबर भी मौजूद होता है. फ़ाइबर पाचन के लिए अच्छा होता है साथ ही कोलेस्टेरॉल लेवल को कम भी करता है और वज़न कम करने में भी मदद करता है. पेर, आवश्यक ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स, प्लांट कम्पाउंड से भरपूर होते हैं. ये फ़ैट-फ्री और कोलेस्टेरॉल फ्री होते हैं.
संतरे
संतरे में कैलोरी कम और विटामिन सी व फ़ाइबर अधिक मात्रा में मौजूद होता है. ये क्रोइसैन (एक तरह का खाद्य पदार्थ) की तुलना में चार गुना और म्यूसली बार की तुलना में दो गुना अधिक पेट भराऊ होता है. फलों का जूस पीने की अपेक्षा उन्हें नैचुरल तरीक़े से खाने पर ना केवल आपको कम कैलोरी मिलती है, बल्कि एक तरह से संतुष्टि का भाव प्राप्त होता है. यदि आप वज़न कम करने की कोशिश में हैं, तो संतरे का जूस पीने की बजाय संतरे का ही सेवन करें.
स्टोन फ्रूट्स
स्टोन फ्रूट्स में पीच, नेक्टरीन, चेरी और एप्रिकॉट्स शामिल हैं. ये स्टोन फ्रूटस कैलोरी में कम होते हैं और विटामिन सी और ए जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो उन्हें वज़न कम करने के लिए एक बढ़िया विकल्प बनाता है. इन स्टोन फ्रूट्स को आप ताज़ा खा सकते हैं, इनसे फ्रूट्स सलाद बना सकते हैं और इन्हें स्टॉव जैसे स्वादिष्ट व्यंजनों में भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इनमें मौजूद ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स आपके शरीर में अनेक तरह के महत्वपूर्ण फ़ायदे पहुंचाते हैं.
एक अनुमान के अनुसार भारत में 77 मिलियन यानी सात करोड़ सत्तर लाख से अधिक लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं. डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है, जो अपने साथ-साथ कई और बीमारियों को साथ लाती है. कोरोना वायरस के आने के बाद डायबिटीज़ की पहचान अधिक जोख़िम वाली बीमारियों में की गई और हम सबने यह नोटिस भी किया कि कोरोना उन लोगों के लिए प्राणघातक साबित हो रहा है, जिन्हें पहले से कोई बीमारी है. ऐसे में हमें अपने खानपान को लेकर पहले से अधिक सतर्क रहने की ज़रूर है. डायबिटीज़ पीड़ितों को और भी अधिक.
डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए सबसे अधिक परेशानी का सबब मीठा होता है. डायबिटीज़ के बढ़ने की वजह शक्कर होती है ऐसे में उस पर लगाम लगाना ज़रूरी हो जाता है. अगर समय रहते परहेज़ ना करें, तो डायबिटीज़ का लेवल बढ़ता जाता है, जिससे जान का ख़तरा भी होता है. हालांकि पूरी तरह से मीठे से मुंह मोड़ पाना बहुत मुश्क़िल होता है, इसलिए हम यहां पर शक्कर की जगह 8 सेहतमंद विकल्पों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप अपने डॉक्टर की सलाह पर अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं.
आर्टिफ़िशियल स्वीटनर
स्नैक्स और ड्रिंक्स में इस्तेमाल किया जाना वाला इस समय का सबसे पसंदीदा शुगर विकल्प है. आर्टिफ़िशियल स्वीटनर रोज़ाना इस्तेमाल की जानेवाली शक्कर के मुक़ाबले बहुत मीठा होता है, लेकिन इसमें कैलोरी ना के बराबर होती है और यही कारण है कि आजकल यह चर्चा में है. वज़न घटाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. डायबिटीज़ के मरीज़ मीठे की क्रेविंग कम करने के लिए इसे अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं. हालांकि ऐसा डॉक्टर की सलाह लिए बिना ना करें.
प्राकृतिक शहद
रॉ या जंगल से मिलने वाला शहद दुनिया के पसंदीदा मिठास में से एक है. यह ना केवल एक स्वीटनर है, बल्कि इसमें मौजूद विटामिन बी 6, एंज़ाइम, ज़िंक, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स, फ़ॉस्फोरस, नियासिन, और राइबोफ़्लेविन की अच्छी मात्रा इसे एक हेल्दी फ़ूड बनाती है. ये सभी पोषक तत्व गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रणाली में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को उत्तेजित करने में भी सक्षम होते हैं. हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि शहद पूरी तरह से अनप्रॉसेस्ड होना चाहिए. आप इसे सीधे मधुमक्खी पालाकों से प्राप्त कर सकते हैं, जो अनपाश्चराइज़्ड फ़ॉरेस्ट शहद बेचते हैं. प्रॉसेस्ड शहद पाश्चराइज़ेशन प्रक्रिया के दौरान अपने अधिकांश पोषक तत्व खो देता है और आपको पूरा पोषण नहीं मिल पाता है.
खजूर
स्टेविया
पेय पदार्थों में मिठास जोड़ने के लिए इस पौधे का इस्तेमाल सदियों से एक प्राकृतिक स्वीटनर के रूप में होता आ रहा है. मिठास पौधे की पत्तियों में होती है. इसे वज़न कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. रोज़ाना प्रयोग होनेवाली शक्कर की तुलना में यह लगभग 200 गुना अधिक मीठा होता है. इसका उपयोग लिक्विड फ़ॉम, बेकिंग मिक्स, पाउच और डिसॉल्वेबल टैबलेट के रूप में किया जा सकता है. इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है. इसमें कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट भी नहीं होता है.
कोकोनट शुगर
नारियल को उसके अलग-अलग फ़ायदों व उपयोग के लिए जाना जाता है, जिसमें काकोनट शुगर भी शामिल है. इस स्वादिष्ट प्राकृतिक स्वीटनर ने अपने कम ग्लूकोज़ कॉन्टेंट और मिनिरल्स जैसे आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, ज़िंक और ऐंटी-ऑक्सिडेंट आदि की प्रचुरता के कारण लोकप्रियता हासिल की है. दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में नारियल प्रचुर मात्रा में उगाया जाता है, जो इसे और भी बेहतर विकल्प बनाता है.
बनाना पेस्ट
केले में फ़ाइबर और पोटैशियम के साथ-साथ विटामिन बी 6 और विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है. अपनी मिठास के कारण केले व उसके पेस्ट को पारंपरिक खाद्य पदार्थों और मीठे व्यंजनों में एक लोकप्रिय प्राकृतिक स्वीटनर के रूप में उपयोग किया जाता है.
मेपल सिरप
हाल के दिनों में मेपल सिरप का दुनियाभर में फ़ेमस नैचुरल स्वीटनर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. इस सिरप में अधिक मात्रा में पोषक तत्व होते है, जिसमें मैंगनीज़, ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स, ज़िंक, कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम शामिल है. इसे लाल या काले मेपल के पेड़ों की जड़ों से निकाला जाता है.
मॉन्क फ्रूट
आकार में छोटा और रंग में हरा यह फल आमतौर पर दक्षिण-पूर्व एशिया में उगाया जाता है. यह प्राकृतिक स्वीटनर बेहद फ़ायदेमंद है और इसी वजह से इसे विभिन्न खाद्य और पेय पदार्थों में इस्तेमाल किया जाता है. इसमें अधिक मात्रा में इंफ़्लेमेटरी गुण और ज़ीरो कैलोरी होती है, जो इसे वज़न घटाने और डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के लिए समर्थ बनाती है.
तो अगली बार जब आप इस दुविधा में पड़ते हैं, जहां पर आपको डायबिटीज़ भी नियंत्रित रखना है और मीठा भी खाना है, तो इन सारे विकल्पों में से किसी एक को अपने डॉक्टर की सलाह लेकर इस्तेमाल कर सकते हैं. हमारा सुझाव है कि डॉक्टर से सलाह लेने के बाद भी इनका इस्तेमाल कम मात्रा में ही करें.
यह लेख डॉ मनोज चावला, निदेशक और सलाहकार, डाईबटोलॉज़िस्ट, लीना डायबिटीज़ केयर ऐंड मुंबई डायबिटीज़ रिसर्च सेंटर के इनपुट्स पर आधारित है.
संस्कृत में अदरक को विश्वौधि कहा जाता है. चिकित्सा के आयुर्वेदिक तरीक़े को अपनाने वालों का मानना है कि भोजन के पूर्व नियमित रूप से अदरक का रस सेवन करने से जीभ और गले का कैंसर नहीं होता. आख़िर अदरक में इतना ख़ास क्या है? कैसे किया जाना चाहिए सही फ़ायदा पाने के लिए इसका सेवन? आइए, जानने की कोशिश करते हैं.
अदरक की ख़ासियत
अदरक भारतीय घरों में इस्तेमाल होनेवाला एक आम मसाला है. प्राचीन काल से ही इस मसाले का सर्दी-खांसी के उपचार समेत भूख बढ़ानेवाली औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. जोड़ों को मज़बूत बनाए रखने में भी अदरक की बड़ी भूमिका होती है, ख़ासकर यह गठिया के रोगियों के लिए तो वरदान से कम नहीं है.
अदरक में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें 80.9% पानी, 2.3% प्रोटीन, 0.9% वसा, 12.3% कार्बोहाइड्रेट होता है. इसके अलावा 100 ग्राम अदरक में 2.6 मिलीग्राम आयरन होता है. अदरक में ठीक-ठाक मात्रा में विटामिन ए और बी भी होते हैं. प्राचीन चीन के नाविक समुद्री यात्रा के दौरान स्कार्वी से बचने के लिए अदरक का सेवन किया करते थे.
इस्तेमाल और पाचन संबंधी लाभ
वैसे तो हमारे देश में चाय में अदरक डालने की परंपरा रही है. अदरक वाली चाय थकान दूर करके फुर्ती से भर देने के लिए जानी जाती है. पर अदरक के सेवन का सही समय है भोजन के आधा घंटे पहले. अगर आप इस औषधि का सही और पूरा फ़ायदा पाना चाहते हैं तो खाना खाने से आधा घंटा पहले तीन-चार चम्मच अदरक के रस में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर खाएं. इससे आपकी भूख खुलेगी. भोजन का ठीक तरह से होगा पाचन होगा और पेट में गैस नहीं बनेगी. नियमित रूप से अदरक के सेवन से कब्ज़ नहीं होती. आंतों में अगर कीड़े हो गए हैं तो अदरक उन्हें नष्ट करके मलद्वार द्वारा बाहर निकाल देता है. अदरक पेट की हर तरह की गड़बड़ी को शांत करता है.
दूसरी बीमारियों में अदरक के फ़ायदे
अदरक गठिया निवारक, स्फूर्तिदायक, गले और आंखों के लिए उपयोगी तथा पौष्टिक होता है. आंखों में जलन हो रही हो, या नज़र कमज़ोर हो तो अदरक आंखों के लिए उत्तम टॉनिक का काम करता है. भोजन के पूर्व अदरक का रस लेने अथवा उसके कुछ टुकड़े खाने से कफ़ नष्ट होती है और सदी-जुकाम से राहत मिलती है. अदरक का रस सूजन, मूत्र-विकार, पीलिया, बवासीर, दमा, खांसी, जलोदर (ड्रॉप्सी) तथा अन्य कई बीमारियों में बहुत ही लाभदायक है.
आयुर्वेद के अनेक विशेषज्ञों का मानना है कि अदरक का नियमित रूप से सेवन करने से जीभ एवं गले का कैंसर नहीं होता. सिरदर्द की अवस्था में अदरक के रस की कुछ बूंदें नाक में डालने से दर्द से राहत मिलती है. यदि दांत में दर्द हो, तो दर्दवाले दांत पर अदरक का टुकड़ा रगड़ने से आराम मिलता है. नजला और साइनस रोग में भी अदरक के इस्तेमाल से राहत मिलती है. इस तरह हम कह सकते हैं कि हमारे घर में मौजूद यह आम मसाला बहुत ही ख़ास काम करता है.
वीट बेरीज़ (गेहूं के दाने) सच में बेरीज़ नहीं है, बल्कि यह एक तरह का साबुत अनाज है! भारत के कई राज्यों में इसे गेहूं या दूसरे अन्य नामों से जाना जाता है. यह अन्य साबुत अनाजों जैसे धान, बाजरा, ज्वार, जौ का एक शुद्ध रूप है. भारत में गेहूं की खेती सबसे अधिक पूर्वी राज्यों व पंजाब में की जाती है. पूरे विश्व में मक्का के बाद गेहूं दूसरी सबसे अधिक उगाई जानेवाली फसल है.
गेहूं को पीसकर आटे के रूप में तैयार किया जाता है, जिससे रोटियां, ब्रेड, कुकीज़, केक, दलिया, पास्ता, सेवइयां, नूडल्स और अन्य तरह के खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं. हालांकि अगर आपको गेहूं के पोषक तत्वों का पूरा फ़ायदा उठाना है, तो इसे साबुत ही पकाकर अपने प्लेट में परोसें.
गेहूं के फ़ायदे
अधिकतर साबुत अनाजों की तरह गेहूं भी कॉम्प्लेक्स कार्ब्स और फ़ाइबर का मुख्य स्रोत है. पोषक तत्वों से भरा यह खाद्य पदार्थ लंबे समय तक पेट भरा रखता है, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है, मेटाबॉलिज़्म बढ़ाने और वज़न कम करने में मदद करता है. इसके अलावा पाचनतंत्र को स्वस्थ्य बनाए रखने में भी मदद करता है. इसमें प्रोटीन की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो मांसपेशियों और कोशिकाओं के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. गेहूं आयरन का भी एक मुख्य स्रोत है इसलिए हीमोग्लोबिन के लेवल को संतुलित बनाए रखने के लिए रोज़ाना इसे अपने खानपान में शामिल कर सकते हैं. गेहूं को फ़र्मेंट करके बियर, वोदका और शराब की अन्य किस्में भी तैयार की जाती हैं.
कैसे करे गेहूं का इस्तेमाल
अगर आप गेहूं में मौजूद सभी पोषक तत्वों का फ़ायदा उठाना चाहते हैं, तो उसे साबुत ही पकाएं या उबालें. साबुत गेहूं या उसके दलिया को उबलते पानी में डालें और फिर उसे सब्ज़ियों के साथ हल्का पकाकर खाएं. आप इसका इस्तेमाल आप स्प्राउट्स, कीन्वा, राइस या बाजरा की जगह अपने मेन कोर्स के रूप कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल पुलाव बनाने में, ठंडे सलाद के ऊपर गार्निश करने में, नाश्ते के रूप में या करी में डालकर किया जा सकता है.
इस बात पर भी ध्यान रखें
गेहूं कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है, लेकिन यह ग्लूटन फ्री नहीं होता है. अगर आपको ग्लूटन से एलर्जी है, तो आप इसे अपनी डायट में शामिल ना करें. किसी व्यक्ति को ग्लूटन से एलर्जी होती है, तो उसे पेट संबंधित
Next Story